राजस्थान हमेशा से ही देशी और विदेशी पर्यटकों की पसंद रहा है।यहां ऐसे कई किले और महल है जो अपने अंदर हमारा इतिहास और संस्कृति को समेटे हुए है।ऐसा ही राजस्थान का एक छोटा सा शहर है बीकानेर जो अपने साथ इतिहास और संस्कृति को समेटे हुए हैं।भारत के उत्तर पश्चिमी राज्य राजस्थान के थार रेगिस्तान के बीचों-बीच मौजूद बीकानेर को राजस्थान का दिल भी कहते हैं। यह शहर अपनी राजपुताना सभ्यता, संस्कृति और ऐतिहासिक किलों के पुराने इतिहास के साथ आज पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है।अगर हम इतिहास के पन्ने पलट कर देखा तो पता चलेगा कि इस नगर की स्थापना महाभारत काल में की गई थी। उस समय इसे जांगल देश के नाम से जाना जाता था।आज यह शहर राजस्थान के चुनिंदा सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में एक है।आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे की आप 2 दिनों में कैसे इस शहर को एक्सप्लोर करें और क्या क्या देखे।
बीकानेर
बीकानेर शहर की नीव सर्वप्रथम राव बीका जी के द्वारा सन 1488 में रखी गई थी।यह जगह जोधपुर से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो पाकिस्तान बॉर्डर की सीमा को 168 किलोमीटर कवर करता है ।कहा जाता है कि अपने पिता से नाराज होकर राव बीकाजी चलते-चलते जांगल प्रदेश नाम की जगह पर पहुँचे गए। यहीं पर उन्होंने एक नए राज्य की स्थापना की, जो बाद में बीकानेर के नाम से विख्यात हुआ और आज भारत के एक प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक है।
बीकानेर में घूमने की जगह
पहला दिन
जुनागढ़ किला
राजस्थान के बीकानेर में स्थित जूनागढ़ का किला की नीव सन 1593 में राजा राय सिंह द्वारा रखी गई है।यह महल पूरे राजस्थान की शान है। यह किला पूरे भारत में बेहद प्रसिद्ध है, जिसे देखने प्रत्येक वर्ष लाखों देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं। यह एक अद्भुत संरचना वाला महल है जिसमें आप मुगल, गुजराती और राजपूत शैलियों को एक साथ देखेंगे। किले के अंदर आप अनुप महल, चंद्रा महल, पवन महल, डुंगर महल और दीवान-ए-खास और महल गंगा देख सकते हैं।जूनागढ़ का किला लाल बलुए पत्थरो बना हुआ यह किला 1 किलोमीटर के दायरे में बना हुआ है।
लालगढ़ पैलेस
लालगढ़ महल को ब्रिटिश शासकों के द्वारा सन 1926 में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी के लिए बनवाया गया था ।किसी ज़माने में राजाओ का निवास स्थान लालगढ़ महल आज के आधुनिकीकरण में इसे होटल में तब्दील कर दिया गया है जहाँ राजशाही अंदाज में टूरिस्ट यहाँ ठहरते है ।
इसकी खास बात यह है की यहाँ पर म्युसियम भी मौजूद है जहाँ पर राजाओं और रानियों के रहन सहन को प्रदर्शित किया जाता है।उनके वस्त्र,आभूषण,औजार आदि इस म्यूजियम में आज भी मौजूद है।
नेशनल कैमल रिसर्च सेंटर
अगर आपको ऊंटों में दिलचस्पी है आपको यह जगह जरूर देखनी चाहिए।बीकानेर के इस रिसर्च सेंटर में आपको अनेकों प्रजातियों के ऊंट देखने को मिलेंगे।यहां पर लगभग 400 से जयादा प्रजातियों के कैमल देखने को मिलेगे। साथ ही यहां पर ऊंट के देशी दूध से बने कुछ व्यंजन भी आपको देखने को मिलेंगे। इस रिसर्च सेंटर में हमेशा किसी-न-किसी ऊंट के ऊपर आधुनिक तरीके से रिसर्च किया जाता है। अगर आप इस रिसर्च सेंटर में जाते हैं, तो आपको ऊंटों से संबंधित बहुत कुछ जानने को मौका मिलेगा।
भंडासर जैन मंदिर
बीकानेर जंक्शन से 2.5 किमी की दूरी पर स्थित भंडासर जैन मंदिर राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित एक प्राचीन मंदिर है।माना जाता है कि इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में भंडसा ओसवाल नाम एक व्यापारी ने बनवाया था और बाद में इसे पांचवे जैन तीर्थकर सुमितनाथ को समर्पित कर दिया गया।वाल्स पर 24 जैन शिक्षकों को चित्रित किया गया है।
लक्ष्मी निवास स्थान
बीकानेर में स्थित यह महल कभी राजा गंगासिंह का महल हुआ करता था। आज यह एक होटल में बदल चुका है।लक्ष्मी निवास भवन में शादियों, रिसेप्शन, और फिल्म की शूटिंग आज भी होती है। इस महल में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय भी है इस पुस्तकालय में हड़प्पा सभ्यता और अन्य गुप्त काल की कृतियां हैं।महल में कई ग्राउंड हैं जैसे खाने पीने से लेकर कई अन्य जैसे टेनिस, बैटमिंटन या बिलियर्ड खेलने का ग्राउंड हैं।
दूसरा दिन
रामपुरिया हवेली
बीकानेर जंक्शन रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर की दूरी पर, रामपुरिया हवेली राजस्थान के बीकानेर में स्थित हवेली का एक समूह है। इस हवेली का निर्माण एक रामपुरिया नामक व्यवसायी ने किया था और उन्ही के नाम पर इस हवेली का नाम रखा गया था। यह हवेली अपनी सुंदर नक्काशी के लिए जानी जाती है।यह हवेली सौंदर्य शास्त्र और कला का एक सजीव उदाहरण है।
करणी माता मंदिर
बीकानेर के करणी माता मंदिर के बारे में कौन नही जानता,यह एक बहुत ही विख्यात मंदिर है जो मां दुर्गा के अवतारों में से एक करणी माता को समर्पित है।यह बीकानेर जंक्शन रेलवे स्टेशन से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। देवी मां के बारे में एक कथा प्रचलित है, कि जब करणी माता के पुत्र की मृत्यु हो जाती है, तो वह यमदेव से अपने पुत्र के जीवन को वापस देने की याचना करती है।लेकिन यमदेव इनकी विनती स्वीकार नहीं करते हैं। इसके बाद देवी के अवतार करणी माता ने अपने बच्चे को न केवल जीवन दिया बल्कि यह भी घोषणा की कि अब उनका परिवार चहुंओर के रूप में यहीं रहेगा। मंदिर में लगभग 20,000 से अधिक चूहे हैं।लोकगीत के अनुसार, इस मंदिर में चहचहाट को देखने से भाग्य आता है।मंदिर में आपको कदम कदम पर चूहे देखने को मिलेंगे।यहां पर लोग चूहे को दूध पिलाते है और चने खिलाते हैं।
गजनेर पैलेस
बीकानेर से 34 किमी की दूरी पर स्थित गजनेर पैलेस निर्माण महाराजा गंगासिंह ने किया था। यह उस समय शिकार और मनोरंजन करने के लिए एक लॉज के रूप में प्रयोग किया जाता था।गजनेर पैलेस में बनी मूर्तियां, स्क्रीन, झरोखे लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है जो बेहद ही आकर्षक लगते है। पैलेस के पास ही एक घना जंगल भी है जिसमे आप ब्लू बुल, चिंकारा, हिरण, क्लॉड एंटेलोप जैसे जानवर देखने को मिल सकते हैं।
गजनेर वन्यजीव अभयारण्य
बीकानेर से 37 किमी की दूरी पर, बीकानेर में गजनेर वन्यजीव अभयारण्य गजनेर पैलेस के पास गजनेर झील के किनारे पर स्थित है।किसी जमाने में यह स्थान राजाओं महाराजाओं के लिए शिकार का स्थान हुआ करता था।जिसे आज एक अभयारण्य में परिवर्तित कर दिया गया है। इस अभयारण्य में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण वन्य- जीवों में ब्लू बैल, मृग, भारतीय खरगोश, जंगली सुअर, हिरण, जंगली सूअर के अलावा अन्य जानवर भी है।इस अभ्यारण में पाएं जाने वाले अलग-अलग प्रजाति के जीव जंतुओं को आप ऊट की सफारी और जीप की सफारी करके देख सकते हैं।
बीकानेर मे कैमल सफारी
बीकानेर में ऊंट सफारी पर्यटकों के बीच बेहद ही लोकप्रिय जगह है। ये सफारी आपको थार रेगिस्तान के खूबसूरत सुनहरे रेत के टीलों के माध्यम से लेकर जाएगी। अगर आपको भी कैमल सफारी शौक है तो आप यहां कैमल सफारी का लुफ्त उठा सकते हैं।
बीकानेर घूमने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो यहां आप साल के किसी भी मौसम में आ सकते हैं।लेकिन पर्यटन के लिए यहां सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है। क्योंकि गर्मियों में यहां तापमान बहुत ज्यादा होता है।
बीकानेर का प्रसिद्ध भोजन
बीकानेरी स्नैक्स का नाम तो हमसब ने सुना है यहां की नमकीन,पापड़,भुजिया तो पूरे देश में फेमस है।इसके अलावा भी आप यहां राजस्थानी भोजन का स्वाद चख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां गट्टे की सब्जी, दाल बाटी चूरमा, कट्टा, पकौड़ी के साथ-साथ घेवर और रबड़ी का भी स्वाद चख सकते हैं।
कैसे पहुंचे बीकानेर
फ्लाइट से
बीकानेर पहुंचने के लिए जोधपुर हवाई अड्डा बीकानेर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा बीकानेर से लगभग 251 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। टर्मिनल से बीकानेर पहुंचने के लिए बस या टेक्सी ले सकते हैं।
ट्रेन से
राजस्थान का बीकानेर जंक्शन और लालगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है। यह दोनों स्टेशन बीकानेर को भारत के प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, पंजाब, जोधपुर, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता आदि से जोड़ता है।
सड़क मार्ग से
बीकानेर राजमार्ग के लिए सड़क मार्ग का जाल बिछाया है जोकि भारत के प्रमुख बड़े नगरों जैसे दिल्ली, आगरा, जोधपुर, अजमेर, जयपुर, कोटा और रोजगार से नियमित रूप से चलने वाली बसों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।इसके अलावा आप यहां अपने निजी साधनों के द्वारा भी आसानी से पहुंच सकते हैं