गुजरात की 650 सालों तक राजधानी रहने वाला ईतिहासिक शहर है पाटन - जानिए इसके गौरवमयी ईतिहास के बारे मे

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Photo of गुजरात की 650 सालों तक राजधानी रहने वाला ईतिहासिक शहर है पाटन - जानिए इसके गौरवमयी ईतिहास के बारे मे by Dr. Yadwinder Singh

गुजरात में अहमदाबाद से 130 किमी उत्तर पश्चिम में पाटन एक ईतिहासिक शहर है| पाटन को सरस्वती नदी के किनारे 745 ईसवीं में चावड़ा राजवंश के वनराज चावड़ा ने बसाया| पाटन 650 सालों तक गुजरात की राजधानी रहा है| पाटन पर चावड़ा, सोलंकी और वगेला राजाओं ने राज किया है| पाटन का नाम चावड़ा राजे के मित्र के नाम पर रखा गया| पाटन के ऊपर सोलंकी राजाओं ने 942 ईसवीं से 1244 ईसवीं तक राज किया| सोलंकी राजाओं ने पाटन में खूबसूरत हिन्दू और जैन मंदिरों का निर्माण करवाया| सोलंकी राजाओं को कला और संस्कृति से बहुत प्रेम था| तेहरवीं सदी में अलाऊदीन खिलजी के कमांडर ने पाटन पर हमला करके इस खूबसूरत शहर को तबाह कर दिया| इसके बाद जैसे ही अहमदाबाद शहर का विकास होने लगा तो पाटन काफी पीछे रह गया| आज भी पाटन के बाजार, हवेलियों, पोल आदि में आप घूम सकते हो| किसी समय पाटन में 12 दरवाजे हुआ करते थे| यूनैसको वर्ल्ड हैरीटेज साईट रानी की वाव पूरे भारत में मशहूर है| मुझे दो बार पाटन की यात्रा करने का मौका मिला है| अगर आप गुजरात के गौरवमयी ईतिहास को देखना चाहते हो तो पाटन की यात्रा जरूर करें| पाटन में आप निम्नलिखित जगहों को देख सकते हो|

रानी की वाव पाटन गुजरात

Photo of Patan by Dr. Yadwinder Singh

रानी की वाव पाटन

Photo of Patan by Dr. Yadwinder Singh

रानी की वाव गुजरात

दोस्तों वैसे तो मुझे इस ईतिहासिक जगह के बारे में थोड़ा पता था, लेकिन जबसे भारत सरकार ने इस जगह को 100 रूपये के नये नीले रंग के नोट पर छपवा दिया तो मेरी इच्छा और प्रबल हो गई रानी की वाव को देखने के लिए जो विश्व विरासत सथल भी हैं। मेरी यह इच्छा पूरी हुई सितंबर 2019 में, जब घर से राजकोट आना हुआ, कोटकपूरा से रेलगाड़ी से बठिंडा, बीकानेर, जोधपुर, आबू रोड़, पालनपुर होता हुआ मैं गुजरात के सिद्ध पुर सटेशन पर उतर गया, वहां से बस लेकर गुजरात की पुरानी राजधानी पाटन पहुंच गया। वहां से थोड़ी दूर ही रानी की वाव हैं जहां एक आटो पकड़ कर मैं पहुंच गया।

वाव कुएँ को कहते हैं और इस वाव को रानी उदयमति ने अपने पति सोलंकी वंश के राजा भीमदेव 1 की याद में बनाया। यह वाव बहुत ही खूबसूरत बनाया हुआ है, सीढियों से उतर कर नीचे तक जाया जा सकता हैं, यह वाव लोगों को पानी सपलाई करने के लिए बनाया गया। यह वाव 27 मीटर गहरा हैं, लगभग 500 के करीब कलाकृतियों से भरा पड़ा हैं जो पत्थर पर नककाशी करके बनाई हुई हैं, जिसमें विष्णु जी के 10 अवतारों, नाग कन्या, योगिनी, अपसरा सोला शिगार करती हुई बनी हुई हैं। दोस्तों मैंने यहां 150 रूपये में एक गाईड ले लिया जिसने मुझे यह सब बताया और दिखाया। इस जगह को घूमकर मुझे बहुत आनंद आया, हमारा भारत म इतनी खूबसूरत धरोहरों से भरा पड़ा हैं, जरूरत हैं वहां जाकर इनको देखने की, ईतिहास को महसूस करने की|

रानी की वाव पाटन गुजरात

Photo of Rani Ki Vav by Dr. Yadwinder Singh

रानी की वाव पाटन

Photo of Rani Ki Vav by Dr. Yadwinder Singh

रानी की वाव पाटन में घुमक्कड़

Photo of Rani Ki Vav by Dr. Yadwinder Singh

पाटन में रानी की वाव के साथ यह दूसरी सबसे महत्वपूर्ण जगह है| सहास्रालिंग तालाब को सोलंकी राजाओं ने 1084 ईसवीं में बनाया था| यह सरस्वती नदी के ऊपर बना था| सहास्र का अर्थ होता है एक हजार लिंग| ऐसा कहा जाता है यहाँ पर एक हजार से ऊपर शिवलिंगों की स्थापना की गई थी| सरस्वती नदी का पानी सबसे पहले रुद्र कुंड में गिरता था जहाँ से जल साफ होकर आगे बढ़ता था | इसके आगे सरस्वती नदी का पानी चैनलों में से गुजरकर फिल्टर होकर आगे शिव मंदिर तक पहुँच जाता था| जहाँ राजा शिवलिंग को जल अभिषेक करते थे| आप सहास्रालिंग तालाब में अभी भी रुद्र कुंड, चैनल और खंडित हुए शिव मंदिर को देख सकते हो| मैंने यहाँ गाईड ले लिया था जिसने मुझे यह जानकारी दी थी|

सहास्रालिंग तालाब पाटन

Photo of Shahstraling Talav by Dr. Yadwinder Singh

सहास्रालिंग तालाब पाटन

Photo of Shahstraling Talav by Dr. Yadwinder Singh

रुद्र कुंड सहास्रालिंग तालाब पाटन में घुमक्कड़

Photo of Shahstraling Talav by Dr. Yadwinder Singh

पंचसारा पार्श्वनाथ जैन मंदिर- पाटन शहर अपने जैन मंदिरों के लिए मशहूर है| पाटन में कुल 100 से ज्यादा जैन मंदिर है| गुजरात में सबसे ज्यादा जैन मंदिर पालीताना में दूसरे नंबर पर अहमदाबाद और तीसरे नंबर पर पाटन में है| इन सब जैन मंदिरों में से पाटन का पंचसारा पार्श्वनाथ जैन मंदिर सबसे बड़ा है| मैं इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आटो बुक करके पहुंचा था | भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति बहुत खूबसूरत और आकर्षिक है| इस जैन मंदिर की खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध कर देगी|

पंचसारा पार्श्वनाथ जैन मंदिर पाटन

Photo of Panchasara Jain temple by Dr. Yadwinder Singh

पंचसारा पार्श्वनाथ जैन मंदिर पाटन

Photo of Panchasara Jain temple by Dr. Yadwinder Singh

पंचसारा पार्श्वनाथ जैन मंदिर पाटन

Photo of Panchasara Jain temple by Dr. Yadwinder Singh

पाटन मयुजियिम - पाटन में एक शानदार मयुजियिम बना हुआ है जहाँ आपको पाटन के गौरवमयी ईतिहास के बारे में बढिया जानकारी मिलेगी| इस मयुजियिम में पेंटिंग के साथ साथ पाटन में खुदाई से मिली मूर्तियों को देखने का अवसर मिलेगा|

पाटन मयुजियिम

Photo of Patan Museum by Dr. Yadwinder Singh

रानी की वाव पाटन

Photo of Patan Museum by Dr. Yadwinder Singh

कैसे पहुंचे- पाटन अहमदाबाद से 125 किमी दूर 2.5 घंटे में पहुंच सकते हैं, मेहसाणा से 65 किमी, सिद्ध पुर 34 किमी हैं जो पाटन के बहुत पास का रेलवे सटेशन हैं यहां से बस से पाटन जा सकते हो। पाटन में रहने के लिए बहुत सारे होटल हैं।

पाटन में घुमक्कड़

Photo of Patan by Dr. Yadwinder Singh

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