घूमने के शौकीन लोग हर जगह सैर करना चाहते हैं और पूरे भारत को करीब से देखना पसंद करते हैं। यहां पर एक से बढ़कर एक सुंदर नजारे हैं। जिन्हें देखना हर किसी की ख्वाहिश होती है। तो चलिए जानें उन सात जगहों के बारे में जिनको देखना और वहां की सैर करना हर किसी का सपना है।
1. पूगा वैली, लद्दाख
पूगा वैली पोलोकोंका ला दर्रे (5,350 मीटर) के पास साल्ट लेक घाटी के पूर्व में लगभग 22 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मनमोहक घाटी अपने बोरेक्स और सल्फर जमा और गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है। दूर-दूर से लोग इन झरनों में स्नान करने के लिए यहां आते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि इससे हड्डियों और जोड़ों के कई रोग और त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।
2. वर्कला बीच, केरल
यह केरल राज्य में एक बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस माना जाता है। वर्कला क्षेत्र की खासियत यह है कि इस क्षेत्र के आसपास कई द्वीप हैं जो आपको आज भी आधुनिक जीवन से अछूते समाज में एक झलक देंगे। वर्कला एक ऐसा शहर है जो हर पर्यटक के लिए कुछ ना कुछ अपने में समेटे हुए है। भले ही आप धार्मिक प्रवृत्ति के हों या फिर एडवेंचर्स या फिर प्रकृति प्रेमी। वर्कला आपको निराश नहीं करेगा।यहां पर बीच का आनंद लेने से लेकर कई प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
3. हुंदर रेत का टीला, लद्दाख
नुब्रा घाटी में दिस्कित और हुंदर के बीच स्थित रेत के टीले एक खूबसूरत जगह है। यहां कोई भी ठंडे रेगिस्तान में डबल हम्प बैक कैमल की सवारी के लिए जा सकता है या बस नंगे पैर रेत के टीलों पर चल सकता है या इससे भी बेहतर, आप बस अपने पैरों को ठंडी पानी की बहती धारा में डुबो सकते हैं और बिना कुछ किए बैठ सकते हैं। यह जगह शाम बिताने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है।
4. हंसेश्वरी मंदिर, कलकत्ता
हुगली जिले के बंडेल- त्रिवेणी अंचल के प्राचीन बांसबेरिया शहर में स्थित प्रसिद्ध माता हंसेश्वरी मंदिर में शिव एवं माता हंसेश्वरी की प्रतिमा संयुक्त रूप से विराजमान हैं। गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर में शक्ति स्वरूपा माता हंसेश्वरी काली के रूप में पूजी जाती हैं। खास बात यह है कि यहां देवी की मूर्ति नीम की लकड़ी से बनाई गई हैं तथा इसका रंग भी नीला हैं। यूं तो रोजाना यहां मां काली व शिव की पूजा श्रद्धा के साथ की जाती हैं, लेकिन काली पूजा के दिन हर साल इस मंदिर में देवी की पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है।काली पूजा के दिन सुबह से देर रात तक इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं। भक्तों का कहना है कि माता हंसेश्वरी करुणामय हैं। इनके दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट का निवारण हो जाता है। माता हंसेश्वरी के प्रति लोगों में गहरी आस्था है।
5. हम्पी, कर्नाटक
कर्नाटक में स्थित हम्पी एक प्राचीन शहर है और इसका जिक्र रामायण में भी किया गया है। यह विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। इसे किष्किन्धा के नाम से बुलाया जाता था। हम्पी शहर बेंगलुरु से केवल 350 किलोमीटर दूर है। यह यूनेस्को का विश्व विरासत स्थल भी है। यहां सैलानियों के देखने लायक 500 से भी अधिक स्थान हैं।
6. गंडिकोटा, आंध्र प्रदेश
गंडिकोटा पेन्ना नदी के दाहिने किनारे पर एक गाँव है, और यहाँ एक ऐतिहासिक किला भी स्थित है। इसे भारत के ग्रांड कैन्यन के रूप में भी जाना जाता है। गंडिकोटा आंध्र प्रदेश में है। लेकिन यह उन खंडहरों और किले के लिए उतना नहीं जाना जाता, जितना अपने अद्भुत प्राकृतिक नजारे के लिए। यहाँ पेना नदी बहुत गहरी बहती है - सीधी खड़ी चट्टानों के बीच। इसलिए इसे भारत का ग्रैंड कैन्योन भी कहा जाता है। नदी के दोनों किनारे 100-100 मीटर तक एकदम खड़े हैं। असल में ग्रांड कैन्योल अमरीका में है। वहाँ कोलोराडो नदी इसी तरह का कटान करती है और काफी प्रसिद्ध हो गई है। अब हम उतनी आसानी से अमरीका तो नहीं जा सकते, तो क्या हुआ? हमारे पास भी अपना ग्रांड कैन्योन है।
7. पिचावरम मैंग्रोव फाॅरेस्ट
पिचवारम में मैंग्रोव फॉरेस्ट 1,100 हेक्टेयर से अधिक में फैला हुआ है। यह जंगल तमिलनाडु में चिदंबरम के करीब स्थित है। खास बात है कि पूरा क्षेत्र बेहद खूबसूरत है और बड़ी संख्या में यहां जलीय पक्षी हैं। यहां के मछुवारे ही टूरिस्टों को बोट के जरिए इन खूबसूरत जगहों को घुमाते हैं। वहीं पक्षियों के अलावा यहां कई जंगली जानवर भी मौजूद होते हैं, ऐसे में मछुवारे सुरक्षा का खास ध्यान रखते हैं। गर्मियों में आप पिचवरम मैंग्रोव फॉरेस्ट के बीच से गुज़रते हुए बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
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