लखनऊ के पास में एक दिन में आप क्या घूम सकते है 1.(देवा शरीफ) 

Tripoto
10th Oct 2019

देवा शरीफ

देवा शरीफ:-

Day 1
Photo of Deva Shareef Dargah, Dewa, Uttar Pradesh, India by hindustaniexplorer
Photo of Dewa Mela fire station, Dewa, Uttar Pradesh, India by hindustaniexplorer

देवा मेला:-

अगर आप लखनऊ में रह रहे है और डेली बिजी लाइफ से परेशां है , कुछ नया देखना चाहते है या एक्स्प्लोर करना चाहते है तो मै आप को पहली जगह बताता हूँ , जो आप एक दिन में जाकर घूमकर वापस लखनऊ आ सकते है।

देवा शरीफ:-

हमारे हिन्दुस्तान में बहुत सारे सूफी संत हुए है । उनमे से एक सूफी संत का आज हम जिक्र करते है और उनकी दरगाह के बारे में आप को बताते है। देवा शरीफ लखनऊ से करीब 38 km दूर स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध क़स्बा है । वहा पर एक दरगाह है जो के सूफी संत हाजी वारिश अली शाह की है , यह दरगाह गंगा जमुनी तहज़ीब के एक बहुत बड़ी मिशाल है यहाँ पर हिन्दू मुस्लिम सिख इशाई सभी धरम के लोग आते है, ज़ियारत करते है , यहाँ दरगाह पर हर साल बहुत ही बड़ा होली का तयोहार मनाया जाता है जो को हिन्दू मुस्लिम साथ में मिल कर खेलते है। यहाँ पर हर साल अक्टूबर महीने में बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है जो करीब १० दिन तक चलता है , इस मेले का आयोजन दरगाह कमेटी बोर्ड करता है । अगर आप ने गांव का मेला नही देखा तो ,देवा मेला जरूर विजिट करे आप को भारत के पुरानी परम्परा दिखेगी , जैसे सर्कस का खेल, मौत का कुवा , छोटा सिनेमा घर , बैल गाड़ी की दौड़ , घोड़े के दौड़, ऊट की दौड़, साथ साथ अगर आप स्पोर्ट्स या खेल कूद के शौखीन है तो यहाँ पर हॉकी का बहुत बड़ा टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है और बैडमिंटन ,पतंग बाज़ी,वॉलीबॉल, और राइफल शूटिंग भी। इसके साथ साथ यहाँ पर बहुत बड़ा पशुओ का बाजार लगता है ।जहा पर हर किश्म के घोड़े , ऊट , बकरे आदि खरीद कर आप अपने घर ले जा सकते है।

हज़ारो चमकीले ढंग से प्रकाशित सजाई हुई दुकानें अनेक प्रकार की हस्तशिल्प, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, खिलौने, स्वादिष्ट स्नैक्स और मिठाइयो का मज़ा ले सकते है । आतिशबाज़ी का भी प्रमुख उत्सव होता है और आस पास के गांव के लोग जो आतिशबाज़ी का काम करते है वोह अपना हुनर यहाँ पर दिखाते है जो के मन को मोह लेता है।

अगर आप ने गांव के जिंदगी और किसान को खेती करते नही देखा है तो जब आप देवा जायेंगे तो आप को रोड के दोनों तरफ बड़े बड़े पेड़ लगे दिखाई देंगे जैसे आप किसी जंगल में एंट्री कर रहे है और उसके साथ साथ हर मौसम के हिसाब से आप फसल का भी मज़ा ले सकते है जैसे अगर आम की फसल है तो आप ताजे आम का भी मजा ले सकते है , गन्ने के फसल है तो गन्ने का भी मजा ले सकते है डायरेक्ट खेत से ।

मेला के तारीख :- इसका आयोजन हर साल अक्टूबर महीने में होता है तरीक़ फिक्स नही होती।

होली :- केलिन्डर के हिसाब से।

मेला में होने वाले कार्यक्रम :- मुशायरा , कव्वाली , म्यूजिकल नाईट , पतंग बाज़ी , घोड़े के दौड़, हॉकी टूर्नामेंट , वॉलीबॉल टूर्नामेंट , बैडमिंटन टूर्नामेंट , राइफल शूटिंग,शूटिंग इत्यादि।

कैसे जाये :-

*उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट की बस से करीब 50 /- का टिकट ले कर जा सकते है यह बस आप को आलम बाग़ , चार बाग़, या चिनहट से मिल जाएगी।

*लोकल टैक्सी :- चिनहट चौराहे से 45/- रुपए के करीब ( किराया पूछ कर बैठे )

*प्रे पेड टैक्सी :- इंडिगो, स्विफ्ट डिज़ायर करीब १२०० से १६००/- तक

एयरपोर्ट :- अमौसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट

रेलवे स्टेशन :- बाराबंकी या लखनऊ ( चारबाग़ ) से भी जा सकते है

बस स्टेशन :- देवा बस डेपो या बाराबंकी

*एंट्री टिकट :- फ्री एंट्री

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