हिमालय की वादियों में हैं पाँच कैलाश पर्वत, पंच कैलाश के बारे में जानिए सब कुछ

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Photo of हिमालय की वादियों में हैं पाँच कैलाश पर्वत, पंच कैलाश के बारे में जानिए सब कुछ by Rishabh Dev

हिमालय अपार है। कई बार हिमालय के बारे में ऐसा कुछ जानने को मिलता है कि हमें अचरज हो जाता है। हम सबको ये बात तो पता है कि हिमालय में कैलाश पर्वत है। कहा जाता है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव रहते हैं। क्या आपको ये पता है कि हिमालय में एक नहीं बल्कि पाँच कैलाश पर्वत है। इन पाँचों कैलाश पर्वतों को एक पंच कैलाश के नाम से भी जाना जाता है। इन जगहों की यात्रा से पहले जानकारी बहुत जरूरी है। हिमालय में स्थित पंच कैलाश की पूरी जानकारी हम आपको दे रहे हैं जिससे आप पंच कैलाश यात्रा आराम से कर पाएंगे।

1- कैलाश मानसरोवर

कैलाश मानसरोवर तिब्बत और चीन में समुद्र तल से 6,638 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। कैलाश पर्वत मानसरोवर झील से घिरा हुआ है जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाता है। कैलाश पर्वत हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिखों का धार्मिक केन्द्र है। हर साल लाखों लोग कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने जाते हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच होती है। एक महीने लंबी इस यात्रा को आपको एक बार जरूर करनी चाहिए।

2- किन्नर कैलाश

किन्नर कैलाश हिमाचल प्रदेश की किन्नौर घाटी में स्थित है। किन्नर कैलाश पर्वत को अब किन्नौर कैलाश भी कहा जाता है। किन्नौर कैलाश पर्वत की बर्फीली पहाड़ी पर 79 फीट ऊँचा शिवलिंग है। ये शिवलिंग त्रिशूल के आकार का दिखाई देता है। कहा जाता है कि शिवलिंग अपना बार-बार रंग बदलता है। किन्नर कैलाश पर्वत के पास में ही पार्वती कुंड है। कहा जाता है कि इस कुंड को देवी पार्वती ने खुदवाया था। समुद्र तल से 5,300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित किन्नर कैलाश से बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। किन्नर कैलाश पर्वत का ट्रेक सबसे कठिन ट्रेक में से एक है। किन्नर कैलाश की यात्रा करने के लिए अप्रैल से जून तक का समय सबसे बेस्ट है।

3- आदि कैलाश

आदि कैलाश कैलाश पर्वत के बाद पवित्र माना जाता है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित आदि कैलाश को छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता कि जब शिव जी अपनी बारात लेकर जा रहे थे तब उन्होंने आदि कैलाश पर अपना पड़ाव डाला था। यहाँ पर पार्वती सरोवर भी है। सरोवर के पास में भी भगवान शिव और पार्वती का मंदिर भी है। आदि कैलाश की यात्रा भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक है। इस यात्रा में आपको कुल 150 किमी. की पैदल यात्रा करनी होती है। आदि कैलाश पहुँचने में कम से कम 12 दिन लगते हैं और लौटने में भी इतना ही समय लगता है। आप आदि कैलाश की यात्रा अप्रैल से दिसंबर की बीच में कर सकते हैं। इस यात्रा के लिए आपको इनर लाइन परमिट भी लेना पड़ता है।

4- श्रीखंड कैलाश

श्रीखंड कैलाश को श्रीखंड महादेव के नाम से भी जाना जाता है। श्रीखंड कैलाश हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है। श्रीखंड कैलाश पर्वत ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में आता है। कहा जाता है कि इसी जगह पर भगवान विष्णु ने शिवजी से वरदान पाए भस्मासुर का नृत्य करने के लिए राजी कर लिया था। नाचते हुए उसने अपना हाथ सिर पर रख लिया था और खुद भस्म हो गया था। श्रीखंड महादेव समुद्र तल से 5,227 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। श्रीखंड कैलाश पर्वत पर 75 फीट ऊँची शिवलिंग है। 35 किमी. का लंबा ट्रेक करने के बाद आप श्रीखंड महादेव पहुँचते हैं। कहते हैं कि हर कोई श्रीखंड महादेव के दर्शन नहीं कर पाता है।

5- मणि महेश कैलाश

मणिमहेश कैलाश हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। मणिमहेश कैलाश को चंबा कैलाश के नाम से जाना जाता है। मणिमहेश कैलाश समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मणिमहेश कैलाश पर्वत के पास में ही झील है जो इस जगह को और भी शानदार बनाती है। कहा जाता कि इस लेक में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। मणिमहेश तक पहुँचने के लिए आपको 13 किमी. लंबा ट्रेक करना पड़ेगा। मई से सितंबर के बीच में आप मणि महेश की यात्रा कर सकते हैं। आपको एक बार मणिमहेश कैलाश की यात्रा जरूर करनी चाहिए।

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