भारत में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम, जहाँ देखने को मिलेगा भारत का 5000 साल पुराना इतिहास

Tripoto
6th Aug 2023
Photo of भारत में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम, जहाँ देखने को मिलेगा भारत का 5000 साल पुराना इतिहास by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

भारत की राजधानी दिल्ली, जिसका इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। दिल्ली में ऐसे कई पर्यटक स्थल हैं जहां देश-दुनिया से लोग उन्हें देखने आते हैं। दिल्ली में भारत के सर्वश्रेष्ठ म्यूजियम और गैलरी है, और ये म्यूजियम हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत के बारे में और अधिक जानने के लिए सबसे अच्छे विकल्प साबित होते हैं। ऐसा ही कुछ आप अब आने वाले दिनों में भारत में दुनिया के सबसे बड़े बनने वाले म्यूजियम 'युगे युगीन भारत' में देखने को मिलेगा। बीते दिनों 26 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में इस म्यूजियम को बनाने की घोषणा की है।

कहाँ बनाया जाएगा इस म्यूजियम को

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इस म्यूजियम का निर्माण लुटियन दिल्ली स्थित साउथ और नॉर्थ ब्लॉक में किया जाएगा। जहां साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय हैं, वहीं नॉर्थ ब्लॉक में  वित्त और गृह मंत्रालय हैं।

क्या होगी युगे युगीन भारत म्यूजियम की खासियत?

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इसमें 950 कमरे होंगे। साथ ही यह आठ खंडों में विभाजित होगा। ये भारत का 5 हजार साल पुराना इतिहास बताएंगे। आठ खंडों में प्राचीन भारतीय ज्ञान, प्राचीन से मध्यकाल, मध्यकालीन से बदलाव का दौर, आधुनिक भारत, औपनिवेशिक शासन (ब्रिटिश, डच, पुर्तगाली और अन्य के शासन का ब्योरा), स्वतंत्रता संग्राम और 1947 के बाद से अब तक के भारत के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही इसमें म्यूजियम साइंस, टेक्नोलॉजी और गणित में भारत के योगदान को भी प्रदर्शित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनपथ स्थित नेशनल म्यूजियम की कलाकृतियों और अन्य संग्रह को अब इसी म्यूजियम में रखा जाएगा।

1. प्राचीन भारतीय ज्ञान खंड : यह खंड भारत की समृद्ध और विविध ज्ञान प्रणालियों को प्रदर्शित करेगा, जैसे कि नगर नियोजन, वेद, उपनिषद, चिकित्सा, गणित, खगोल विज्ञान, आदि। यह कुछ प्राचीन कलाकृतियों और पांडुलिपियों को भी प्रदर्शित करेगा।

2. प्राचीन से मध्यकालीन खंड : यह खंड उन विभिन्न साम्राज्यों और राजवंशों को उजागर करेगा जिन्होंने मौर्य से गुप्त काल तक भारत पर शासन किया, जैसे कि विजयनगर साम्राज्य, मुगल साम्राज्य, चोल साम्राज्य, आदि। प्रदर्शनी में कला, वास्तुकला, साहित्य, शामिल होंगे।

3. मध्यकालीन खंड : यह खंड भारत के मध्यकालीन काल पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें दिल्ली सल्तनत, बहमनी सल्तनत, मराठा साम्राज्य आदि जैसे नए राज्यों का उदय हुआ। यह विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों की बातचीत और प्रभावों का भी पता लगाएगा।  , जैसे इस्लाम, सिख धर्म, ईसाई धर्म, आदि।

4. मध्यकाल से आधुनिक काल खंड  : यह खंड भारत के मध्यकाल से आधुनिक काल तक के  चरण को कवर करेगा, जिसमें कई शक्तियों का उत्थान और पतन दिखाया जाएगा, जैसे कि मैसूर साम्राज्य, बंगाल सूबा, सिख साम्राज्य, आदि। इसमें इस चरण के दौरान हुए सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को भी दर्शाया जाएगा।

5. आधुनिक भारत खंड : यह खंड 18वीं शताब्दी के बाद से भारत के आधुनिक इतिहास को प्रदर्शित करेगा, जिसमें ब्रिटिश शासन का आगमन और भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्र भारत की उपलब्धियों और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

6. औपनिवेशिक शासन खंड : यह खंड भारत में विभिन्न यूरोपीय शक्तियों, जैसे डच, पुर्तगाली, फ्रांसीसी और ब्रिटिश द्वारा औपनिवेशिक शासन की कहानी बताएगा। यह औपनिवेशिक उत्पीड़न के खिलाफ उभरे प्रतिरोध और विद्रोह आंदोलनों को भी इसमें दर्शाया जाएगा।

7. स्वतंत्रता संग्राम खंड : यह खंड एक शताब्दी से अधिक समय तक चले औपनिवेशिक शासन से भारत के स्वतंत्रता संग्राम तक के सफर को दिखाया जाएगा। इसमें उन नेताओं और आंदोलनों को भी प्रदर्शित किया जाएगा जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आज़ादी में योगदान दिया।

8. 1947 से 100 वर्ष बाद खंड : यह खंड स्वतंत्रता के बाद के युग में भारत के दृष्टिकोण और उपलब्धियों को प्रस्तुत करेगा। यह लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत के विकास और प्रगति को प्रदर्शित करेगा।

कैसे रखा गया इस म्यूजियम का नाम?

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म्यूजियम का नाम युगे युगीन भारत संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सनातन भारत" है, जो देश की विरासत को दर्शाता है। युगे-युगे भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के बनने से भारत के संस्कृति और ऐतिहासिकता के प्रति लोगों के आकर्षण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के माध्यम से,  देशवासियों को अपने संस्कृति के प्रति गर्व महसूस होगा और भारत की विरासत को विश्व में प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। यह प्रयासपूर्वक प्रस्तुति विश्वस्तरीय प्लेटफ़ॉर्म पर पहुंचने में सहायक होगी और आने वाले समय में युगे-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

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