आज चलते हैं हम प्रकृति के अद्भुद नज़ारों की सैर मतलब कश्मीर से कन्याकुमारी तक स्थित देश के पांच सबसे ऊँचे झरनो की ओर -
1. कुंचिकल झरना :
कुंचिकल झरने को भारत का सबसे ऊँचा झरना माना जाता है।यह झरना कर्नाटक के निडागोडू गाँव में मौजूद है कि शिमोगा जिले में स्थित हैं।इस झरने से वाराही नदी निकलती हैं जो कि कर्नाटक की जल विद्युत परियोजना में सहायक रोल निभाती हैं।इसकी खूबसूरती की वजह से सालभर यहाँ सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता हैं।यह प्रतिबंधित क्षेत्र होने से यहाँ जाने के लिए पास की जरूरत होती हैं जो कि यहाँ से करीब 15 किमी दूर स्थित होसांदी गाँव से मिलता हैं। इसकी ऊंचाई 455 मीटर मापी गयी हैं ,देश के सबसे ऊँचे झरने के साथ साथ यह विश्व के सबसे ऊँचे झरनो में 116वे नंबर पर आता हैं।एशिया में इसका दूसरा स्थान हैं।
2. बरेहीपानी झरना :
ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित, 399 मीटर की उचाई से नीचे गिरने वाला यह झरना भारत का दूसरा सबसे उंचा झरना है।यह झरना सिमलिपाल राष्ट्रीय उघान के घने हरे भरे वन्य क्षेत्र में पड़ता हैं इसीलिए इसकी खूबसूरती और आसपास का शांत वातावरण सैलानियों को प्रकृति से जोड़ देता हैं। यह झरना असल में दो हिस्सों में बँटकर गिरता हैं।यह बुधबलंग नदी के प्रवाह मार्ग पर बहता है जो मेघासुनी पर्वत के उपर से होकर बहती है।
3. नोहकालीकाई झरना:
मेघालय के चेरापूंजी के पास नोकालीकाई झरना झरने को भारत का सबसे तीसरा सबसे बड़ा झरना हैं। इसे सबसे दुखद झरना भी कहा जाता हैं क्योकि बारिश के पानी से बनने वाले इस झरने का नामकरण एक महिला 'का लीकाई' की दुखद कहानी पर आधारित है।चेरापूंजी से करीब सात किमी दूर स्थित इस झरने तक का यह सात किलोमीटर तक का रास्ता अपने आप में हटकर हैं। 340 मीटर की ऊंचाई लिए इस झरने का पानी एक विशाल पानी के स्त्रोत (पूल ) में गिरता हैं जो कि दूर से गहरे हरा रंग लिए नजर आता हैं।इसके दूर दूर तक घने जंगल एवं पहाड़ ही नजर आते हैं। इसको देखने के लिए एक व्यू पॉइंट बनाया गया हैं जहाँ से इसका भव्य रूप देखा जा सकता हैं।
4. नोहशंगथियांग फॉल्स :
इस झरने को मुख्य रूप से Seven Sisters Waterfalls या Mawsmai Falls के नाम से जाना जाता है।मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के मौसमी गांव से 1 किमी दक्षिण में स्थित एवं 315 मीटर की ऊंचाई लिए ,यह भारत का चौथा सबसे ऊंचा झरना है।नोहशंगथियांग फॉल्स या सेवन सिस्टर फॉल्स से निकलने वाली पानी की सात धाराएं ,उत्तर पूर्वी भारत के सात बहन राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय का प्रतीक हैं।मानसून में इस झरने के आसपास काफी पर्यटक इसे दूर दूर से देखने आते हैं।शिलॉन्ग से इसकी दूरी करीब 100 किमी है, जबकि गुवाहाटी से यह 190 किमी की दूरी पर स्थित है।
5. दूधसागर फाल्स :
दूधसागर फाल्स का नाम सुनते ही आपको गोवा का वो विशाल झरना याद आएगा ,जिसके सामने से ट्रैन गुजरती हैं ,जिसे चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म में भी बताया गया था। 310 मीटर की ऊंचाई लिए इस दूध से सफ़ेद झरने तक पहुंचने के लिए पर्यटक करीब 5 घंटे की पैदल ट्रैकिंग करके जाते हैं। दूधसागर फाल्स भगवान महावीर अभयारण्य और मॉलेम नेशनल पार्क के पास ही है।यह खूबसूरत झरना भारत का पांचवा सबसे ऊँचा झरना माना जाता हैं।
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