२ डे ट्रिप पन्ना, पांडव फॉल ,खजुराहो,रने फॉल
स्टार्ट डेट - 18/10/18
खर्च -5000
कैसे पहुंचें - छतरपुर टू पन्ना डिस्टेंस -83 km
कहां रूकें। - १ - नाइट पन्ना
२ - नाइट खजुराहो
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- खजुराहो, यहां तक पहुंचने का नज़दीकी एयरपोर्ट है। जहां से पार्क की दूरी 45 किमी है। इसके अलावा जबलपुर एयरपोर्ट पहुंचकर भी यहां तक पहुंचा जा सकता है। यहां से पार्क की दूरी 250 किमी है।
रेल मार्ग- सतना, यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। जहां के लिए सभी बड़े शहरों से ट्रेन की सुविधा अवेलेबल है।
सड़क मार्ग- सड़क मार्ग द्वारा पन्ना नेशनल पार्क तक पहुंचना बहुत ही आसान है। खजुराहो, सतना और भी कई बड़े शहरों से यहां तक के लिए बसें चलती रहती हैं।
क्या देखें - १ -पन्ना में जुगलकिशोर मंदिर
२ - पन्ना टाईगर रिजर्व
३- पांडव फाल
४- खजुराहो वर्ल्ड फेमस मंदिर
1----चतुर्भुज मंदिर
2------जगदम्बा
3----–,लक्ष्मण मन्दिर,
4----पार्श्वनाथ मंदिर
5----लक्ष्मी मन्दिर
6------आदिनाथ मन्दिर
7------वामन मन्दिर
8-----चित्रगुप्त मन्दिर
9-----दूल्हादेव मन्दिर
10----–नन्दी मन्दिर
11---कन्द रिया महादेव मंदिर
12-------विश्वनाथ मंदिर
13-----मतंगेश्वर मन्दिर
५- रने फॉल
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पन्ना नेशनल पार्क में क्या है खास
आधार कार्ड आइडी प्रूफ लेकर जाएं
टिकिट खर्च 3800 की रसीद
बाघों के अलावा पन्ना नेशनल पार्क में जंगली बिल्लियों, एंटीलोप, गिद्ध, भेड़िए, चिंकारा, चीतल जैसे कई जानवरों को देखा जा सकता है। 542.67 वर्ग किमी इलाके में केन नदी के दोनों ओर फैला ये पार्क साल और टीक के घने जंगलों से घिरा हुआ है। घने जंगल और केन नदी जानवरों के रहने और खाने-पीने के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराते हैं। जंगली सुअर, चौसिंघा, साही और घड़ियाल भी यहां का खास आकर्षण हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में जहां स्तनधारियों की 22 प्रजातियां मौजूद हैं वहीं यहां 200 प्रकार के पशु-पक्षी भी पाए जाते हैं। सर्दियों के सीज़न में तो यहां माइग्रेटरी पक्षियों की अच्छी-खासी तादाद देखी जा सकती है। जिनमें पैराडाइज़ फ्लाईकैचर, व्हाइट नेक स्टॉर्क, डव, बेयर हेडेड गूज़, मीनीवेट्स, ब्लैक ड्रोंगो, बुलबुल, बया, किंगफिशर्स, इंडियन रोलर, ब्राउन फिश आउट आदि शामिल हैं। और तो और लगभग 6 प्रकार के गिद्धों यहां निवास करते हैं। यहां के माहौल को और भी रोमांचक और खूबसूरत बनाने का काम करते हैं अनेक प्रकार की वनस्पतियों। साल 2007 में इस पार्क को बेस्ट मेनटेन्ड नेशनल पार्क के अवॉर्ड से नवाजा गया था।
नेशनल पार्क में सफारी का मजा
नेशनल पार्क को एक्सप्लोर करने के दो ऑप्शन हैं और दोनों ही बहुत शानदार। जीप सफारी हालांकि कॉमन है लेकिन इससे आप जंगल के ज्यादातर जगहों को कवर कर सकते हैं। दूसरा है हाथी सफारी। एलीफेंट सफारी के दौरान बाघों को देखने का अलग ही एक्सपीरियंस होता है। दिन में दो बार जंगल सफारी का मौका मिलता है। एक बिल्कुल सुबह और दूसरा दोपहर से शाम तक का समय। शाम के समय जानवर ज्यादा एक्टिव रहते हैं इसलिए ये समय जंगल घूमने और फोटोग्राफी करने के लिए बेस्ट होता है। हां अपने साथ जरूरी डॉक्यूमेंट्स रखना जंगल के खास कायदे-कानूनों में शामिल है।
कब जाएं
पन्ना नेशनल पार्क घूमने के लिए नवंबर से लेकर अप्रैल तक का महीना बेस्ट होता है। क्योंकि इस दौरान मौसम अच्छा रहता है जिसमें आप जंगल सफारी से लेकर केन नदी में बोटिंग तक का मजा ले सकते हैं। इसके अलावा पांडव गुफा भी अच्छी जगह है जो पूरे साल भर सैलानियों के लिए खुली रहती है ।
खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। खजुराहो को प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था। यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं। मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
रनेह जलप्रपात छतरपुर जिले में स्थित केन नदी पर एक प्राकृतिक जल प्रपात है खजुराहो से 20 किमी की दूरी पर एक अद्भुद रनेह जलप्रपात है जिसको रनेह फॉल्स के नाम से जाना जाता है। यह फाल्स चट्टानों के बीच स्थित है। यहां का खूबसूरत नजारा पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। जो लोग प्राकर्तिक जगह को पसंद करते हैं ये जगह उनके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है
रनेह जलप्रपात -
--*छतरपुर जिले में स्थित केन नदी पर एक प्राकृतिक जल प्रपात है खजुराहो से 20 किमी की दूरी पर एक अद्भुद रनेह जलप्रपात है जिसको रनेह फॉल्स के नाम से जाना जाता है। यह फाल्स चट्टानों के बीच स्थित है। यहां का खूबसूरत नजारा पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। जो लोग प्राकर्तिक जगह को पसंद करते हैं ये जगह उनके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है