धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 

Tripoto
13th Oct 2019

पिछले पार्ट में आपने धर्मराजेश्वर मंदिर तक का विवरण पढ़ा और देखा था. दुसरे पार्ट में धमनार की बोद्ध गुफाओं के बारे में जानते है. इन जगहों को घुमने में सिर्फ 1 दिन लगा लेकिन इसका विवरण लिखने में करीब 1 सप्ताह लग गया. वो इसलिए क्योंकि मैं कुछ गलत जानकारी या विवरण नहीं देना चाहता था और सिर्फ फोटो देखकर जगह से जुडाव महसूस नहीं होता जब तक की हम उस जगह की कहानी ना जान ले. इसलिए रिसर्च करने और उसे एडिट करने में टाइम ज्यादा लगा.

Day 1

धमनार की शैल गुफाएँ

Photo of Dhamnar Buddhist Archaeological Site, Dharmrajeswar Road, Chandwasa, Madhya Pradesh, India by Kapil Kumar

धर्मराजेश्वर मंदिर से बाहर आते ही दायीं ओर पहाड़ी के नीचे धमनार की लगभग 50 बोद्ध गुफाएँ है। धर्मराजेश्वर मंदिर के लिए कोई फीस नहीं लगती है लेकिन धमनार की गुफाओं के लिए न्यूनतम फीस संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ली जाती है। धमनार की गुफाएँ बोद्ध एवं ब्राह्मण गुफाएँ महत्त्वपूर्ण है। ये दक्षिणी पहाड़ी की खुरदुरी और मुरमिली शिला में उकेरी गई है। शैली और विन्यास के अनुसार ये बोद्ध गुफाएँ 5-6 से लेकर 8-9 वीं शताब्दी तक निर्मित हो सकती है। इनमे से चौदह गुफाएँ महत्त्वपूर्ण है।

धमनार की शैल गुहाएं / गुफाएँ

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

धमनार की शैल गुहाएं / गुफाएँ

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

बुद्ध स्तूप

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

बुद्ध प्रतिमा

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

बुद्ध स्तूप

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

चैत्य के चारो ओर प्रदक्षिणा पथ पर भगवान बुद्ध की महानिर्वाण मुद्रा (शरीर त्याग) और अनेक मुद्राओं में जैसे बैठे, खड़े हुए, लेटे हुए प्रतिमाएं भी बनाई गई थी।

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

जनश्रुति के अनुसार लेटी हुई मुद्रा की प्रतिमा को लोग भीम की प्रतिमा भी समझते है।

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

भीम बाज़ार (गुफा नंबर 12) में चैत्य गृह के बाहर चारो ओर प्रदक्षिणा पथ का प्रयोजन किया गया है।

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

जनश्रुति के अनुसार भीम ने चंबल नदी से विवाह करना चाहा, तो चंबल ने एक ही रात में पूरा शहर बसाने की शर्त रखी, किन्तु शर्त पूरी नहीं हो सकी और भीम पत्थर का हो गया। धमनार की गुफाएं वास्तव में 4-5 वीं शती में निर्मित बौद्धविहार हैं। इतिहासकारों में सबसे पहले जेम्स टाड 1821 ई में यहां आये थे। जेम्स टाड ने अश्वनाल आकृति की शैल शृंखला में लगभग 235 गुफाओं की गणना की थी, किन्तु जेम्स फर्गुसन को 60-70 गुफाएं ही महत्वपूर्ण लगीं।

लगभग 2 किमी के घेरे में फैली इन गुफाओं में भी 14 गुफाएं विशेष उल्लेखनीय हैं। छठी गुफा बड़ी कचहरी के नाम से पुकारी जाती है। यह वर्गाकार है तथा इसमें चार खंभों का एक दालान है। सभा कक्ष 636 मीटर का है। 8वीं गुफा छोटी कचहरी कहलाती है। 9वीं गुफा में चार कमरे हैं। चौथे कमरे में पश्चिम की तरफ एक मानव आकृति उत्कीर्ण है। 10वीं गुफा राजलोक रानी का महल अथवा 'कामिनी महल' के नाम से प्रसिद्ध है। 11वीं गुफा में चैत्य बना हुआ है। इसके पार्श्व में मध्य का कमरा बौद्ध भिक्षुओं की उपासना और ध्यान का स्थान था। पश्चिम की ओर बुद्ध की दो प्रतिमाएं उत्कीर्ण हैं। 12वीं गुफा हाथी बंधी कहलाती है। इसका प्रवेश द्वार 16 1/2 फिट ऊंचा है। 13वीं गुफा में कई बड़ी-बड़़ी बुद्ध मूर्तियां हैं।

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

भीम बाज़ार गुफा नंबर 12

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

चैत्य के बाहर प्रदक्षिणा पथ

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

गुफा श्रृंखला के सामने पहाड़ी पर वृक्षारोपण का काम निरंतर चालू है .

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

धमनार पहाड़ी के दक्षिण दिशा में स्थित महाविहार में मुख्यतः 14 गुफाएँ है। इन गुफा श्रृंखला में मुख्य रूप से बड़ी कचहरी (गुफा नंबर 6), छोटी कचहरी (गुफा नंबर 8), राजलोक (गुफा नंबर 10), भीम बाज़ार (गुफा नंबर 12), हाथी बंधी (गुफा नंबर 13) और बालक गुफा (गुफा नंबर 14) है। इन गुफाओं में स्तूप पूजा के लिए चैत्य गृह (पूजा गृह) है। बड़ी कचहरी एक विशाल चैत्य विहार है। सामने का स्तंभों वाला भाग शिला वैदिक से आबद्ध है। ऐसा प्रतीत होता है की यहाँ गुफाओं की दीवारों पर लेप और चित्र बने हुए थे जैसे अजंता और बाग की गुफाओं में बने हुए है। किन्तु अब इन चित्रों के अवशेष उपलब्ध नहीं है। यहाँ बोद्ध भिक्षुओं के ध्यान साधना करने और ठहरने के लिए अनेक विहार है जिनमें कक्ष बने हुए है। कुछ विहारों में कक्ष और चैत्य साथ में बना कर चैत्य विहार बनाये है।

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

गुफा नंबर 1 एवं 2 की तरफ

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

यह गुफा श्रृंखला 5 वीं शताब्दी से लेकर 9 वीं शताब्दी के बीच निर्मित है ऐसा माना जाता है। बोद्ध धर्म में चतुर्थ बोद्ध संगीति के बाद प्रथम शताब्दी ईसवीं में मूर्ति पूजा का प्रचलन चालू हो चूका था। किन्तु धमनार में 5 वीं शताब्दी तक भी स्तूप पूजा का प्रचालन था। बाद में दक्षिणमुखी समूह की गुफा नंबर 14 में चैत्य में स्तूप के स्थान पर भगवान बुद्ध की मूर्ति पूजा का भी प्रचलन दिखाई देता है। ऐसा इस बात से भी प्रतीत होता है कि बड़ी कचहरी (गुफा नंबर 6-7) के चैत्य गृह में सिर्फ स्तूप है और चैत्यगृह के चारो ओर प्रदक्षिणा पथ नहीं है जबकि भीम बाज़ार (गुफा नंबर 12) में चैत्य गृह के बाहर चारो ओर प्रदक्षिणा पथ का प्रयोजन किया गया है। इसी तरह गुफा नंबर 12 के एक कक्ष में स्तूप और भगवान बुद्ध की प्रतिमा को सम्मिश्रित दिखाया गया है जहाँ बुद्ध प्रतीकात्मक भी है और मूर्त भी। चैत्य के चारो ओर प्रदक्षिणा पथ पर भगवान बुद्ध की महानिर्वाण मुद्रा (शरीर त्याग) और अनेक मुद्राओं में जैसे बैठे, खड़े हुए, लेटे हुए प्रतिमाएं भी बनाई गई थी। जनश्रुति के अनुसार लेटी हुई मुद्रा की प्रतिमा को लोग भीम की प्रतिमा भी समझते है। उनके अनुसार पांडवों ने यहाँ वनवास काटा था। हालाँकि पांडवों के वनवास काटने की ऐसी धारणा बाग गुफाओं और पचमढ़ी की गुफाओं को लेकर भी है।

शैल गुफाओं की छत से दिखाई देती पवन चक्की

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

पीछे की तरफ कुछ अधूरी गुफाएँ भी है जो शायद छत ढहने के वजह से अधूरी रह गई होगी। इधर बहुत कम लोग पहुँच पाते है।

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

धमनार पहाड़ी की शुरुवात में बाना प्राकृतिक तालाब

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar
Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

धमनार गुफाओं की छत से

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

गुप्त काल में व्यापारियों के लिए समुद्र तट तक पहुंचने के प्रचलित मार्ग में ही मंदसौर का धमनार बौद्ध विहार भी बना था। बौद्ध धर्म की शिक्षा-दीक्षा के लिए यहाँ विहार हुआ करता थे, जहां व्यापारी भी कुछ समय ठहर कर विश्राम करते थे। पीछे की तरफ कुछ अधूरी गुफाएँ भी है जो शायद छत ढहने के वजह से अधूरी रह गई होगी। इधर बहुत कम लोग पहुँच पाते है।

इतिहास को जानने की इस समय यात्रा में मेरे सहयोगी थे डॉक्टर संजय कुमार आर्य

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

इतिहास को जानने की इस समय यात्रा में मेरे सहयोगी थे डॉक्टर संजय कुमार आर्य जो कि मूलतः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से है और पिछले कई वर्षों से कोटा राजस्थान में थे। डॉक्टर साहब ने यही से राजस्थान की सहरिया जन जाति के मनोसामाजिक व्यवहार पर पीएचडी किया है। इतिहास, साहित्य एवं घुमक्कड़ी में समान रूचि के चलते हम लोगों को साथी बना दिया।

गुफा नंबर 12 की छत से प्रदक्षिणा पथ का आकार इस तरह दिखाई देता है.

Photo of धर्मराजेश्वर मंदिर एवं धमनार की गुफाएं – मध्य प्रदेश का एलोरा - अजन्ता - पार्ट -2 by Kapil Kumar

इस समय यात्रा को पढने के लिए धन्यवाद. अगर अच्छा लगा तो कमेंट करके जरुर बताये.

- कपिल कुमार

Further Reads