ज़िन्दगी एक बार मिली है, तो खुल के जी लो। वैसे भी वैलेंटाइन वीक आ रहा है। क्या पता अगले जन्म में कुत्ता बिल्ली बन गए और क्यूट पप्पी नहीं हुए तो कैसे गुज़रेगी ज़िन्दगी, क्या मालूम। इसलिए इस ज़िन्दगी में कहीं नहीं, तो भारत में ऐसी 30 अप्रतिम जगहें हैं, जहाँ घूमें बिना जीवन त्यागना पाप है।
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1. लतमॉसिंग, मेघालय

प्रकृति की गोद में सुकून के कुछ पलों की तलाश करने के लिए लतमॉसिंग गाँव के दर्शन को ज़रूर जाएँ।
2. चेट्टिनाड पैलेस, तमिलनाडु

तमिलनाडु का चेट्टिनाड पैलेस में कला, वास्तु और संस्कृति इतने भीतर तक घुल मिल गए हैं, जो इसे हमारी लिस्ट में टॉप 30 में जगह देता है।
3. 13 आर्क ब्रिज, केरल

केरल में कोल्लम ज़िले के काज़ाथुरुथि में बना है 13 आर्क ब्रिज। वास्तु और सुन्दरता के मामले में बेजोड़। यक़ीन नहीं होगा कि महज़ चट्टान से इस ब्रिज को क़रीबन 100 साल पहले बनाया गया था। एक बार देखने ज़रूर जाएँ।
4. टाडा झरना/ उबलंबादुगु झरना, आंध्र प्रदेश

आंध्र में बहुत झरने हैं, जिनके नाम शायद आपको भी याद हों, लेकिन ख़ूबसूरत पहाड़ियों और हरियाली के लिए टाडा झरने को घूमने का मौक़ा ना छोड़ें। एक क़िस्म की शान्ति की तलाश में आने वालों के लिए तो यह स्वर्ग से कम नहीं
5. अरवालेम गुफ़ाएँ, गोआ

गोआ जैसा आज है, वैसा सालों पहले नहीं था। एक समय महाभारत के कौरवों पाण्डवों का भी था। अरवालेम की गुफ़ाओं में चट्टानों को काट कर उसी समय को दिखाने का अद्भुत प्रयास किया गया है। बिचोलिम क़स्बे से महज़ 9 किमी0 दूर इन गुफ़ाओं को घूमना आपके लिए एक नए अनुभव से कम नहीं है।
6. झातिंगरी, हिमाचल प्रदेश

बरोट की तरफ़ चलते हुए घटसनी से 5 किमी0 दूर पड़ता है यह छोटा सा पवित्र धाम। किसी शान्त जगह की तलाश में आने वालों को इस जगह से प्यार हो जाएगा।
7. दूधपथरी, कश्मीर

भारत में घास के मैदानों की सुन्दरता का हिसाब लगाया जाए तो दूधपथरी अव्वल नंबर पर आता है। श्रीनगर से 42 किमी0 दूर है ये छोटी सी जन्नत।
8. इदुक्की, केरल

टूरिस्टों की भीड़ से दूर केरल के सर्वाधिक सुन्दर ज़िलों में एक इदुक्की में स्वागत है। जंगलों से गुज़रती हुई सड़कों पर घूमने का मज़ा कुछ और ही है यहाँ।
9. चालाकुड़ी, केरल

मुन्नार और थेकड़ी से आगे निकलोगे तो पाओगे कि चालाकुड़ी नाम की जगह भी देखने लायक है। पहाड़ियाँ, जंगल, बड़े बड़े झरने और मुनक्कल बीच देखने के लिए मौक़ा बढ़िया है।
10. नागरहोल राष्ट्रीय पार्क

यूनेस्को की हेरिटेज साइट नागरहोल राष्ट्रीय पार्क किसी फ़ोटोग्राफ़र के लिए खुला हुआ ख़ज़ाना है। जानवरों के साथ-साथ पेड़ पौधों और जंगली सम्पदा को जानने समझने के लिए यहाँ आ सकते हैं आप।
11. अदालज का कुआँ, गुजरात

भारत की वास्तुकला कितनी सुन्दर है, यहाँ आकर ही पता लगता है। अगर आप ख़ुद को बड़ा ट्रैवलर कहलाना चाहते हो, तो यहाँ घूमने का प्लान जल्दी से बना लो।
12. मैथॉन, झारखण्ड

नई नई जगहों को तलाशने का शौक़ है तो मैथॉन आकर आपकी मंज़िल पूरी होगी।
13. डॉ0 सलीम अली बर्ड सैंचुरी, गोआ

चोराओ द्वीप पर स्थित इस बर्ड सैंचुरी के लिए रीबानगर से रिक्शा चलते हैं । आपको यहाँ पलायन करके आए हुए पंछी जिनमें अधिकांशतः साइबेरिया के होते हैं भारी तादाद में देखने मिलते हैं ।
14. चिखलदरा, महाराष्ट्र

किचकदरी और शक्कल झीलें इस छोटी सी जगह की सुन्दरतम अनुभूतियों में शुमार हैं। यहाँ आएँ तो गाविलघुर क़िला बिल्कुल न छोड़ें जहाँ से शुरू होने के बाद प्राचीन मन्दिर और वन्य जीवों का म्यूज़ियम भी मिलेगा। बच्चों को कुछ नया दिखाने के लिए ये जगह परफ़ेक्ट रहेगी।
15. बादामी गुफ़ाएँ, कर्नाटक

कर्नाटक के बगलकोट ज़िले में स्थित ये गुफ़ाएँ चालुक्य वंश की धरोहर हैं। यह जगह छठी शताब्दी में चालुक्य वंश की राजधानी हुआ करती थी।
16. हफलोंग, असम

हफलोंग झील की तारीफ़ में बस यही क़सीदा सुन लीजिए कि जिस जिस का मन दुनिया से ऊबा है, उन्होंने यहाँ आकर फिर से मोह माया में लौटने का मन बना लिया है।
17. लुगनक वैली, जम्मू- कश्मीर

ज़ंस्कार वैली के दक्षिण पूर्व हिस्से में स्थित लुगनक वैली 12वीं शताब्दी में गुफ़ाओं वाला मठ हुआ करता था। आज के ज़माने में यह वैली 70 साधुओं का घर है। लेकिन इसके इतर एक ख़ासियत जो इस वैली को औरों से अलग करती है वह है यहाँ पहुँचने का साधन। आपको यहाँ पहुँचने के लिए अपने पाँव का ही सहारा लेना पड़ेगा। कोई और तरीक़ा नहीं है जो आपको यहाँ पहुँचा सके।
18. चोपटा, उत्तराखंड

अपने ट्रेकिंग के कीड़े को शान्त करने के लिए चोपटा से बेहतर और क्या हो सकता है! छोटा सा गाँव ट्रेकिंग वालों के लिए तुंगनाथ और चन्द्रशिला में बेस कैंप की व्यवस्था रखता है। अकेले सुकून पाने वालों की तलाश यहाँ आकर ख़त्म होती है।
19. यूफेमा, नागालैंड

नागा झोपड़ियाँ, देसी पहनावा, अपने रंग में महकती हुई संस्कृति और चावल वाली दारू, यूफेमा आपको किसी और ही दुनिया में लेकर जाता है। नागालैंड के दिल में बसता है यह आदिवासी गाँव। पहाड़ी संस्कृति से मिलना हो, तो बस यहीं का प्लान बनाइए।
20. लोकतक झील, मणिपुर

दुनिया का अकेला राष्ट्रीय पार्क, जो पानी पर तैर रहा है लोकतक झील के नाम से प्रसिद्ध है। क्योंकि ये शांत जगह है तो यहाँ होने का अनुभव भी अछूता होगा आपके लिए। पूर्वोत्तर भारत में आए और यहाँ नहीं घूमे तो पूर्वोत्तर का ट्रिप अधूरा है।
21. चूचेन, सिक्किम

बाहरी दुनिया से अछूती जगह है सिक्किम की यह जन्नत। राहुनी गुफ़ाएँ, खानदोनसंगफुग गुफ़ाएँ, फुर्तशाचु का गर्म सोता और ऐसा बहुत कुछ है इसके बारे में बताने के लिए।
22. दांसबोंग क़िला ,थारंगमबड़ी

थारंगमबड़ी का मतलब निकालें तो वो जगह जहाँ हवाओं का संगीत गूँजता है। 1620 ई0 में बना यह क़िला आज भी दक्षिण भारत में प्रवेश करने का अनोखा रास्ता है।
23. काशिद, महाराष्ट्र

बीच की सफ़ेद खुरदुरी रेत और दूर डूबता हुआ सूरज, काशिद को कुछ इसी तरह से जाना जाता है। अगर आप थाइलैंड के फि फि आइलैंड से इसकी तुलना करेंगे तो कुछ कम नहीं होगा।
24. चतपल, कश्मीर

कहते हैं कश्मीर इतना सुन्दर है कि इसकी सुन्दरता अभी तक किसी ने पूरी नहीं देखी। ढेरों ऐसी जगहें हैं जो आज भी लोगों के लिए अनछुई हैं। चतपल को मिनी पहलगाम कहते हैं, एक क़िस्म की शान्ति की खोज में आते हैं लोग। बिना बिजली के यहाँ रहना कुछ अलग ही अनुभव होगा, नहीं।
25. स्यालसौर, उत्तराखंड

मंदाकिनी नदी के शान्त लहरों पर बसता है स्यालसौर, जहाँ किसी बदमाश को आने की इजाज़त नहीं है।
26. अथिरापिली जलप्रपात, चलकुडी

शोलायर पहाड़ों की रेंज पर ही मिलता है अथिरापिली का झरना। बहुत ज़्यादा भीड़ भड़क्का नहीं मिलेगा आपको यहाँ। इस जलप्रपात की ऊँचाई कुल 80 फ़ीट है और चलकुडी नदी तो इसके साथ आपकी बाक़ी ख़्वाहिशें पूरी कर ही देगी।
27. अराकु वैली, विशाखापट्टनम

गोलकोंडा, रक्तकोंडा और चितमोगोंडी की पहाड़ियों की गोद में स्थित इस अराकु वैली में पर्यटन के ढेरों संभावित रास्ते खुले हुए हैं। बस आपको निकलने की तलाश है।
28. मुरुड, महाराष्ट्र

जांजिरा, समुद्री क़िला है जिसके बारे में आपने ज़रूर कभी सुना होगा। जब आप यहाँ पर होंगे तो ये ज़रूर पता करने की कोशिश करिएगा कि इसे बनाया कैसे गया होगा।
29. चंपानेर-पावागढ़, गुजरात

अगर अपने अन्दर का इतिहासकार कहीं ज़िन्दा है तो इस प्राचीन क़स्बे की नुमाइश को बेहद तलबग़ार हो जाएगा। ताम्र काल का यह क़स्बा आपको एक नई दुनिया में लेकर जाता है, जहाँ हिन्दुओं का पहाड़ीनुमा क़िला हुआ करता था। यहाँ आज भी 16वीं सदी की मस्जिदें, मंदिर, मक़बरे, कुएँ और टैंक हैं।
30. एडक्कल, केरल

6,000 साल पहले एडक्कल की इन्हीं चट्टानों पर किसी ने कलाकारी की थी, आज ये चट्टानें लोगों के लिए यहाँ आने का कारण हैं। यहाँ की गुफ़ाएँ 8,000 साल पुरानी हैं, जो इसे पुरातात्त्विक तो बनाती ही हैं, साथ ही अपने पूर्वजों का जानने का मौक़ा भी देती हैं।
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