GORAKHNATH TEMPLE...
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में यह मंदिर स्थित है । गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक है।इस मंदिर के महंत सीएम योगी आदित्यनाथ है । यह मंदिर नाथ योगियों का महत्वपूर्ण केंद्र है ,यहां योग साधना और तपस्या सिखाई जाती है । मुगल काल के दौरान मंदिर को कई बार तोङ़ा गया था । ऐसा माना जाता है कि मंदिर के ढांचे का निर्माण 19वीं सदी में दिग्विजय नाथ और अवेद्यनाथ ने करवाया था।
इस मंदिर में मकर संक्रांति के समय प्रसाद के तौर पर खिचड़ी चढ़ाई जाती है । हर मकर संक्रांति के अवसर पर विशाल मेला का आयोजन किया जाता है।
•RAMGARH TAL...
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में स्थित है। यह शहर के दक्षिण पूर्वी छोर पर 170० एकङ़ क्षेत्र में फैला हुआ प्रकृति की अनुपम भेंट है । ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गोरखपुर का नाम रामगढ़ था। यहां कोलीय गणराज स्थापित था । उन दिनों राप्ती नदी आज के रामगढ़ ताल से ही होकर गुजरती थी । बाद में राप्ती नदी की दिशा बदली तो उसके अवशेष में रामगढ़ ताल अस्तित्व में आ गया। इस ताल को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं ।लाइट एंड साउंड शो के साथ-साथ ढलते ही इस ताल का नजारा अद्भुत होता है । नौकायन व वाटर स्पोर्ट्स ने इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिया है । यह ताल बहुत ही सुंदर और आकर्षक है।
• GITA PRESS...
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में यह गीता प्रेस स्थित है। धार्मिक ग्रंथों और पुस्तकों को प्रकाशित करने का यह मुख्य केंद्र है ,गीता प्रेस । 1923 में जया दयाल गोयंदका और घनश्याम दास जालान ने गीता प्रेस की नींव रखी थी। पवित्र गीता ,रामायण ,महाभारत, पुराण ,उपनिषद ,विभिन्न संत और गुरु की रचनाओं को प्रकाशित किया । यहां पर दूर-दूर से पर्यटक आकर धार्मिक पुस्तकों को देख सकते हैं, और खरीद भी सकते हैं ।इस प्रेस में इतिहास की सारी जानकारी मिल जाती है।
•KUSMI JUNGLE...
यह गोरखपुर रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । कुसम्ही घना जंगल है । इस घने जंगल के बीच में बुढ़िया माई मंदिर प्रसिद्ध है। इस मंदिर की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई है । योगी आदित्यनाथ भी इस मंदिर में पूजा करने आते हैं ।जंगल के बीच में विनोद वन पार्क और एक छोटा चिड़िया घर भी है ।धार्मिक स्थल होने के कारण पर्यटक यहां आते हैं यहां का दृश्य बहुत ही सुंदर है।
• RAJKIYA BAUDH SANGRAHAALAY...
इस संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1987 में विभिन्न तत्वों के संरक्षण के लिए की गई थी ।रामगढ़ ताल क्षेत्र में स्थित राजकीय बौद्ध संग्रहालय पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है । इस संग्रहालय में पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक कि पुरातात्विक वस्तुएं हैं ।इनमें पत्थर की वस्तुएं , कांस्य की मूर्तियां ,धातु की वस्तु ,टेराकोटा ,मिट्टी के बर्तन हाथी दांत ,लघु चित्र ,पंचमार्क सिक्के और अन्य चीजें प्रदर्शित है जो देखने योग्य है।