पार्ट 1 में कुछ जानकारी दी है जिसमे धमेख स्तूप और चौखंड़ी स्टूप का जिक्र किया हूं समय मिला तो बाकी स्थलों का वर्णन करने जा रहा हूं
सारनाथ में स्थित यह वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त करने के बाद सबसे पहले अपने संदेश का प्रचार किया था।
इस जगह का उल्लेख कुछ और भी मायने रखता है। इसके अलावा सारनाथ में अशोक स्तंभ के पास स्थित मूलगंध कुटी विहार भी है। इसी विहार के बारे में चर्चा करेंगे जो अपने आप में रोचक है
-- मूलगंध कुटी विहार --
मूलगंध कुटी विहार सारनाथ संग्रहालय से कुछ ही दूरी पर स्थित है संग्रहालय तो सब जाते है लेकीन यह मन्दिर बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा संचालित किया था जोकि आज भी विद्यमान है
अपने कला सैली से परिपूर्ण है जिसमे कला के साथ साथ स्थापत्य का बहुत ध्यान दिया गया है
मूलगंध कुटी विहार पारंपरिक वास्तुशिल्प डिजाइनों से अलग है।
यह चाक और पनीर के रूप में किसी भी बौद्ध वास्तुशिल्प पैटर्न से अलग है।
इस मंदिर में सुंदर भित्ति चित्र और भित्ति चित्र हैं।
खास बात यह है कि जापानी चित्रकार कोसेत्सु नोसू ने ये रंगीन भित्ति चित्र बनाए।
इन सुंदर और आकर्षक चित्र बौद्ध साहित्य के समृद्ध भंडार हैं। जब विहार में प्रवेश करोगे तो विहार के प्रवेश द्वार पर एक बहुत बड़ी घंटी है।
जोकि जापान के शाही वंशजों ने इस कांस्य घंटी को उपहार में दिया था।
इस विहार के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है
विहार में चारो तरफ़ नक्कासीदार घंटियां लगी हुई है
यही उत्तर की तरह भगवान बुद्ध को शिष्यों को शिक्षा देते हुऐ बनाया हुआ है
इसी विहार में हिरण पार्क भी स्थित है
Deer park हिंदी में हिरण पार्क जोकि मूलगंध कुटी विहार सारनाथ में स्थित है
!! Deer park / हिरण पार्क !!
हिंदी में हिरण पार्क जोकि मूलगंध कुटी विहार सारनाथ में स्थित है
दुनिया भर के बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक सारनाथ का डियर पार्क है
सारनाथ का नाम सारंगनाथ या हिरन भगवान के नाम पर आधारित है।
सारनाथ में डियर पार्क ऐसा स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना पहला धर्मोपदेश दिया था या धर्म की घोषणा की थी और यही पर मूल संघ बनाया गया था।
प्रसिद्ध चीनी भिक्षु और विश्व यात्री ह्वेन त्सांग के अनुसार, डियर पार्क बनारस के जातक राजा द्वारा विकसित किया गया था। इस पवित्र स्थल का इतिहास 528 ईसा पूर्व का है।
डियर पार्क एक विशाल बाड़े के रूप में बना है, जिसमें हिरन आजादी से विचरण करते है। पार्क में बर्ड लाइफ (पक्षी जीवन) की एक श्रृंखला भी है।
यह उन लोगों के लिए स्वर्ग है, जो अपने व्यस्त जीवन शैली से दूर एकांत और शांति की इच्छा रखते है।
यहाँ का वातावरण शांत और आरामदायक है।
सुंदर बागानों, बौद्ध मठों और स्तूपों के अवशेषों के साथ, सारनाथ का डियर पार्क एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
!! धर्माराजिका स्तूप !!
धमेख स्तूप से जुड़ा यह पुरातात्विक स्थल जो की खुद चुका है जहां प्राचीन काल की अनेक जानकारी प्राप्त हुईं हैं
जोकि धर्मराजिका स्तूप के अवशेष है यही अशोक स्तंभ भी मौजूद है। खुदाई के उपरांत प्राप्त सामग्री संग्रहालय में स्थित है
यह तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में अशोक द्वारा बुद्ध के अवशेषों पर बनाया गया था ।
यह एक छोटी गोलाकार संरचना हुआ करती थी, जिसका व्यास लगभग 13.5 मीटर था। और यहां खुदाई के दौरान
एक हरे संगमरमर के ताबूत के साथ एक पत्थर का डिब्बा मिला है इतिहास कहता है ये डिब्बा को स्थानीय शासक ने
ताबूत को गंगा नदी में फेंक दिया गया था
जोकि बॉक्स वर्तमान में भारतीय संग्रहालय, कोलकाता में है। यहां प्राचीन भारतीय इतिहास में कुछ बहुत जानकारी प्राप्त होते हुए साथ में आस पास बहुत सारे मन्दिर और अनेक प्राचीन स्थान स्थित है