#भावननगर_हैरीटेज_यात्रा
#भाग_2
#नीलमबाग_पैलेस_भावननगर
दोस्तों 31 जनवरी 2021 को सुबह 8.30 बजे गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद पहुंच कर वहां से 9.30 बजे के करीब अहमदाबाद के गीता मंदिर बस स्टैंड से गुजरात रोडवेज की बस लेकर दोपहर 1.30 बजे सौराष्ट्र के मशहूर शहर भावननगर पहुंच गया। भावननगर में घूमने के लिए पहले ही पढ़ लिया था, उसमें एक नंबर पर नीलमबाग पैलेस को चुना, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि इस पैलेस में अंदर जाने देगें या नहीं कयोंकि भावननगर के राजाओं का यह निवास अब एक हैरीटेज होटल में तब्दील हो चुका है। उस दिन मेरी किसमित अच्छी थी, जब मैं नीलमबाग पैलेस के दरवाजे पर पहुंचा तो पैलेस खुला था और काफी लोगों की चहलकदमी भी थी कयोंकि उसदिन पैलेस के आंगन में पेटिंग की कोई exhibition लगी हुई थी, जिस वजह से मुझे भी नीलमबाग पैलेस में फरी एंट्री मिल गई थी, पैलेस के सुरक्षा गार्ड से अनुमति लेकर मैंने नीलमबाग पैलेस की कुछ खूबसूरत तसवीरें खींच ली जो आप पोस्ट में देख सकते है। फिर मैंने पांच हजार से लेकर लाखों तक की कीमतों वाली खूबसूरत पेटिंग की exhibition देखी, इतनी महंगी पेटिंग लेनी तो नहीं थी पर पंजाब की कहावत के अनुसार "देखी जा पर छेड़ी ना" की तरज पर बहुत महंगी पेंटिंग को निहारते हुए नीलमबाग पैलेस की यात्रा को यादगार बना दिया।
#नीलमबाग_पैलेस
यह खूबसूरत पैलेस भावननगर शहर के बीचोंबीच बना हुआ है, इसे भावननगर के महाराजा तखतसिंनहजी गोहल ने 1879 ईसवीं में बनाया। इस शानदार पैलेस को महाराजा ने राजुला stone structure से German architect Simms के डिजाइन से बनाया, यह पैलेस 2 सदियों तक भावननगर के राजाओं का निवास स्थान रहा, साल 1984 ईसवी में इसे एक हैरीटेज होटल में तब्दील कर दिया गया।
इस खूबसूरत पैलेस की खूबसूरती को निहारने के बाद में आगे बढ़ गया।