#फाजिल्का_यात्रा
#भाग_6
#आसफवाला_वार_मैमोरियल
दोस्तों आसफवाला वार मैमोरियल फाजिल्का शहर के पास भारत-पाकिस्तान सीमा के पास आसफवाला गांव में बना हुआ है, यह मैमोरियल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए बहादुर सैनिकों की यादगार हैं, यह युद्ध बेरीवाला गांव में पाकिस्तान के हमले से शुरु हुआ, वहां शहीद हुए जवानों का सामूहिक अंतिम संस्कार आसफवाला में किया गया। आसफवाला में 90 फीट लम्बी और 55फीट चौड़ी चिता बनाकर सभी वीर जवानों का अंतिम संस्कार हुआ। उनकी याद में इस समारक का अनावरण पंजाब के मुख्यमंत्री गियानी जैल सिंह ने 22 सितंबर 1972 को किया। इस समारक में एक मयूजियम भी बना हुआ है जहां पेटिंग के जरिए युद्ध को दिखाया गया हैं, इन बहादुर वीरों की शहीदी का ईतिहास लिखा हुआ हैं, ऐसे वीर जवानों का इतिहास सुनकर पढ़कर मन भावुक हो गया।
#भारत_पाक_1971_युद्ध
यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 को फाजिल्का बारडर से सटे गांव बेरीवाला पर हमला करके शुरू हुआ था, पाकिस्तान ने शाम को पांच बजे के करीब एकदम से 2500 पैदल बिग्रेड जवानों, 28 टैकों और तोपों से हमला कर दिया, सबसे खास बात यह है कि पाकिस्तान फौज आम किसान के भेस में भारत में दाखिल हुई, पंजाबी कुडता पजामा और ऊपर शाल उढ़कर अंदर हथियार छुपाकर, पाकिस्तान का मकसद फाजिल्का पर कबजा करना था।
बेरीवाला पुल को उन्होंने तोपों से उड़ा दिया था, पिछले पोस्ट में उस पुल को दिखाया था मैंने। यह युद्ध 14 दिन चला, 3 दिसंबर 1971 से शुरू होकर 17 दिसंबर 1971 तक युद्ध हुआ, भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तान को फाजिल्का नहीं पहुंचने दिया, इसीलिए इनको फाजिल्का के रखवाले कहा जाता हैं।
इस युद्ध में 4 जाट के 82 सैनिक
5 राजपूत के 70 सैनिक
3 असाम के 39 सैनिक
3 गोरखा राईफल के 13 सैनिक
अन्य 28 सैनिक शहीद हुए।
ऐसे वीर बहादुर जवानों को शत शत नमन, मुझे बहुत ही बढिय़ा लगा, ऐसे वीर योद्धाओं की समारक पर जाने और उनकी वीरता के बारे में जानने और लिख कर आप तक इसको पहुंचा कर। फाजिल्का यात्रा समाप्त हुई।
जै हिंद