हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है।

Tripoto
19th Jun 2021
Photo of हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है। by Sachin walia
Day 1

अगर धर्मशाला के बारे में सोचकर आपके मन में ऊंचे पहाड़ और खूबसूरत वादियों का ख्याल आता है तो आप काफी हद तक ठीक हैं लेकिन इस प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा धर्मशाला का एक और पहलू इसकी समृद्ध विरासत है। जिसमें प्रभावशाली स्मारक और किले शामिल हैं। जो आपको अतीत में ले जाते हैं। यदि आप धर्मशाला या कांगड़ा घाटी जा रहे हैं तो यहां ऐसे ऐतिहासिक स्मारक हैं जहां आपको जरूर जाना चाहिए।

Photo of हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है। by Sachin walia
Photo of हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है। by Sachin walia

सेंट जॉन इन द विल्डरनेस सेंट जॉन चर्च धर्मशाला
सेंट जॉन इन द विल्डरनेस सेंट जॉन चर्च धर्मशाला/मैक्लॉडगंज में सबसे पुराना एंग्लिकन चर्च है। देवदार के पेड़ों के बीच बसा चर्च आज भी पर्यटकों से घिरा रहता है। चर्च 1852 में बनाया गया था, चर्च का निर्माण यहां रहने वाले ब्रिटिश सैनिकों के लिए किया गया था, और चर्च उन लोगों के स्मारक पत्थरों से भरा हुआ है जिन्होने यहांँ अंतिम सांस ली थी। यह 1862-1863 से भारत के वायसराय लॉर्ड एल्गिन को समर्पित है। चर्च में दो शानदार ग्लास पैनल और घंटी हैं, और ये सब इंग्लैंड से लाया गया था। इसे आज भी देखा जा सकता है।

Photo of हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है। by Sachin walia
Photo of हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है। by Sachin walia
Photo of हिमाचल की हसीन वादियों में है, अंग्रेजों द्बारा सन् 1853 में बनाया चर्च, अपनी कहानी ब्यान करता है। by Sachin walia

इस स्थान पर कैसे आयें ??
सेंट जॉन्स इन द विल्डरनेस चर्च, मैक्लॉडगंज से पहले धर्मशाला रोड पर स्थित है। यह मुख्य बाजार और बस स्टॉप से पैदल दूरी के भीतर है। यहांँ पर बहुत आसानी से पहुँचा जा सकता है।

खुलने का समय
चर्च सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। रविवार को सेवाएं आयोजित की जाती हैं।

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जय भारत

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