आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास?

Tripoto
9th Jan 2024
Photo of आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास? by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

सदियों से, अयोध्या शहर हिंदू पौराणिक कथाओं में पूजनीय भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में दिलों को लुभाने वाले आध्यात्मिक महत्व से भरा हुआ है। राम जन्मभूमि लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है, जो दुनिया भर के हिंदुओं के लिए गहरी आस्था और विश्वास का प्रतीक है। इस स्थल पर राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक क्षण रहा है। एक ऐसी संरचना का रास्ता जो न केवल धार्मिक भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है बल्कि एकता और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में भी काम करती है।

एकता और आस्था का प्रतीक

Photo of आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास? by Pooja Tomar Kshatrani

राम मंदिर परियोजना धार्मिक सीमाओं को पार करते हुए एक एकीकृत शक्ति के रूप में उभरी है। मंदिर का निर्माण केवल दीवारें खड़ी करने के बारे में नहीं है; यह शांति, संवाद और आपसी समझ की विजय का प्रतीक है। निर्णय में समावेशिता, दोनों धार्मिक समुदायों के लिए प्रावधान, सह-अस्तित्व और सद्भाव की भावना को प्रतिध्वनित करती है - जो एक बहुलवादी समाज के लिए आशा की किरण है।

सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक महत्व

Photo of आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास? by Pooja Tomar Kshatrani

अयोध्या में बन रहे इस भव्य मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। यह मंदिर तीन मंजिला होगा और हर एक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। प्रभु श्रीराम का बालरूप मुख्य गर्भगृह में होगा जबकि प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा। मंदिर में पांच मंडप होंगे जिसमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप होंगे। राम मंदिर में लगे खंभों और दीवारों में देवी-देवता और देवांगनाओं की सुंदर मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर के चारों ओर बड़ी-बड़ी दीवारें होंगी। इन दिवारों के चारों कोनों पर सूर्यदेव,मां भगवती,गणपति और भगवान शिव के मंदिर बनाए जाएंगे।

इसके अलावा मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि,महर्षि वशिष्ठ,महर्षि विश्वामित्र,महर्षि अगस्त्य,निषादराज,माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या के भी मंदिर बनाए जाएंगे। मंदिर परिसर के दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है। यहां जटायु की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। खास बात यह है कि इस भव्य मंदिर के निर्माण में लोहे का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं किया गया है।

इस स्थल की पवित्रता तीर्थयात्रियों और भक्तों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है, जो इसे एक पवित्र तीर्थ स्थल मानते हैं। मंदिर के पूरा होने को एक लंबे समय के सपने के पूरा होने, आध्यात्मिक भक्ति को बढ़ावा देने और भगवान राम और उनके भक्तों के बीच बंधन को मजबूत करने के रूप में देखा जाता है।

कौन और कहां से है भव्य राम मंदिर को बनाने वाले वास्तुकार?

Photo of आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास? by Pooja Tomar Kshatrani

राम मंदिर का मूल डिजाइन 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने तैयार किया गया था। सोमपुरा परिवार 15 पीढ़ियों से मंदिर के डिजाइन का काम कर रहा है। इस परिवार ने राम मंदिर के मूल डिजाइन में कुछ बदलावों करके साल 2020 में इसे फिर से तैयार किया। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं। सोमपुरा परिवार ने राम मंदिर को 'नग्गर ' शैली की वास्तुकला पर बनाया है।

22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुरू हुई विशेष तैयारियां

Photo of आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास? by Pooja Tomar Kshatrani

1. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू करेगी यूपी सरकार

2. यूपी की रोडवेज बसों में 22 जनवरी तक बजाए जाएंगे भगवान राम के भजन

3. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के मद्देनजर 22 जनवरी को यूपी के सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए गए है, इसके अलावा इस दिन राज्य में शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी।

4. राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. इसके बाद भगवान को विशेष भोग लगाया जाएगा, जिसमें ननिहाल के चावल और ससुराल का मेवा शामिल होगा.

5. ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3 हजार क्विंटल चावल अयोध्या आएगा. ये अब तक की सबसे बड़ी चावल की खेप होगी, जो अयोध्या पहुंचेगी. इसे छत्तीसगढ़ के जिलों से एकत्र किया गया है.

6. भगवान राम की ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल और मेवा 5 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे. इसके अलावा उपहारों से सजे 1100 थाल भी होंगे.

7. नेपाल से आभूषण, बर्तन, कपड़े और मिठाइयों के अलावा भार भी आएगा, जिसमें 51 प्रकार की मिठाइयां, दही, मक्खन और चांदी के बर्तन शामिल होंगे।

8. उत्तर प्रदेश के एटा जिले से रामलला के दरबार में अष्टधातु का 21 किलो का घंटा पहुंचेगा। दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा घंटा होगा, जिसकी लागत 25 लाख रुपये है। इसे बनाने में 400 कर्मचारी जुटे हुए हैं।

9. यूपी के एटा से अयोध्या पहुंच रहे घंटे की चौड़ाई 15 फुट और अंदर की चौड़ाई 5 फुट है। इसका वजन 2100 किलो है। इसे बनाने में एक साल का समय लगा है।

10. प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुजरात के वडोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या भेजी जा रही है, जो बनकर तैयार है। इसे पंचगव्य और हवन सामग्री के साथ गाय के गोबर से बनाया गया है। इसका वजन 3500 किलो है। वडोदरा से अयोध्या पहुंच रही इस अगरबत्ती की लागत पांच लाख से ऊपर है। इसे तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है.

11. इस अगरबत्ती को वड़ोदरा से अयोध्या के लिए 110 फीट लंबे रथ में भेजा जाएगा। अगरबत्ती बनाने वाले विहा भरवाड़ ने बताया कि एक बार इसे जलाने पर ये डेढ़ महीने तक लगातार जलती रह सकती है।

12. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएं भी वहां पर रखी जाएंगी। फिलहाल, ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने तैयार किया है।

13. श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन श्रीराम पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिनों की परिक्रमा की थी। इसके बाद इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बद्रीनाथ तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है और विशेष पूजा की जा रही है।

14. 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 5 लाख मंदिरों में एलईडी के माध्यम से सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा, ताकि बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल को साक्षी बन सकें।

15. इस अवसर पर पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे। इस उद्घाटन समारोह में 25,000 से अधिक लोग शामिल हो रहे है। वहीं राम मंदिर ट्रस्ट ने तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं को भी न्योता भेजा है।

16. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

17. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।

अयोध्या में 7 दिनों तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम

Photo of आस्था और एकता का प्रतीक अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्यों है खास? by Pooja Tomar Kshatrani

16 जनवरी- प्रायश्चित, दशविध स्नान, विष्णु पूजन, गोदान

17 जनवरी- शोभायात्रा, सरयू का जल मंदिर पहुंचेगा

18 जनवरी- गणेश अंबिका पूजन, वास्तु पूजन

19 जनवरी- अग्नि और नवग्रह स्थापना, हवन

20 जनवरी- गर्भगृह को सरयू के जल से धोया जाएगा

21 जनवरी- 125 कलश से मूर्ति का दिव्य स्नान

22 जनवरी - मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के 'विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा

मंदिर के पूरा होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने, दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करने और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करने की उम्मीद है। अंत में, अयोध्या में राम मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक और कानूनी गाथा की परिणति का प्रतीक है, बल्कि यह सद्भाव, विश्वास और विविधता में एकता के लिए प्रयासरत राष्ट्र की आकांक्षाओं का भी प्रतीक है। यह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और बहुलवादी लोकाचार के प्रमाण के रूप में खड़ा है, एक ऐसा मंदिर जो सभी विश्वासों के लोगों को विविधता के बीच एकता को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

Further Reads