7 दिन में उत्तराखंड के खूबसूरत कुमाऊँ को ऐसे घूमें, ये है परफेक्ट गाइड

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Photo of 7 दिन में उत्तराखंड के खूबसूरत कुमाऊँ को ऐसे घूमें, ये है परफेक्ट गाइड by Rishabh Dev

देवभूमि उत्तराखंड की हर जगह अपनी खूबसूरती लिए बैठा है। यहाँ के पहाड़ और नदियां हमें अपने पास बुलाते हैं। उत्तराखंड ऐसी जगह नहीं है जिसे 1-2 दिन में घूमा जा सके। यहाँ तो आपको बार-बार आना पड़ेगा या फिर हर बार कुछ दिनों की लंबे सफर पर उत्तराखंड को नापने की कोशिश कीजिए। उत्तराखंड तीन भागों में बंटा हुआ है, गढ़वाल, कुमाऊँ और जौनसार। कुमाऊँ की खूबसूरती हर किसी को अपना बना लेती है। इसी कुमाऊँ में खूबसूरत अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे खूबसूरत शहर हैं। इसी कुमाऊँ की कुछ जगहों को 7 दिनों में अच्छे-से एक्सप्लोर कैसे करें? इसकी पूरा प्लान बना दिया है, अब आपको बस सफर पर निकलना है।

कब जाएं?

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वैसे तो आप पूरे साल कुमाऊँ की यात्रा कर सकते हैं लेकिन सबसे शानदार नजारे देखने हैं तो आपको अक्टूबर से जनवरी के बीच में जाना चाहिए। अक्टूबर से छिटपुट ठंडक आ जाती है। कई बार आप बर्फबारी आनंद ले पाएंगे। इस मौसम में कुमाऊँ खूबसूरत भी होता है और आपको कोई दिक्कत भी नहीं आएगी। इसलिए आपको अक्टूबर से जनवरी के बीच में कुमाऊँ एक्सप्लो करने का प्लान बनाना चाहिए।

कैसे जाएं?

कुमाऊँ की यात्रा वैसे तो बस से भी की जा सकती है लेकिन बस का टाइम तय होता है। अगर आपको सही से कुमाऊँ को घूमना है तो आपके पास खुद की गाड़ी होनी चाहिए। खुद की गाड़ी से कुमाऊँ को अच्छी तरह से भी घूम पाएंगे। जहाँ मन किया रूक गए, जब मन किया चल दिए। आप गाड़ी से ही 7 दिन में इन जगहों का एक्सप्लोर कर सकते हैं।

रूट

दिल्ली-पंगोट-अल्मोड़ा-बिनसर-चौकोरी-कौसानी-रानीखेत-दिल्ली

ऐसे करें यात्रा

सबसे पहले तो आपको दिल्ली से नैनीताल पहुँचना है। इसके लिए आप दिल्ली से नैनीताल के लिए बस ले सकते हैं या फिर ट्रेन से आ सकते हैं। सबसे नजदीकी काठागोदाम रेलवे स्टेशन है। यहाँ से आप नैनीताल जो के लिए बस से या टैक्सी बुक करके जा सकते हैं। अगर आपके पास समय है तो नैनीताल की खूबसूरती को भी थोड़ा देख लीजिए।

दिन 1: पंगोट

नैनीताल से लगभग 15 किमी. की दूरी पर पंगोट बसा हुआ है। पंगोट एक छोटा-सा शांत शहर है। यहाँ के नजारे आपको हमेशा याद रखेंगे। भीड़भाड़ और शोर से बचने के लिए ये एक अच्छी जगह है। इस शहर को आपको पैदल नापना चाहिए। ये छोटा-सा शहर कितनी खूबसूरती लिए बैठा है, ये यहाँ आकर ही पता चलेगा। आप टिफिन टॉप से पंगोट के शानदार नजारे को देख सकते हैं। आप इस जगह को एक दिन में आराम से नाप सकते हैं। रात को आप पंगोट में ही ठहरें।

दूरीः 15 किमी. (नैनीताल से)

दिन 2: अल्मोड़ा

सुबह-सुबह पंगोट के लिए निकल पड़िए। कुछ ही घंटों में आप अल्मोड़ा पहुँच जाएंगे। रानीखेत, नैनीताल की तरह अल्मोड़ा भी एक फेमस हिल स्टेशन है। इसे कुमाऊँ की जान कहा जाता है। चीड़ और रोडोंडेंडोन के घने जंगलों से घिरी जगह बेहद खूबसूरत है। यहाँ पर आप बिनेश्वर मंदिर, जागेश्वर मंदिर और शिव मंदिर देख सकते हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई का स्वाद भी ले सकते हैं। इस मिठाई और बेहतरीन नजारों को देखकर आपका मन भी मीठा हो जाएगा। उत्तराखंड की इस जगह पर हर घुमक्कड़ को एक बार जरूर आना चाहिए।

दूरीः 65 किमी. (पंगोट से)

दिन 3: बिनसर

अगले दिन फिर से एक नये सफर पर निकलिए। जैसे-जैसे कुमाऊँ में आगे बढ़ते जाएंगे सफर खूबसूरत होता जाएगा। अल्मोड़ा से कुछ ही दूरी पर आपको एक नई मंजिल मिलेगी, बिनसर। समुद्र तल से बिनसर की ऊँचाई 2,412 मीटर है। यहाँ चारों तरफ हरियाली ही हरियाली फैली हुई है। ऐसी सुंदरता किसी का भी मन मोह लेगी। यहाँ से आप केदारनाथ, शिवलिंग, त्रिशूल और नंदा देवी की चोटियों को देख सकते हैं। इसके अलावा बिनसर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में कुछ घंटे बिता सकते हैं। यहाँ पर कुमाऊँनी थाली का स्वाद जरूर लें। बिनसर की खूबसूरती आपको लंबे समय तक याद रहेगी। आपको शाम में ही आगे की यात्रा के लिए निकल जाना चाहिए।

दूरीः 24 किमी. (अल्मोड़ा से)

दिन 4: चौकोरी

उत्तराखंड का पिथौरागढ़ सबसे खूबसूरत जिलों में से एक है। इस पिथौरागढ़ में चौकोरी स्थित है। चौकोरी पिथौरागढ़ की एक छोटी-सी जगह है जो बेहद शांत है। यहाँ की प्रकृति को महसूस किया जा सकता है। इस छोटे-से शहर में टी गॉर्डन, फलों के बागान और अनगिनत मंदिर हैं। इस खूबसूरत जगह से महाकाली नदी भी गुजरती है जो इसे और भी सुंदर बना देती है। यहाँ पर आप एडवेंचर और प्राकृतिक सुंदरता दोनों का अनुभव ले सकते हैं। चौकोरी के रास्ते में मुनस्यारी पड़ता है। आप चाहें तो उसे भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। चौकोरी से कौसानी अगली मंजिल होगी।

दूरीः 105 किमी. (बिनसर से)

दिन 5: कौसानी

कौसानी हिमालय की एक बेहद शांत और सुंदर जगह है। स्वर्ग कितना खूबसूरत हो सकता है? ये कौसानी आकर अंदाजा लगाया जा सकता है। यहाँ के नजारे आपका मन मह लोंगे। यहाँ के पहाड़ और जंगल बाहें खोलकर आपका स्वागत करेंगे। यहाँ की हर एक जगह आपको एक नई सुंदरता से रूबरू कराएगी। ऐसी जगह कम होती हैं लेकिन वाकई कमाल होती हैं। यहाँ पर आप रुद्रधारी फाॅल, पिपनाथ मंदिर, ग्वालदम और चाय के बागानों को देख सकते हैं। ऐसी जगहों को जितना पैदल घूमा जाए, उतनी ही उस जगह को एक्सप्लोर कर पाते हैं।

दूरीः 84 किमी. (चौकोरी से)

दिन 6: मुक्तेश्वर

जहाँ आकर लगे की तन-मन में उर्जा का संचार हो गया है। जहाँ आकर लगे कि अभी दुनिया में देखने को बहुत कुछ है। जहाँ आकर लगे कि सिर्फ जीना ही काफी नहीं है तो समझ जाइए कि आप उत्तराखंड के मुक्तेश्वर में है। मुक्तेश्वर उत्तराखंड की छिपी हुई जगहों में से एक है। एक बार जो यहाँ पहुँच जाता है, उसके लिए वापस लौटना बड़ा मुश्किल होता है। पुराने कुमाऊँनी घर आपको यहाँ पर देखने को मिलेंगे। यहाँ पर आप कई झरनों, मंदिरों की यात्रा कर सकते हैं। मुक्तेश्वर की यादें आपके जेहन में हमेशा बनी रहेंगी।

दूरीः 103 किमी. (कौसानी से)

दिन 7: रानीखेत

इतने सफर के बाद आप कुमाऊँ को अच्छ-से जान लेंगे। मुक्तेश्वर के बाद आपके सफर का आखिरी और अंतिम पड़ाव रानीखेत होगा। देवदार के जंगलों से घिरा रानीखेत भी बेहद अच्छी जगह है। समुद्र तल से 1,869 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये जगह खूबसूरती के मायने बदल देती है। अगर आपको नेचर से प्यार है तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है। रानीखेत को अच्छे से एक्सप्लोर करने के बाद बाद कुमाऊँ का सफर पूरा हो जाता है। इसके बाद आप बस या ट्रेन से दिल्ली जा सकते हैं।

दूरीः 58 किमी. (रानीखेत से)

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