देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 190 कि.मी. की दूरी पर केवल ₹35 में गीता के बारे में विस्तार से जानिए।
बहुत दिन हो गए थे ऑफिस की किच-किच सुनते हुए। लोगों से विचार-विमर्श करते हुए। लेकिन सबके पास अपनी अपनी व्यवस्था है। अपने अपने बहाने और अपनी-अपनी मजबूरियाँ है। कोई बच्चे को अकेला नहीं छोड़ सकता। कोई बीवी को अकेला नहीं छोड़ सकता। किसी के पास बजट नहीं है। किसी के पास इन सब चीजों के अलावा टाइम नहीं है। मजे की बात तो तब होती है। तब लोग बोलते मेरा कुत्ता अकेला रह जाएगा घर पर। हां! लेकिन आज तक किसी ने यह नहीं बोला मेरी मम्मी घर पर अकेली है मेरे पापा घर पर अकेले हैं मेरी बहन घर पर अकेली है वह सब रह जाएंगे मैं नहीं जा सकता या जा सकती लेकिन मेरा कुत्ता अकेला रह जाएगा है ना मजे की बात। ओके कोई नहीं छोड़िए यह सब बात यह तो भूमिका बांधने वाला टॉपिक है। मैंने भी सुबह सुबह तय कर लिया था कि दिल्ली से निकलना है किसी भी हालत में कैसे भी जैसे भी सोचते सोचते बैग पैक किया उठाया और बस टिकट ली और निकल लिए रास्ते में मुरथल होते हुए सुखदेव ढाबे पर लजीज व्यंजन के रूप में परांठें मक्खन के साथ वाह क्या कहने मजा ही आ गया इसके बाद धर्म-कर्म में लस्सी सामने ही जैसे नजर गई दिखा की मन्नत हवेली की शान देखकर हम भी दंग रह गए समय की सीमा को देखते हुए चाहकर भी अपने पैरों को उसकी तरफ बढ़ने से नहीं रोक पाया थोड़ी देर इधर उधर घूमने के बाद वहां से आगे बढ़े कुरुक्षेत्र के लिए ट्रेन से ढाई घंटे का सफर तय करने के बाद कुरुक्षेत्र में मौजूद जाट धर्मशाला में रात्रि विश्राम के लिए अपना डेरा जमाया रेलवे स्टेशन पर लगभग 9:30 बजे ट्रेन आधे घंटा लेट से पहुंची वहां से सीधा ऑटो से जाट धर्मशाला। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि सुनने में जो आया है कुरुक्षेत्र ही एक ऐसा प्रदेश है या जिला है जिसमें इंडिया की 36 बिरादरी की धर्मशाला मौजूद है वह चाहे जाट बिरादरी भारद्वाज,कश्यप,कायस्थ,प्रजापति इत्यादि इत्यादि। रात्रि विश्राम करने के बाद सुबह उठकर मानसरोवर में स्नान करने के बाद में पूरे कुरुक्षेत्र को देखने का अभी तक का प्लान है दोस्तों उम्मीद है कि हम भी थोड़ा बहुत गीता का ज्ञान यहां से अपने साथ लेकर जाएंगे।
दोस्तों सबसे पहले तीन चार बातों के लिए आप लोगों से सॉरी मैं 2 दिन लेट आपके लिए जानकारी को डाल रहा हूं। और दूसरी बात कि मैं फोटो बहुत कम ही खींचता हूं और फोटो में आपको जयादा नहीं दिखा पाऊंगा।
चलो तो चलते हैं मुद्दे पर दोस्तों।
जैसा कि मैंने आपको बोला था। सुबह सबसे पहले ब्रहम सरोवर में स्नान होगा उसके बाद फिर आगे की यात्रा आरंभ होगी। ठीक सुबह 6:00 बजे आंखें खुली उसके बाद रोजमर्रा के काम को खत्म किए और सीधा बैग उठाया ब्रह्मसरोवर की तरफ कदम चलते गए चलते गए। लेकिन आंखें और दिमाग सुबह 6:30 बजे के उस नजारे का मजा और आनंद ले रही थी। जो मौसम में हल्की हल्की धुंध के साथ ठंडी ठंडी हवा के झोंके लेफ्ट और राइट ऐसे गुजर रहे थे। मानो कोई सफेद रोशनी इधर उधर अपने संगीत प्रेमियों को आगाह कर रही हो कि आप तैयार रहें बांसुरी की धुन जो मेरे इशारे पर कन्हैया आप लोगों को सुनाने जा रहे है। आनंद लेते हुए 5 मिनट में ब्रह्मसरोवर पहुंच गया जाट धर्मशाला से ब्रह्मसरोवर केवल पैदल की दूरी पर 600 कदम दूर ही है। मजे से ठंडे पानी में स्नान किया स्नान करने के बाद वहां से सीधा लोकल ऑटो पकड़ा। आपको मैं बता दूं कि तकरीबन मैं वहां पर एक दर्जन स्थानों पर घुमा जो लगभग 15 किलोमीटर के दायरे के अंदर ही हैं। लोकल ऑटो ज्यादा महंगा नहीं है बहुत ही सस्ता है चाहे वह 15 किलोमीटर की लास्ट जगह हो या फिर तीन से 5 किलोमीटर के आसपास की हो। दोस्तों पूरा दिन सभी जगह पर घूम कर ।इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकर मैं अपने आप मे एक अलग ही अनुभव कर रहा था। दोस्तों सच कहूं तो मुझे लिखने में बहुत ही आलस आ रहा है मैं आपको एक टेंपलेट फोटो डालूंगा जिसमें इन * 10 12 जगहों की पूरी जानकारी है जिसके बारे में आप अच्छे से पढ़ सकते हैं और जानकारी हासिल कर सकते हैं।
दिल्ली से बाहर के आने वाले लोगों के लिए मैं दोस्तों बता दूं कि आप दिल्ली तक ट्रेन से आराम से आ सकते हैं और दिल्ली से अगर आप लोकल ट्रेन भी लेंगे तो सुबह नई दिल्ली से 10 नंबर प्लेटफार्म से 8:10 पर एक लोकल कुरुक्षेत्र तक चलती है और दिन में अगर आप ट्रेन पकड़ते है तो पुरानी दिल्ली से 303 नाम की लोकल ट्रेन उसके बाद एक 5:20 पर लोकल ट्रेन चलती है यह ट्रैक कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक जुड़ा हुआ है जम्मू कश्मीर तक बहुत सारी एक्सप्रेस और राजधानी, शताब्दी गाड़ियां चलती हैं जो कुरुक्षेत्र होते हुए आगे जाती हैं आप किसी भी गाड़ी से अपना शेड्यूल बना कर आराम से कुरुक्षेत्र तक पहुंचा सकते हैं। दोस्तों एक फोटो खींच कर नीचे डाल दिया है आप उस को खोल कर देखेंगे तो आपको तकरीबन सभी जगहों की जानकारी मिल जाएगी।
दोस्तों अगले ट्रिप के लिए आप लोगों से इजाजत चाहता हूं बहुत जल्दी अगले ट्रिप के बारे में आप लोगों को जानकारी दूंगा लेकिन इस बार लिखने में कोई आलस नहीं करूंगा चाहे मैं 2 दिन लेट आप तक जानकारी पहुंचाऊ।
दोस्तों आप सब एक बार कुरुक्षेत्र जरूर आए और महाभारत जो देखी है और महाभारत के बारे में जो कुछ सुना है उन तथ्यों से आप एक बार जरूर रूबरू हो क्योंकि सबको अपने भारतवर्ष के इतिहास को और संस्कृति को जानना बहद जरूरी है कि हमारा भारत वर्ष कितने बड़े इतिहास और संस्कृति से भरा हुआ है जिसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है उसके बारे में एक बार आप खुद कुरुक्षेत्र आकर देखें और उसे रूबरू हो।
राम राम दोस्तों अगले ट्रिप अपडेट के लिए आप इंतजार कीजिए।