अमरनाथ जाने वाले यात्रियों के 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरु हो रहा है और 30 जून से यात्रा आरम्भ हो रही है तो कैसे आप एक बजट ट्रिप करे कैसे जाए कहा ragistration करवाये ये सब मै आपको बताऊंगा इस लेख में अगर आप का भी मन है इस बार अमरनाथ जाने का तो ये लेख जरूर पढ़ें ताकि आप भी आपकी बजट यात्रा कर सके आपके मन मे अमरनाथ जाने को लेकर जो भी सवाल उठ रहे होंगे कोसिस करूँगा की सब का जवाब आपको हमारे इस लेख में मिल जाये ।
जैसे कि अब सब को पता ही होगा कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से अमरनाथ यात्रा बाधित थी लेकिन इस बार यह यात्रा 30 जून से शुरू की जा रही है ।।
सबसे पहले आप को 11 अप्रैल से शूरु हो रहे ragistration में अपना ragistration करवाना होगा आपको बता दे कि हर दिन केवल 20 हजार ragistation होंगे ।।
Ragistration ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से होंगे ऑनलाइन ragistration 11 अप्रैल से होंगे जो की आप अमरनाथ शाइन बोर्ड की official वेबसाइट से करवा सकते है ।।
सभी ragistration करवाने वाले यात्रीयो से 100 रुपये लिए जाएंगे जिसे आप ऑनलाइन अपने upi या डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर सकते है ।।
ऑफलाइन ragistration करवाने के लिए आप को अपने नजदीक के पंजाब नेशनल बैंक और जम्मू कश्मीर बैंक या यस बैंक की किसी। भी शाखा में जा कर करवा सकते है इसके लिए आपको 4 पासपोर्ट साइज की फ़ोटो और सरकारी हॉस्पिटल से बनवाया हुआ हेल्थ सर्टिफिकेट देना होगा। ragistration fee देने के बाद आपका ragistration हो जाएगा उसके बाद उपलब्ध स्लॉट के हिसाब से आप यात्रा की तारीख चुन सकते है और आप अपनी यात्रा का रूट भी चुन सकते है इन सब की डिटेल बैंक से मिलने वाली रसीद पर रहेगी ।।
Ragistration करवाने के लिए हेल्थ और उम्र को ध्यान में रखते हुए कुछ मानक तय किये गए है जिसके आधार पर ही आप अपना ragistration कर सकते है ।।
जो मानक तय किये गए है जिसके तहत जो लोग ragistration नही karwa सकते है और न ही यात्रा कर सकते है बाबा अमरनाथ की वो इस प्रकार है
1- 6 सप्ताह से ज्यादा की गर्भवती महिलाएं
2- 13 साल से कम उम्र के बच्चे
3- 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग
बाबा बर्फानी जाने के लिए 2 मार्ग है:-
पहला मार्ग है अनंतनाग जिले के पहलगाम से जिसकी पैदल मार्ग की दूरी 48 km है इस रास्ते से यात्रा करने में काम से कम 4 से 5 दिन का समय लगता हैं।
दूसरा मार्ग है गन्दर बल जिले के बालटाल से जिसकी पैदल मार्ग की दूरी 18 km है इस मार्ग से आप अपनी यात्रा 1 दिन में पूरी कर सकते है।।
अमरनाथ कैसे जाए;-
अमरनाथ जाने के लिए सबसे पहले आपको जम्मू पहुचना होगा जम्मू से आप प्राइवेट टैक्सी या फिर बस से जो स्पेशल अमरनाथ जाने वाले यात्रियों के लिए चलिए जाती है उससे आप श्रींनगर होते हुए लगभग 10 घंटे की यात्रा करके अपने मार्ग के पास के बेस कैम्प तक जा सकते है ।।
बालटाल मार्ग से अमरनाथ गुफा जाने का रास्ता
बालटाल से अमरनाथ गुफा लगभग 18 किलोमीटर दूर है।
बालटाल से अमरनाथ गुफा जाने वाले रास्ते पर एक दिन की ट्रैकिंग के बाद दर्शन करके लौटा जा सकता है।
बालटाल से अमरनाथ गुफा का रास्ता कठिन और खड़ी चढ़ाई वाला है।
इसके बावजूद अगर आप जल्दी से दर्शन करके लौटना चाहते हैं तो ये रास्ता बेस्ट है।
पहलगाम मार्ग से अमरनाथ गुफा जाने का रास्ता
पहलगाम से अमरनाथ गुफा लगभग 36 किलोमीटर दूर है।
पहलगाम से अमरनाथ गुफा पहुंचने में लगभग 2-3 दिन की चढ़ाई करनी पड़ती है।और 1 से 2 दिन आपको उतारने में लग जाता है ।
पहलगाम से अमरनाथ पहुंचने का पहाड़ी रास्ता बालटाल से निकलने वाले रास्ते की तुलना में अधिक आसान और सपाट है।
अधिकतर बुजुर्ग पहलगाम वाला मार्ग चुनते हैं।
देश के कुछ बड़े शहरों से अमरनाथ की दूरी
दिल्ली से 631 किलोमीटर
भोपाल से 1234 किलोगमीटर
रायपुर से 1561 किलोमीटर
जयपुर से 812 किलोमीटर
बेंगलुरु से 2370 किलोमीटर
मुंबई से 1702 किलोमीटर
लखनऊ से 970 किलोमीटर
पटना से 1332 किलोमीटर
कुछ जरूरी बातें :-
1- अगर रास्ते में कोई बीमार पड़ गया या चोट लग गई तो उसके लिए पर्वतीय बचाव दलों के अलावा, जम्मू-कश्मीर पुलिस तीर्थ यात्रियों के लिए चिकित्सा शिविर लगाती है। इसके अलावा मार्ग में जगह-जगह पर सेना के शिविर और हेल्थ कैम्प भी होते हैं।
2- यात्रा करने से पहले अपनी फिटनेस पर थोड़ा ध्यान दें।
रोज कम से कम 4-5 किमी सुबह/शाम टहलना शुरू कर दें।
योग, प्राणायाम और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें।
पहले से कोई बीमारी है तो डॉक्टर से चेकअप जरूर करवा लें।
अपने आसपास चढ़ाई वाली जगह में चढ़ने-उतरने की प्रैक्टिस करें।
अगर आप सोच रहे है की अमरनाथ यात्रा के दौरान रहने-खाने की व्यवस्था कैसी रहेगी तो इसके लिए बात दे आपको की अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड रहने-खाने का इंतजाम करता है। इसके अलावा कई एनजीओ और धार्मिक संगठन भी इंतजाम करते हैं।
अमरनाथ जी यात्रा श्राइन बोर्ड, यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर रेस्टिंग हट तैयार करवाता है। इन हट्स में बेड किराए पर मिलते हैं। यहीं पर यात्रियों के लिए टॉयलेट और वॉशरूम होते हैं।
अमरनाथ की यात्रा के दाैरान कई ऑर्गनाजेशन फ्री में लंगर लगाते हैं। सरकारी दुकान या टी-स्टाल और रेस्टोरेंट से भी आप अपने जरूरत की चीजें जैसे स्नैक्स, साबुन आदि खरीद सकते हैं।
2.75 किमी तक चलने वाली बैटरी कार सेवा मिलेगी:-
इस बार अनंतनाग जिले में पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले में बालटाल दोनों ही रास्ते से यात्रा एक साथ शुरू की जाएगी। हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वालों को छोड़कर, प्रत्येक मार्ग पर एक दिन में केवल 10,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी। तीर्थयात्रियों के लिए बालटाल और डोमेल के बीच 2.75 किमी तक चलने वाली बैटरी कार सेवा होगी।
यात्री को जारी किया जाएगा RFID टैग कार्ड
इस साल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए श्राइन बोर्ड वहां से गुजरने वाले वाहन और यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) को यूज करेगा। सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी टैग कार्ड जारी किए जाएंगे।
अमरनाथ यात्रा शुरू करने के बाद इन 10 बातों का रखें ध्यान-:
महिलाओं के लिए साड़ी पहनना सुविधाजनक नहीं होगा, वे सलवार-कमीज, पैंट-शर्ट या फिर ट्रैक सूट पहनकर यात्रा करें।
चप्पल पहनकर अमरनाथ ट्रैकिंग बिल्कुल न करें। रास्ते फिसलन भरे होते हैं इसलिए फीते वाले ट्रैकिंग शूज का इस्तेमाल करें।
आपका सामान लेकर चल रहे कुली के आसपास ही रहें, जिससे किसी चीज की जरूरत होने पर तुरंत उसे बैग से निकाल सकें।
पहलगाम और बालटाल से आगे की यात्रा में अपने साथ एक वाटरप्रूफ बैग में एक्स्ट्रा कपड़े और खाने की चीजें रखें। भीगने पर इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
पानी की बोतल, कुछ स्नैक्स जैसे- भुने चने, ड्राई फ्रूटस, टॉफी, चॉकलेट आदि जरूर लेकर चलें।
सनबर्न से बचने के लिए अपने पास कोई भी मॉइश्चराइजर क्रीम और वैसलीन लेकर चलें।
आप गुम न हो जाएं, इसके लिए कभी भी अकेले न चलें और हमेशा साथी यात्रियों के साथ रहें।
इमर्जेन्सी को देखते हुए अपनी जेब में हमेशा अपना नाम, पता और घर का फोन नंबर लिखकर रखें। किसी साथी के साथ या ग्रुप में जा रहे हैं तो उनका भी फोन नंबर लिखकर रखें।
बेस कैम्प से निकलते वक्त आपका कोई साथी खो गया है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें और व्यक्ति के खो जाने की घोषणा करवा दें।
किसी शॉर्टकट रास्ते से यात्रा पूरी करने की कोशिश न करें। क्योंकि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
सबसे जरूरी और अहम बात :-
अमरनाथ में रुकने के लिए काफी सस्ती धर्मशालाओं और मुफ्त भोजन की व्यवस्था होती है। ऐसे में अगर आप स्लीपर ट्रेन से जाते हैं और बिना किसी लग्जरी सुख-सुविधा के अमरनाथ यात्रा करते हैं, तो एक व्यक्ति का खर्च देश के किसी भी कोने से लगभग 4500 रुपए आता है। इस खर्च में बाबा बर्फानी के दर्शन करके भी लौट सकते हैं।