हिमाचल की इन 5 बैकपैकिंग यात्रा में देखने को मिलेगी असली सुंदरता, ऐसे बनाएं प्लान

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Photo of हिमाचल की इन 5 बैकपैकिंग यात्रा में देखने को मिलेगी असली सुंदरता, ऐसे बनाएं प्लान by Rishabh Dev

हर किसी का मन करता है कि वो खुली वादियों को जी भर के निहारे, शांति और सुकून को महसूस करे। बहुत सारे लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं और कुछ लोग कर भी लेते हैं। बैगपैकिंग घुमक्कड़ी का एक टर्म ही नहीं है बल्कि अपने दिल की सुनने का एक तरीका भी है। बैकपैकिंग आपको उस रास्ते पर ले जाता है जहाँ जाने से लोग कतराते हैं। हिमाचल प्रदेश में बैकपैकिंग कई रूट हैं। ऐसे ही कुछ चुनिंदा रास्ते के बारे में बताने जा रहे हैं। हर घुमक्कड़ इन जगहों की यात्रा एक बार जरूर करनी चाहिए।

1- पार्वती वैली

अगर आपने कभी बैकपैकिंग नहीं की है तो इसकी शुरूआत के लिए पार्वती वैली एक बढ़िया जगह है। पार्वती वैली हिमाचल प्रदेश की सबसे सुंदर जगहों में से एक है। आप दिल्ली से बस से भुंतर पहुँचिए। उसके बाद अगले दिन स्थानीय बस से कसोल जाइए। कसोल में घूमने के बाद चलल और कटाल्गा गाँव देखिए और हाइक करके ग्रहण गाँव पहुँचिए। कसोल वापस लौटिए और मणिकरण साहिब व बरशैनी की यात्रा पर निकल पड़िए। रात में तोश में रूकिए। इसके बाद वापस कसोल लौट आइए। यहाँ से मलाणा गाँव जाइए और एक्सप्लोर कीजिए। पार्वती वैली की यात्रा कुछ इस प्रकार पूरी होती है। इन सबको एक्सप्लोर करने में 10-12 दिन का समय लगेगा।

रूट

दिल्ली – भुंतर – कसोल – चलल – ग्रहण – मणिकरण साहिब – बरशैनी – तोश- कुटला – खीरगंगा – कसोल – मलाणा- दिल्ली

2- मनाली

मनाली हिमाचल प्रदेश की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। जहाँ आपको साल भर लोग घूमते हुए मिलेंगे। बैकपैकिंग की शुरुआत के लिए मनाली भी अच्छी जगह है। दिल्ली से मनाली बस से पहुँचिए। मनाली के हिडिंबा मंदिर को देखने जरूर जाएँ। इसके अलावा ओल्ड मनाली भी अच्छी जगह है। अगले दिन वशिष्ठ मंदिर को जोगनि फॉल्स को देखने जाएँ। इसके अलावा मनाली के आसपास गोशाल, शानग और नसोगी जैसे शानदार गाँव हैं जिनको आप देख सकते हैं। अगले दिन रोहतांग पास जाएँ और शाम तक वापस भी लौट आएँ। इसके बाद सोलंग वैली को एक्सप्लोर करने जाएँ। नग्गर को देखने के बाद आप दिल्ली की बस में बैठ सकते हैं।

रूट

दिल्ली – मनाली- ओल्ड मनाली – जोगनि फॉल्स- गोशाल गाँव- रोहतांग पास – मनाली – सोलंग वैली – नग्गर – दिल्ली

3- तीर्थन वैली

तीर्थन वैली हिमाचल प्रदेश की उन जगहों में आती है जहाँ अभी भी लोगों की कम भीड़ देखने को मिलती है। दिल्ली से बस से हिमाचल प्रदेश के औट पहुँचे। अगले दिन औट से बंजर के लिए बस लीजिए। बंजर में श्रींग ऋषि मंदिर को देख सकते हैं। इसके बाद बंजर से बस से बहू जाइए। वहाँ बालू नाग मंदिर को देखें और शाम में वापस लौट आएँ। अगले दिन जिभी निकल पड़िए। जिभि से जलोरी जोत जाएँ और सेरोलसर लेक देखें। रात में जिभी में आराम करें। अगले दिन जिभी से गुशैनी जाएँ और रोपा गाँव को देखें। गुशैनी से शर्ची जाएँ और रात में वहीं ठहरें। अगले दिन शर्ची से गुशैनी वापस लौटें और फिर वहाँ से बटाहड गाँव पहुँचे। बटाहड गाँव घूमने के बाद औट जाएँ। औट से ही आपको वापस दिल्ली जाने की बस मिल जाएगी।

रूट

दिल्ली- औट – बंजर – बहू – बंजर – जिभी – जलोरी जोत – जिभी – गुशैनी – शर्ची – गुशैनी – बटाहड – औट – दिल्ली

4- लाहौल घाटी

लाहौल घाटी हिमाचल प्रदेश की सबसे कम एक्सप्लोर की जाने वाली जगह है हालांकि अब ज्यादा लोग लाहौल जा रहे हैं। इसके बावजूद लाहौल में कई सारी जगहें है जिनके बारे में कम लोगों को पता है। लाहौल की यात्रा के लिए सबसे पहले आप बस से दिल्ली से मनाली पहुँचे। अगले दिन अटल टनल से होते हुए सिस्सू गाँव पहुँचे। सिस्सू को एक्सप्लोर करें। इसके बाद केलोंग पहुँचे। बारालाचा ला, दीपक ताल और सूरज ताल होते हुए मियार वैली पहुँचे। मियार वैली में थनपट्टन को एक्सप्लोर कर सकते हैं। मियार वैली से पट्टन घाटी पहुँचे और फिर रात में उदयपुर में ठहरें। इसके बाद वापस केलोंग लौटें और फिर मनाली पहुँचे। वहाँ से आपको दिल्ली की बस आराम से मिल जाएगी।

रूट

दिल्ली – मनाली- सिस्सू – केलोंग – बारालाचा ला- दीपक ताल- सूरज ताल – मियार वैली – पट्टन – उदयपुर – केलोंग – मनाली – दिल्ली

5- स्पीति वैली

स्पीति वैली हिमाचल प्रदेश के सबसे अंदरूनी इलाकों में से एक है। यहाँ की खूबसूरती देखकर आप दंग रह जाएँगे। स्पीति हिमाचल प्रदेश के सूखे और बंजर इलाकों में आता है। स्पीति पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले शिमला पहुँचना होगा। शिमला से अगले दिन सुबह-सुबह रिकांगपिओ की बस लीजिए। रात में रिकांगपिओ ठहरिए और अगले दिन काजा बस से पहुँचे। काजा से ही स्पीति घाटी की शुरूआत होती है। काजा स्पीति की सबसे बड़ी जगह है। अगले दिन आप काजा से लांगजा, हिक्किम और कोमिक गाँव को एक्सप्लोर करने जा सकते हैं। शाम तक वापस काजा लौट जाइए। अगले दिन की मोनेस्ट्री, चिचम ब्रिज और किब्बर जाएँ। इसके बाद भी अगर आपके पास समय बचता है तो पिन मोनेस्ट्री मढ़ गाँव जाएँ। इसके बाद काजा से चन्द्रताल लेक को एक्सप्लोर करते हुए मनाली पहुँच जाइए। जहाँ से आपको दिल्ली के लिए बस मिल जाएगी।

रूट

दिल्ली – शिमला – रिकांगपिओ – काजा – लांगजा – हिक्किम – कोमिक – धनकर – ताबो – की मोनेस्ट्री – चिचम ब्रिज – किब्बर – पिन वैली – मढ़ – काजा – चन्द्रताल लेक – मनाली - दिल्ली

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