भावेश जवेरी, पेशे से हीरों के व्यापारी, क़रीब 20 सालों से दुबई में रहते हैं। बीते 19 मई को उनके साथ एक ऐसी घटना हुई, जो उनके फ़्लाइट के सफ़र की सबसे यादगार यात्रा हो गई।
मई की 19 तारीख़ को मुंबई से दुबई की फ़्लाइट में जाने के लिए रवाना हुए, तो वो 360 लोगों की फ़्लाइट में सफ़र करने वाले अकेले यात्री थे।
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जैसे ही वह सफ़र के लिए वह एमिरेट्स प्लेन में आए, सभी एयर होस्टेस और पायलट व क्रू मेंबर्स ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया। भावेश ने इस फ़्लाइट के लिए कुल 18000 रु. की टिकट ख़रीदी थी।
इस सफ़र में पायलट ने उनको प्लेन घुमाने का ऑफ़र भी किया।
कैसे हुई यह स्वर्णिम घटना
इसमें कुछ छोटी बातें बहुत प्रभावी हैं। सबसे पहले तो कोरोना वायरस के कारण संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से आने वाले यात्रियों पर बैन लगा दिया है। यह बैन केवल उन लोगों पर प्रभावी नहीं है, जो राजनयिक हैं, संयुक्त अरब अमीरात के नागरिक हैं या फिर गोल्डन वीज़ा धारक हैं।
चूँकि भावेश के पास गोल्डन वीज़ा है, इस कारण उन्हें इस स्वर्णिम यात्रा को करने का मौक़ा मिला।
यदि वह इस सफ़र को न करते, तो प्लेन को बिना यात्रियों के ही यह यात्रा करनी पड़ती।
ढाई घंटे की इस यात्रा को भावेश अपने जीवन की सबसे ख़ास यात्रा मानते हैं।
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