दोस्तों, स्वतंत्रता दिवस एक विशेष महत्व रखता हैं और इस कारण इस दिन को विशेष रूप से दर्जा दिया जाता हैं। हर साल की तरह ही इस साल भी स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। इस विशेष दिन सभी लोग स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा दी गई कुर्बानियों को याद करते हैं।और एक आजाद भारत में तिरंगा फहराते हैं। वैसे आपने आज तक ये सुना हैं कि किसी मंदिर में भी 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं नहीं न, तो अचंभित होने की जरूरत नहीं क्योंकि आज हम आपको भारत के एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ आजादी के बाद से ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर इस मंदिर पर धार्मिक ध्वज के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया जाता है। यह देश का पहला मंदिर है जहाँ तिरंगा फहराया जाता है। तो आइए जानते हैं कि यह कौन सा मंदिर हैं और कहाँ स्थित हैं।
कहाँ है ये मंदिर?
दोस्तों, रांची रेलवे स्टेशन से लगभग सात किलोमीटर दूर स्थित भगवान शिव के इस मंदिर को पहाड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता हैं। पहाड़ी बाबा मंदिर का पुराना नाम तिरीबुरू था, जो बाद में ब्रिटिश काल में बदलकर 'फांसी गारी' हो गया, क्योंकि ब्रिटिश शासन के दौरान यहाँ स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई थी। करीब 26 एकड़ में फैला और 350 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह भारत वर्ष में अपनी तरह का इकलौता मंदिर है जहाँ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है।पहाड़ी बाबा मंदिर में पुजारी और स्थानीय लोगों द्वारा भारतीय तिरंगा फहराया जाता हैं।
भगवान शिव विराजमान हैं पहाड़ी बाबा मंदिर में
दोस्तों, रांची में स्थित पहाड़ी मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित हैं। सावन के महीने में इस मंदिर में काफी अधिक भीड़ भी देखी जाती हैं। इसके अलावा महाशिवरात्रि और नागपंचमी के मौके पर यहाँ लाखों भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। पहाड़ी मंदिर यहाँ आने वालें पर्यटकों के बीच भी काफी ज्यादा फेमस है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर से आपको पूरे रांची शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है, और इसलिए लिए दूर-दूर से लोग यहाँ पहुंचते हैं। पहाड़ी मंदिर से सूर्योदय और सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा भी दिखाई देता है। साथ ही इस मंदिर की ऊंचाई से पूरे रांची शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता हैं।
तिरंगा फहराने के पीछे क्या हैं वजह
दोस्तों, आजादी के बाद सबसे पहले यहीं रांची में तिरंगा झंडा फहराया गया था, जिसे रांची के स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र दास ने फहराया था। उन्होंने यहाँ शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की याद और सम्मान में तिरंगा फहराया। तभी से यहाँ हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाता है। पहाड़ी मंदिर में एक पत्थर है, जिस पर 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को देश की आजादी का संदेश लिखा हुआ है। जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं।
रांची पहाड़ी मंदिर का समय:
सुबह: 4.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक।
शाम: दोपहर 2.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक।
पहाड़ी मंदिर कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग से:
रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा यहाँ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। आप किसी भी राज्य से हवाई मार्ग द्वारा यहाँ पहुंच सकते हैं। फिर इस हवाई अड्डे से आप अपनी सुविधानुसार किसी भी साधन द्वारा पहाड़ी मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा:
रांची एक प्रमुख समपार है। रांची के लिए देश भर के सभी महानगरों से ट्रेनें चलती हैं। आप रांची रेलवे स्टेशन आकर अपनी सुविधानुसार किसी भी साधन द्वारा पहाड़ी मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा:
रांची देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सभी शहरों से यहाँ बसें आती हैं। और अन्य शहरों के लिए यहाँ से बसें चलती रहती हैं इसलिए अगर आप सड़क मार्ग द्वारा यहाँ आना चाहते हैं तो आपको यहाँ आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
क्या अपने भी रांची के इस अनोखे मंदिर की यात्रा की हैं अगर हाँ, तो अपनी यात्रा के अनुभव को हमारे साथ शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।