हमारे भारत देश में बहुत से ऐसे अद्भुत प्राचीन मंदिर हैं। जहां सब मंदिरों की अपनी अपनी कथायें होंगी और उन्हीं कथाओं के आधार पर आश्चर्य में डाल देने वाली बहुत सी प्राचीन वस्तुएँ देखने को मिल जाएंगी। जिसके ऊपर विश्वास कर पाना मुश्किल होता है। जिसको देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं।
ऐसा ही एक प्राचीन महाभारत काल का मंदिर है जो बाकई हर किसी को आश्चर्यचकित कर देने में सक्षम है।
यह प्राचीन मंदिर देवभूमि हिमाचल के करसोग जिला में स्थित ममलेश्वर महादेव का है। बताया जाता है कि यह मंदिर पांच हजार साल पुराना पांडवों के समय का है।
इस मंदिर में आज भी भीम द्वारा उगाया हुआ 200 ग्राम गेहूं का दाना और भीम का ही बनाया गया ढोल प्राचीन समय से आज तक मंदिर के पुरोहितों द्वारा सहेज कर रखा गया है।
इसी ममलेश्वर महादेव मंदिर में एक प्राचिन धुना है जो सदियों (महाभारत काल) से निरंतर जलता आ रहा है।
पांडवों द्वारा यहाँ इस मंदिर में 5 शिवलिंगों को भी स्थापित किया गया है जो आज भी इस मंदिर में विद्यमान हैं। यह मंदिर शिव और माता पार्वती जी को समर्पित है। बहुत से लोग सावन के महीने में इस मंदिर में विशेष पूजा भी करवाते हैं।
ममलेश्वर महादेव मंदिर के भीतर और बाहर लकड़ी के उपर बेजोड़ नक्काशी की गई है जिसे देखने के लिए भी लोग दूर दूर से आते हैं।
यहाँ आने के लिए
ममलेश्वर महादेव आने के लिए आप हिमाचल के मंडी और शिमला दोनों रास्ते से करसोग पहुंच सकते हैं। ममलेश्वर महादेव का मंदिर करसोग बस स्टैंड से मात्र दो किलोमीटर की दूर पर है।
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जय भारत