कुछ सालों पहले तक लद्दाख और ट्रेकिंग एक साथ सुनने में बहुत अजीब लगता है। लद्दाख में ट्रेकिंग रूट्स की भरमार तो है लेकिन है सभी रास्ते इतने बंजर और खतरनाक हैं कि शायद ही कोई इन पर ट्रेक करने जाने के बारे में सोच सकता था। लेकिन आज लद्दाख की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। हर साल हजारों घुमक्कड़ केवल ट्रेकिंग करने के हिसाब से लद्दाख पहुँचते हैं। लद्दाख बाइकिंग के लिए बढ़िया जगह तो है ही और पिछले कुछ सालों में ट्रेकिंग के लिए भी पसंद किया जाने लगा है। बीहड़ पहाड़ों से होकर गुजरना घुमक्कड़ों को रोमांच से नई मुलाकात जैसा लगता है। लद्दाख में शुरुआती और अनुभवी दोनों तरह के ट्रेकर्स के लिए तमाम विकल्प हैं। जिनमें से हमने खास आपके लिए ये 6 बेहतरीन रास्ते चुने हैं।
1. दीगर ला ट्रेक
अगर आप लद्दाख को पूरी तरह से महसूस कर लेना चाहते हैं तो आपको दीगर ला ट्रेक जरूर करनी चाहिए। सिंधु घाटी और लेह को नुब्रा घाटी से जोड़ने वाली इस ट्रेक को कर पाना कोई आसान काम नहीं है। इस ट्रेक को करने के लिए आपको हिम्मत और स्टेमिना के साथ साथ एक जुनून की जरूरत होती है। क्योंकि ये ट्रेक काफी ऊँचाई तक जाती है इसलिए ऊपर से नीचे देखना बेहद खूबसूरत लगता है। आप जितनी ऊँचाई पर जाएंगे आपको उतने दिलकश नजारे देखने के लिए मिलेंगे। इस ट्रेक को पूरा करने के लिए आप आखिर में पैंगोंग झील तक जा सकते हैं जो इस ट्रेक का आखिरी लेकिन सबसे खूबसूरत हिस्सा है। ट्रेक की थकान के बाद पैंगोंग झील के शांत माहौल और सुंदर नजारों में आपको सुकून मिलेगा। ये आपकी थकावट दूर करने के लिए सबसे कारगर उपाय है। यदि आप लद्दाख की अनछुई और रोचक तस्वीर देखना चाहते हैं तो दीगर ला ट्रेक से बढ़िया और कुछ नहीं है।
2. परांग ला ट्रेक
अगर आपको ट्रेकिंग करने का अनुभव है और आपको पहाड़ों की ऊंचाइयों से लगाव है तो लद्दाख की परांग ला ट्रेक आपकी बकेट लिस्ट में जरूर होनी चाहिए। लद्दाख और स्पीति के बीहड़ों को आपस में जोड़ने वाली इस ट्रेक में आपको वो मिलेगा जिसके बारे में आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। एक समय था जब इस रास्ते का इस्तेमाल व्यापार और आने-जाने के लिए खूब होता था। लेकिन सड़क बनने के बाद फिलहाल ये रास्ता केवल रोमांच प्रेमियों के लिए एडवेंचर करने का जरिया बन चुका है। इस ट्रेक को शुरू करने के लिए दो विकल्प हैं। आप लेह के करजोक गाँव या स्पीति के किब्बर से इस ट्रेक की शुरुआत कर सकते हैं। एक तरफ यहाँ ज्यादातर पर्यटक पैंगोंग झील देखना चाहते हैं वहीं इस ट्रेक में आपको त्सो मोरीरी झील देखने का मौका मिलता है जिसकी खूबसूरती देखकर आप हैरान रह जाएंगे।
3. कंग यात्से ट्रेक
दीगर ला और परांग ला ट्रेक की तुलना में ये ट्रेक थोड़ी ज्यादा मुश्किल है। क्योंकि इस ट्रेक में ज्यादातर हिस्सा खड़ी चढ़ाई है इसलिए इसको करना थोड़ा परेशानी भरा होता है। इस ट्रेक में हर थोड़ी दूर पर आपको थकान महसूस होगी और आपकी परीक्षा भी ली जाएगी। लेकिन ट्रेक पूरा करने के बाद का सुकून बेहद खास होता है। इस ट्रेक की खासियत है कि इसमें आपको जांस्कार घाटी और तिब्बत के कुछ हिस्सों का भी दृश्य देखने के लिए मिलता है। जो इस ट्रेक में जोश भर देता है। लद्दाख की स्टोक और जान्सकार घाटी इस ट्रेक को उन सभी खूबसूरत नजारों से परिपूर्ण बनाती हैं जो सारी थकान को मिनटों में दूर कर देते हैं। इस ट्रेक में आपको लद्दाख के मशहूर हेमिस नेशनल पार्क को देखने का मौका भी मिलता है जो सोने पर सुहागा जैसा एहसास दिलाता है।
4. त्सो मोरीरी ट्रेक
लद्दाख की ये ट्रेक कई कारणों की वजह से लोकप्रिय है। सबसे पहला ये की क्योंकि ये ट्रेक थोड़ी अधिक मुश्किल है इसलिए ट्रेकिंग की दुनिया के शुरुआती दिनों में हर घुमक्कड़ इस ट्रेक को करने के पहले दो बार सोचता है। लेकिन ये ट्रेक जितनी मुश्किल है इसके नजारे इतने ही हैरतअंगेज हैं। वैसे ये ट्रेक उतना भी मुश्किल नहीं है जितना माना जाता है। इसके शानदार लैंडस्केप से होकर गुजरना केवल कुछ लोगों की किस्मत में ही होता है। जो इस ट्रेक को करने की हिम्मत कर पाते हैं। ये ट्रेक अपने बढ़िया नजारों से भरे रास्ते के लिए जानी जाती है। इस ट्रेक का रास्ते रूपशु घाटी और क्यामर घाटी से होकर गुजरता है। इन दोनों घाटियों को पार करने के बाद कुमार ला आता है जिसके बाद क्यामयुरी ला पड़ता है। इस ट्रेक का अंतिम पड़ाव करजोक है जो ट्रेक के पूरे होने का एहसास दिलाता है।
5. खरनाक ट्रेक
अगर आप सुंदर रास्तों और बेहतरीन नजारों के अलावा कुछ और भी देखना चाहते हैं तो आपको खरनाक ट्रेक पर आना चाहिए। खरनाक ट्रेक लद्दाख के आदिवासी क्षेत्रों से होकर गुजरती है जिसकी वजह से घुमक्कड़ों को कुछ नया और दिलचस्प पहलू भी देखने के लिए मिलता है। अपनी इस खासियत की वजह से इस ट्रेक को नोमैड ट्रेक के नाम से भी जाना जाता है। आदिवासी इलाकों के अलावा इस ट्रेक के जरिए आपको लद्दाख के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानने का भी मौका मिलता है। जिसमें सबसे अहम है कि क्यों लद्दाख को सर्द रेगिस्तान कहा जाता है। बंजर पहाड़, ऊँचे और खड़े दर्रे और घाटी के आकर्षक नजारे इस ट्रेक को पूरा करते हैं। अगर आप थोड़ा हटकर कुछ करना चाहते हैं तो आपको खरनाक ट्रेक पर आने का प्लान बनाना चाहिए।
6. रुंबक घाटी ट्रेक
अगर आप लद्दाख के सबसे अंदरुनी और अनछुए हिस्सों से रूबरू होना चाहते हैं तो आपको रुंबक घाटी ट्रेक करना चाहिए। इस ट्रेक को करना आसान बिल्कुल भी नहीं है इसलिए यदि आपको ट्रेकिंग का ज्यादा अनुभव नहीं है तो इस ट्रेक पर आने से बचना चाहिए। इस ट्रेक की शुरुआत हेमिस नेशनल पार्क से होती है। जिसके बाद धीरे धीरे आप रुंबक घाटी की ओर बढ़ते हैं। इस ट्रेक में आप लद्दाख और खासतौर से रुंबक घाटी के सांस्कृतिक इतिहास को अच्छी तरह से जान सकते हैं। इस ट्रेक में आपको स्नो लेपर्ड और इबेक्स भी दिखाई दे सकते हैं। इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग 8 से 9 दिनों का समय लगता है। क्योंकि ये ट्रेक काफी ऊँचाई तक ले जाती है इसलिए स्टेमिना का होना और भी जरूरी है जाता है। सुनने में ये ट्रेक जितनी मुश्किल है, इसको पूरा करने के बाद दिखाई देने वाले नजारे उतनी ही खूबसूरती से भरे होते हैं।
नोट: इनमें से कुछ ट्रेक्स को करने के लिए परमिशन लेना अनिवार्य है। तो कोई भी प्लान बनाने से पहले सभी नियमों के बारे में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए।
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