केरल भारत के सबसे सुंदर राज्यों में से एक है। केरल अपने समुद्र तटों, बैकवाटर्स, चाय के बाग़ानों, हिल स्टेशन और शानदार झीलों के लिए जाना जाता है। प्रकृति प्रेमी और रोमांच का शौक़ीन रखने वालों के लिए केरल किसी जन्नत से कम नहीं है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में सैलानी केरल को घूमने के लिए आते हैं। जो लोग पहली बार केरल आते हैं उनके मन में ये उधेड़बन रहती है कि कहां से घूमना शुरू किया जाए और यहाँ क्या-क्या घूमा जाए? केरल को 7 दिन में कैसे घूमें, कहां जाएँ? इसकी पूरी प्लानिंग हम आपको बता देते हैं जिससे आपको केरल आने में कोई दिक़्क़त ना हो।
दिन 1: कोच्चि
आपकी केरल की यात्रा कोच्चि पहुँचने के बाद शुरू हो जाएगी। आप कोच्चि ट्रेन और फ़्लाइट दोनों माध्यम से आ सकते हैं। कोच्चि पहुँचने के बाद सबसे पहले एक होटल खोजिए। कोच्चि में आपको महंगे-सस्ते हर प्रकार के होटल मिल जाएँगे। कुछ देर लंबी यात्रा की थकान मिटाइए और फिर तैयार होकर कोच्चि को देखने के लिए निकल पड़िए। सबसे पहले एक स्थानीय होटल में स्थानीय व्यंजन का स्वाद लीजिए।
कोच्चि में कुछ जगहें हैं जिनको देखने के लिए आप जा सकते हैं। आपको सबसे पहले मरीन ड्राइव जाना चाहिए। मरीन ड्राइव कोच्चि की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। इसके बाद सैंट फ़्रांसिस चर्च और मट्टनचेरी पैलेस को देखने के लिए निकल पड़िए। सैंट फ़्रांसिस चर्च भारत का सबसे पुराना यूरोपियन चर्च है। मट्टनचेरी पैलेस का आर्किटेक्चर देखकर आप हैरान रह जाएँगे। मट्टनचेरी पैलेस को डच पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा आप कोच्चि में क़िला, वीरनपुझा झील और बोलगटी पैलेस जैसी जगहों को देख सकते हैं।
दिन 2: कोच्चि से मुन्नार
अगले दिन कोच्चि से मुन्नार जाने के लिए तैयार हो जाइए। कोच्चि से मुन्नार की दूरी लगभग 130 किमी. है। आप कोच्चि से मुन्नार जाने के लिए कैब बुक कर सकते हैं। इसके अलावा मुन्नार जाने के लिए कोच्चि से कई बसें भी चलती हैं। मैदानी रास्ते से शुरू होकर ये यात्रा पहाड़ों में पहुँचती है। मुन्नार का रास्ता इतना खूबसूरत है कि आपको केरल से प्यार हो जाएगा। लगभग 4-5 घंटे की यात्रा के बाद आप मुन्नार पहुँचेंगे। मुन्नार केरल का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यहाँ पर किसी होटल में ठहरने का प्रबंध कीजिए और अपनी थकान को मिटाइए। शाम के समय मुन्नार में टहलने के लिए निकल पड़िए और किसी होटल में बढ़िया सा खाना खाइए।
दिन 3: मुन्नार
मुन्नार अंग्रेजों के ज़माने से एक हिल स्टेशन है। मुन्नार केरल के इडुक्की ज़िले में आता है और समुद्र तल से 1,532 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। अगले दिन सुबह जल्दी उठ जाइए और मुन्नार को एक्सप्लोर करने के लिए निकल पड़िए। मुन्नार में आप नीलकुरिंजी से यात्रा शुरू कर सकते हैं। इस जगह पर 40 से ज़्यादा फूलों की प्रजाति देखने को मिलेगी। इसके बाद आपको मुन्नार के चाय के बाग़ान देखने के लिए जाना चाहिए। मुन्नार के चाय के बाग़ान देखना एक अलग ही अनुभव है।
मुन्नार में आप रोज़ गार्डन और इको प्वाइंट जैसी जगहों पर भी जा सकते हैं। मुन्नार में लक्कम वाटरफॉल भी है। ये झरना मुन्नार की सुंदरता में चार चाँद लगा देता है। इन सारी जगहों के देखने के बाद भी अगर आपके पास समय बचता है तो आप एराविकुलम नेशनल पार्क में सफ़ारी कर सकते हैं। एराविकुलम नेशनल पार्क मुन्नार से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये जगह कई दुर्लभ जानवरों का घर है। इसके बाद शाम तक मुन्नार लौट आइए।
क्या खाएँ?
मुन्नार घूमने के लिए तो काफ़ी लोकप्रिय है ही, इसके अलावा मुन्नार में खाने के लिए भा काफ़ी कुछ है। आप यहाँ दक्षिण भारत के कई व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। डोसा, इडली और उत्पम जैसी डिशों के बारे में तो आप जानते ही हैं। इसके अलावा मुन्नार में आप इडियप्पम, पुट्टु और क़डाला करी, अप्पम और केरल प्रॉन करी समेत कई लज़ीज़ व्यंजनों का ज़ायक़ा ले सकते हैं।
दिन 4: मुन्नार से थेक्कडी
मुन्नार को एक्सप्लोर करने के बाद केरल की अगली जगह होगी, थेक्कडी। थेक्कडी केरल के इडुकी ज़िले में पड़ता है और समुद्र तल से 1,337 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मुन्नार से थेक्कडी लगभग 90 किमी. की दूरी पर है। मुन्नार से थेक्कडी के लिए कई बसें चलती हैं। लगभग 2-3 घंटे की यात्रा के बाद आप थेक्कडी पहुँच जाएँगे। थेक्कडी में होटल में चेक इन करने के बाद आप सबसे पहले पेरियार लेक जाएँ। पेरियार लेक में बोट राइड का आनंद लें। यदि आपको प्रकृति से प्रेम है तो थेक्कडी ज़रूर पसंद आएगा।
इसके बाद थेक्कडी में आप पेरियार नेशनल पार्क जा सकते हैं। पेरियार नेशनल पार्क पेरियार नदी के तट पर स्थित है और चीतों का सबसे बड़ा घर है। आप यहाँ जीप सफ़ारी कर सकते हैं। इस दौरान आपको कई सारे जानवर देखने को मिलेंगे। इसके अलावा थेक्कडी में आप मंगला देवी मंदिर, कुमीली और मुरीक्कडी जैसी जगहों को देख सकते हैं। शाम के समय थेक्कडी में नदी किनारे से सुंदर सूर्यास्त को देखना ना भूलें। केरल ऐसी शाम आपके ज़ेहन में हमेशा बनी रहेगी।
दिन 5: थेक्कडी से अलेप्पी
अगले दिन थेक्कडी में ब्रेकफास्ट करने के बाद अलेप्पी के लिए निकल पड़िए। थेक्कडी से अलेप्पी की दूरी लगभग 140 किमी. है। थेक्कडी से अलेप्पी के लिए कई बसें भी चलती हैं। आप 4-5 घंटे में अलेप्पी पहुँच जाएँगे। अलेप्पी को आलप्पुझा के नाम से भी जाना जाता है। अलेप्पी को पूर्व का वेनिस कहा जाता है और ये जगह हाउस बोट और बैकवाटर के लिए काफ़ी पॉपुलर है।
अलेप्पी में आप कुट्टानाड से घूमने की शुरूआत कर सकते हैं। इस जगह को केरल का बैकवाटर पैराडाइज भी कहा जाता है। इसके अलावा वेम्बनाड झील अलेप्पी की सबसे शानदार जगहों में से एक है। बोट से झील, धान और नारियल पेड़ों का नजारा देखने लायक़ होता है। यहाँ आप बोट रेस कर सकते हैं और अलेप्पी का चर्च भी देख सकते हैं। ये जगहें आपकी केरल की यात्रा को और शानदार बना देंगी।
क्या खाएँ?
अलेप्पी झील और समुद्र वाली जगह है तो आपको यहाँ वैसे ही व्यंजन मिलेंगे। अलेप्पी में लोग चावल और मसालेदार करी को खाना पसंद करते हैं। यहाँ पर शाकाहारी के लिए डोसा, बड़ा और इडली जैसे व्यंजन भी मिलते हैं। अलेप्पी में आपको करीमीन पोलिचथु, कोयले पर पकी हुई पर्ल स्पॉट मछली, करीमीन करी और वायरल फ्राई का स्वाद ज़रूर लेना चाहिए।
दिन 6: अलेप्पी से कोवलम
केरल यात्रा के छठे दिन आप ब्रेकफास्ट करके कोवलम के लिए निकल पड़िए। अलेप्पी से कोवलम की दूरी लगभग 160 किमी. है। अलेप्पी से कोवलम आप बस से जा सकते हैं। यदि आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो अलेप्पी से आपको त्रिवेन्द्रम के लिए ट्रेन मिल जाएगी। त्रिवेन्द्रम से कोवलम सिर्फ़ 15 किमी. की दूरी पर है। केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित कोवलम अपने खूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कोवालम के बीच पूरी दुनिया में अपनी सुंदरता के लिए लोकप्रिय हैं।
कोवलम पहुँचने के बाद सबसे पहले एक बढ़िया से होटल में अपना सामान रखिए और तैयार होकर सुंदर से कोवलम को एक्सप्लोर करने के लिए निकल पड़िए। कोवलम अपने सुंदर समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। कोवलम में कई सारे समुद्री बीच हैं जिनको आप देख सकते हैं। समुद्र के किनारे टहलना ही एक अलग अनुभव है। अगर आप कोवलम का सुंदर नजारा देखना चाहते हैं तो आपको लाइटहाउस जाना चाहिए। शाम के समय आपको कोवलम में सुंदर सूर्यास्त का लुत्फ़ उठाना चाहिए। समुद्र किनारे बैठकर सूरज को डूबते हुए देखना एक बेहतरीन एहसास है।
दिन 7: कोवलम से त्रिवेन्द्रम
केरल यात्रा के आख़िरी दिन कोवलम में सुबह-सुबह उठकर समुद्र किनार टहलने जाइए और फिर शानदार नाश्ता कीजिए। ब्रेकफास्ट करने के बाद त्रिवेन्द्रम के लिए निकल पड़िए। कोवलम से तिरूवंतपुरम लगभग 15 किमी. की दूरी पर है। आप कुछ ही देर में इस शानदार शहर में पहुँच जाएँगे। तिरूवंतपुरम में आप आकुलम बोट क्लब, शंगमुगम बीच, पद्मनाभा स्वामी मंदिर और म्यूज़ियम परिसर को देख सकते हैं। इन जगहों को देखने के बाद वापसी के लिए आपको यहाँ से ट्रेन और फ़्लाइट दोनों मिल जाएँगी। आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से किसी से भी अपने गंतव्य के लिए निकल सकते हैं। कुछ इस तरह से आपकी 7 दिन की केरल की यात्रा पूरी होती है।
कब जाएँ?
केरल आने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दी और बारिश का होता है क्योंकि गर्मियों के समय पूरे दक्षिण भारत में तेज उमस और धूप रहती है। बरसात के समय पूरे केरल में भरपूर हरियाली होती है जिसको देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। इसके अलावा सितंबर से मार्च के बीच केरल में तमाम बोट रेस का आयोजन किया जाता है जिसे आपको जरूर देखना चाहिए। आपको केरल घूमने का प्लान सर्दियों और मानसून के समय बनाना चाहिए तो अब देर किस बात की? बैग उठाइए और निकल पड़िए केरल की खूबसूरत यात्रा के लिए।
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