भारत में ऐसे अनेकों मंदिर भरे पड़े है जहां पर आपको एक से बढ़कर एक रहस्य और चमत्कार देखने को मिलेंगे।इन रहस्यों और चमत्कारों के साथ लोगो की आस्था जुड़ी है। आज तक इन रहस्यों और चमत्कारों के पीछे क्या कारण है यह कोई भी जान नही पाया है।विज्ञान भी इसके आगे हार मान चुका है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से महाराष्ट्र के ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताएंगे जो एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमे आपको एक, दो या पांच नही बल्कि 359 चेहरे वाला शिवलिंग देखने को मिलेगा और प्रत्येक चेहरे पर आपको अलग अलग भाव भी दिखेंगे।तो आइए जानते है इस रहस्यमय मंदिर और शिवलिंग के विषय में।
श्री हरिहरेश्वर मंदिर
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के कुंडल संगम में स्थित हरिहरेश्वर मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर आपको एक ऐसा रहस्यमय शिवलिंग देखने को मिलेगा जिसपर 359 चेहरे बने हुए है।यह एक पश्चिममुखी मंदिर है।इस अकर्षक शिवलिंग को देखने श्रद्धालु दूर दूर से आते है। इस मंदिर में एक नही बल्कि दो गर्भगृह है।यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव और भगवान विष्णु की एकसाथ पूजा होती है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह शिवलिंग खुदाई के दौरान पाई गई थी।
खुदाई के दौरान मिला शिवलिंग
इस अनोखे मंदिर में स्थापित शिवलिंग को खुदाई के दौरान पाया गया था।1999 में सोलापूर के एक कॉलेज के प्रोफेसर ने इस मंदिर को सर्वप्रथम खोजा था।प्रोफेसर अपने विद्यार्थियों के साथ यहां कुछ सर्वे करने के लिए आए थे तभी उन्होंने पत्थरो के नीचे कुछ आकृति दिखाई दी पता लगाने पर पता चला कि अंदर कोई मंदिर है।उसके बाद मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आर्कियोलॉजी की टीम को बुलाया गया।उन्होंने जब खुदाई शुरू की तो पता चला की मन्दिर का कुछ हिस्सा नीचे जमीन में धसा है इसी खुदाई में उन्हें एक बहुमुखी शिवलिंग भी प्राप्त हुआ।इस मंदिर में स्वर्ग मंडप (खुला मंडप) है, जो प्राचीन समय के मंदिरों में काफी कम देखने को मिलता था।
शिवलिंग पर दिखते है 359 चेहरे और भाव
आपको बता दें कि इस बहुमुखी शिवलिंग पर एक,दो और पांच नही बल्कि 359 चेहरे और सभी पर अलग अलग भाव दिखाई देते है।यह अपने आप में ही एक अनोखी बात है की किसी शिवलिंग पर इतने चेहरे हो जोकि भगवान के अलग अलग तरह के भाव को दिखाते है।सोचने वाली बात यह है कि प्राचीन काल में इस तरह की शिवलिंग की पूजा की जाती थीं और किस तरह परमात्मा के प्रत्येक भाव को दर्शाया गया है।खोज कर्ताओं ने बताया की यह शिवलिंग 11 शताब्दी का है।इन पर जो चेहरे बने हुए हैं वो एक कतार में 9
पंक्तियों में है।इस शिवलिंग का वजन लगभग 4.5 टन बताया जाता है और इसकी लंबाई लगभग 1.99 मीटर है।
इस पश्चिममुखी मंदिर में है दो गर्भगृह
वैसे तो आप सब ने किसी भी मंदिर को पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर ही देखा होगा लेकिन हरिहरेश्वर मंदिर एक पश्चिममुखी मंदिर है और आपको बता दें कि इस मंदिर में एक नही बल्कि दो गर्भगृह है जिसमे भगवान शिव और भगवान विष्णु जी स्थापित है। यहां भगवान शिव और भगवान विष्णु की एकसाथ पूजा होती है।यह मंदिर भीमा और सीमा नदियों के संगम पर स्थित है जोकि महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर है।
कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग से
राष्ट्रीय राजमार्ग 9, 13 और 211 सोलापुर को पूरे भारत से जोड़ते हैं। मुंबई से सोलापुर की दूरी 456 किलोमीटर है। यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।यहां के लिए विभिन्न शहरों से राज्य परिवहन की बसे नियमित रूप से चलती है।
रेल मार्ग से
सोलापुर का अपना रेलवे स्टेशन है जो विभिन्न शहरों के रेलवे स्टेशन से जुड़ा है।मुंबई से सोलापुर पहुंचने में लगभग आठ घंटे का समय लगता है।
हवाई मार्ग से
सोलापुर का का सबसे निकटम हवाई अड्डा पुणे हवाई अड्डा है।जो यहां से 245 किमी की दूरी पर स्थित है।आप यहां से टैक्सी,बस,या कैब से आ सकते हैं।
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