हिटो पहाड़ दिन 1- आज सुबह सुबह 3 बजे अपने सपने #hito_Pahad का भगवान गणेश जी का नाम ले कर आगाज़ कर दिया. आज 15 किलो का बैग भी था मेरे पास और इसकी मुझे आदत नहीं थी फिर भी अपना लक्ष्य मैंने बढ़ा ही रखा था. आज का टार्गेट था 280 km. शुरुवात अच्छी थी. पहले 5 घंटे में 100 km के करीब पहुंच गया था. छोटे छोटे टार्गेट सेट कर के बढ़े जा रहा था. सुबह मौसम अच्छा था लेकिन बाद में धूप ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया
पूरा शरीर पसीना पसीना हो गया फिर रफ्तार भी कम हो गई. अब यू लग रहा था 1km मे 1000 मीटर क्यू होते हैं 500 क्यू नहीं होते हैं. उस समय अगर मेरा बस चलता तो मैं 50 मीटर ही कर देता
चलते चलते रात 8 बजे के आस पास आज का टार्गेट पूरा हुआ. बहुत थक चुका था मैं जल्द ही खा पी कर सो गया. आज 280 km साइकिलिंग हुई.
हिटो पहाड़ दिन 2- 4 बजे अलार्म बजता है बाहर बारिश हो रही है चलो थोड़ी देर और सो जाता हूँ रेन कोट निकालने का मन नहीं है. फिर आँख खुलती है 7 बजे अभी भी बारिश हो रही है कोई नहीं अब तो निकलना ही पड़ेगा.
7 बजे निकला बारिश तेज थी. थोड़ी ही देर में जूतो में पानी भरने लग गया. अब पानी जूतो के अंदर भी आ गया पूरे मोजे गिले हो गये. मैं पहले भी बोल चुका हूँ आसाम की ल़डकियों और बारिश का कभी भरोसा नहीं करना चाहिये. खैर चलते जा रहा था एक मन तो ये कह रहा था अब बस आज ज्यादा नहीं जाता हूँ. फिर सोचा लंबा जाना है ऐसे ही करते रहा तो घर पहुचने में बहुत दिन लग जाएंगे. रेस्ट करते करते अराम अराम से चलते हुए आज 174 km का सफर हो ही गया.
वैसे रास्ते में आज कुछ घटना भी घटी. घटना एक - एक लड़का मिला बोला आप साइकिल से कहाँ जाएंगे मैंने बोला उत्तराखंड वो बोला उत्तराखंड मैं बोला हाँ भाई. वो फिर से बोला उत्तराखंड मैं फिर से बोला हाँ भाई ऐसे ही वो 4 बार बोला उत्तराखंड मैं भी 4 बार बोला हाँ भाई हाँ. मुझे लगा वो मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं है. उसने फिर बोला उत्तराखंड इस बार मैं बोला yo bro. अब वो बोला Ok bro have a safe journey मैंने सोचा अभी तक भी तो मैंने ये ही बोला था. क्या पता वो उडता आसाम गैंग का हो. घटना दो - एक भाई साहब बाइक से मेरे बगल से गुजरे पीछे उनकी अर्धांगिनी बैठी थी. जैसे ही मुझसे आगे गये दोनों मुझे मूड कर देखने लग गये. आगे ध्यान ही नहीं था चचा का आगे पानी से भरा गड्ढा था दोनों गिर गये मैंने बोला ले अब खा माच्छा. मैंने बोला चचा इस दुनियां का ही हूँ दूसरे ग्रह से नहीं आया साइकिल से ही जा रहा हूँ. चाची बोली वो सब ठीक है ये हेल्मेट में क्या है मैंने बोला ये कैमरा है इसको गोपरो नाम दिया गया है. #
घटना तीन - चाय पीने रुका चाय वाले भाई बोले आप कहाँ जा रहे हो. मैं बोला उत्तराखंड आपको भी चलना है क्या. वो बोले ये उत्तराखण्ड कहाँ है बिहार में है क्या. अब कोई तो बताओ भाई को उत्तराखंड मेरे सीने मैं है. मैंने बोला नैनीताल सुना है वो बोला ना, वो गाना सुना है मेरे पिया गए रंगून उसमें जो देहरादून आता है वो सुना वो बोला न मैंने कहा तू मर जा और केदारनाथ जा वो बोला हाँ केदारनाथ सुना है. .
आज दूसरे ही दिन आसाम से वेस्ट बंगाल में प्रवेश कर लिया है ये एक उपलब्धी है.
हिटो पहाड़ दिन 3- आज की शुरुवात हुई 0530 से. सुबह से ही आज भी बारिश हो रही थी. आज का टार्गेट था सिलीगुड़ी जो गूगल पे 176 km दिखा रहा था. गूगल बाबा भी बहुत धोखा देते हैं ये आज एक बार फिर अनुभव हुआ. इसमे भी दूरी बदलती रहती है. पहले धूपगुरी की बदली और अभी अभी प्रतापगंज की बदल गई. जब तेज़पुर से ठाकुरगंज से प्रतापगंज की दूरी देखी थी तब 113 km थी अभी सिलीगुड़ी से प्रतापगंज की दूरी 202 km दिखा रहा है जबकि ठाकुरगंज यहाँ से 55 km दिखा रहा ससुरा ई कैसे?
आज मुझे वेस्ट बंगाल में एक चीज का एहसास हुआ यहाँ वालों की हिन्दी बहुत खराब है एक बोर्ड लगा था, उसमें लिखा था. दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्र. मैंने सोचा चलो देखते हैं ये क्षेत्र कहाँ दुर्घटनाग्रस्त हुआ लेकिन वहाँ तो सब सही था. अरे कोई दीदी ( ममता बानो) को समझाओ वो दुर्घटना सम्भावित क्षेत्र होता है. भाई मारो मुझे..
आज मुझे वेस्ट बंगाल में एक चीज का एहसास हुआ यहाँ वालों की हिन्दी बहुत खराब है एक बोर्ड लगा था, उसमें लिखा था. दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्र. मैंने सोचा चलो देखते हैं ये क्षेत्र कहाँ दुर्घटनाग्रस्त हुआ लेकिन वहाँ तो सब सही था. अरे कोई दीदी ( ममता बानो) को समझाओ वो दुर्घटना सम्भावित क्षेत्र होता है. भाई मारो मुझे..
एक दूसरी जगह लिखा था अपने पापो से पश्चाताप करें मतलब ये कहना चाह रहे हैं पहले पाप करो और फिर उसका पश्चाताप करने के लिए फिर पाप करो. अरे दीदी ई न चलबो. दीदी को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं.
एक घटना और घटी आज एक छोटे लड़के से मैंने पूछा छोटू ये सड़क सिलीगुड़ी जाएगी न वो बोला सीधा जाओ बिल्कुल सीधा. फिर मैंने बोला मोड़ पर क्या करना है वो बोला वहाँ मूड जाना अच्छा हुआ बता दिया नहीं तो मैं चाय बगान में ही घुस जाता.
लास्ट के करीब 15 km पहाड़ का सफर भी आज करना पडा. कोरोनेशन ब्रिज के आज एक बार फिर दर्शन हुए. आज भी बहुत बारिश थी थकान भी बहुत हो रही थी. थकान मिटाने के लिए थोड़ा सर इधर उधर घुमा के बंगाली बालाओं के दर्शन कर लेता था. आज मंगलवार नहीं होता तो कसम से एक दो को तो बोल ही देता तुझे गंगटोक घुमा दूँ आ चलती क्या. आज 180 km की साइकिलिंग हो गई.
हिटो पहाड़ दिन 4 - सब से पहले तो आज मन इस बात से हर्षित है की 4 दिन में ही मैंने आसाम से बिहार में प्रवेश कर लिया. आज अररिया जो की किशनगंज, बिहार में आता है वहाँ रुका हुआ हूँ.
आज शुरुवात की सुबह 5 बज के 30 मिनट से. आज सुबह ही कुछ दूर चलते ही होटल से निकलते ही बारिश शुरू हो गई. एक बार फिर से वो ही ड्रामा स्टार्ट हो गया. आज गीले मोजों के कारण पैर की उंगलिया रगड़ खा खा कर ज़ख्मी हो गई. फिर दर्द करने लगी मैंने जुते उतार के चप्पल में साइकिलिंग करना ही उचित समझा.
आज का दिन पहले हाफ में रूखा सूखा सा रहा. आज कोई घटना नहीं घटी सिर्फ एक दुर्घटना घटी वो ये की मैं अपना आधार कार्ड सिलीगुड़ी होटल वाले के पास ही भूल आया. बाद में वो उसने मुझे what's up पर भेज दिया.
दूसरा हाफ में एक अच्छे मित्र बने जिनका नाम है Santosh Roy जिनकी वजह से आज में अपने लक्ष्य पर 1 घंटा पहले पहुंच गया. उनकी बाइक के पीछे रस्सी बाँध कर उसको पकड़ के लास्ट के 24 km ऐसे ही चला बहुत आराम मिला. संतोष भाई ने मुझे चाय पानी के साथ साथ मिठाई भी खिलाई और अररिया के काली मंदिर का महत्व भी बताया.
आज नेपाल और भारत के बॉर्डर भी जाना हुआ. जो की अभी बंद है. कल शायद खुल सकता है ऐसा वहाँ के लोग बता रहे थे. लेकिन SSB जवानों के पास अभी तक कोई आदेश नहीं आया था.
आज Pandey Jee के सौजन्य से अररिया में एक अच्छा होटल भी मिल गया है. इसके लिए पांडे जी का बहुत बहुत शुक्रिया. आज टोटल 143 km साइकिलिंग हुई.
हिटो पहाड़ दिन 5-
चले जा रहा हूँ बढ़े जा रहा हूँ
कभी ना खत्म होने वाले रास्तो में
सीने में दबाये एक बहुत बड़ा अंगारा
क्यू की मैं हूँ बाबा बंजारा, बाबा बंजारा
सब से पहले आपका बहुत बहुत धन्यवाद इतने बहतरीन नाम आप लोगों ने आज सुझाये मेरी प्यारी साइकिल के लिए. अब आप लोगों को भी इंतजार होगा मुझे कौन सा नाम पसंद आया. आज से मेरी साइकिल का नाम होगा #भोली_बंजारन. बंजारन इसलिए क्युकी बाबा बंजारा के साथ जो देगी वो सिर्फ एक बंजारन ही हो सकती है और भोली इसलिए बेचारी बहुत भोली है. जहाँ भी मैं बोलता हूँ वहाँ बिना न नूकूर के चल देती है. वैसे ये नाम बीबी ने सुझाया था बाकी तो आप समझदार हैं ही.
आज की शुरुवात हुई रोज की तरह 5 बज के 30 मिनट पर. अररिया से निकला दरभंगा की ओर आज ठान लिया था कैसे भी हो उजाला रहते रहते दरभंगा पहुँच जाना है. आज भी एक सज्जन से मेरा मिलना हुआ. प्रतापगंज क्रॉस किया ही था एक 45 साल के इंसान अपनी साइकिल से जा रहे थे. मैंने उनको क्रॉस किया. मुझे और मेरी भोली बंजारन के पीछे लदे समान को देख कर वो समझ गये ये बंदा कोई मकसद से जा रहा है.
अपने अंदर पनपी जिज्ञासा को बुझाने के लिए उन्होंने जल्दी जल्दी पैडल मारे और पहुँच गए मेरे पास और पूछा भैया कहाँ से आए हो और कहाँ जा रहे हो. मैंने बोला असम से उत्तराखंड. उन्होंने पूछा कोई खास उद्देश्य मैंने बोला श्री राम की नगरी अयोध्या जा रहा हूँ प्रभु के दर्शनार्थ. इतना सुन कर वो सज्जन जिनका नाम अरविंद यादव था बहुत खुश हुए. बोले मेरे लिए कोई सेवा प्रभु. मैंने बोला पानी पीला दीजिए. वो बोले चलिए थोड़ा आगे जा कर दुकान में उन्होंने मेरा बहुत आदर सत्कार किया. उन्होंने मुझे लिट्टी और जलेबी खिलाए. चाय भी पिलाई. वैसे भगवान मुझे रोज एक सज्जन से जरूर मिला देते हैं. और मानवता से जो मेरा भरोसा उठता जा रहा है उसमें विरोधाभास उत्पन्न कर देते हैं.
आज एक लड़का मिला बोला इतना साइकिल चला कर जाओगे बस से चले जाते मैं बोला बस में मुझे अच्छा नहीं लगता. बोला फ्लाइट से चले जाओ मैंने बोला फ्लाइट से हाथ बाहर निकालने की सुविधा नहीं होती. बोला ट्रेन से चले जाओ मैं बोला इतने पैसे होते तो क्या मैं साइकिल से जाता. वो बोला हाँ बात तो सही है.
हाईवे का भी अलग खेल है भाई साहब. जब UP 78 नंबर की गाड़ी 120 की स्पीड से HR 38 नंबर को ओवरटेक करती है तो 20 की स्पीड से चलने वाला साइकिलिस्ट सिर्फ थर्राते रह जाता है. और कोई कोई ट्रक वाले इतने नौटी होते है एक दम पिछवाड़े पर सटा कर हॉर्न बजा देते हैं कोई कमजोर दिल का होगा तो साला वहाँ पर दिल का दौरा पढ़ जाए उसको.
वैसे आज 193 km का सफर कर के दरभंगा पहुँच गया. आज भी पांडे जी के सौजन्य से रूम मिल गया है. Pandey Jeeबिल्कुल भाई की तरह मेरा ख्याल रख रहे हैं. I m so lucky. कल से पांडे जी भी साथ में हो जायेंगे. कल कुछ घुमक्कड़ों से भी मिलन संभव है जैसे अभिषेक पाण्डेय और Birendra Kumar भाई.
एक बात और आज प्लान के मुताबिक ही जैसा पहले सेट किया था वैसे ही पांचवे दिन दरभंगा पहुँच चुका हूँ.
हिटो पहाड़ दिन 6-
आज का दिन था मिलन का. आज सुबह रोज की तरह 5 बज कर 30 मिनट पर दरभंगा से निकला तो मन में ये ही ख्याल आ रहा था आज 60 km बाद जा कर मिलन होगा Pandey Jee से चंद्रभुषण जी, अभिषेक पाण्डेय भाई और Birendra Kumar भाई से.
9 बजे मैं मुजफ्फरपुर पहुँच गया और सब से पहले मुझे मिले चंद्रभुषण जी उनके साथ कुछ आगे चल कर अभिषेक भाई और बीरेन्द्र भाई मेरा इंतजार कर रहे थे पांडे जी को आने में थोड़ा समय था. फिर थोड़े देर में पांडे जी भी आ गए. आज का मिलन ना भूलने वाला था. जिन लोगों को हम फेसबुक की आभासी दुनिया में देखते हैं, उनको समाने से मिल कर देखना अलग ही अनुभव होता है. वो ही अनुभव मुझे आज हुआ.
बहुत शानदार स्वागत हुआ आज मुजफ्फरपुर में जिससे दिल अभी तक बाग बाग है. दिल में यादें अभी ताजा हैं. आज पांडे जी से भी पहली बार रूबरू हुए. आज से पांडे जी भी मेरे साथ जुड़ गये हैं और अयोध्या तक साथ ही रहेंगे. आज की साइकिलिंग की कहानी ये है की आज हम लोग अपने टार्गेट को भी पीछे छोड़ते हुए 22 km आगे निकल गये हैं. आज का विश्राम गोपालगंज में है आज #भोली_बंजारन 183 km चली.
हिटो पहाड़ दिन 7 -
सब से पहले तो आप लोगों का मेरा और पांडे जी का पीछे से सपोर्ट करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏 आभार. ऐसे लग रहा है मैं अकेला चला था लेकिन मेरे साथ पूरा भारत हो गया खास कर पुरनपूर. आपके प्यार से मैं और पांडे जी आगे बड़े जा रहे हैं.
कुछ महीने पहले मैंने एक प्रण लिया था और अब उस प्रण को पूरा करने में आप और मैं सिर्फ एक दिन दूर हैं. कल राम जन्म भूमि मैं माथा टेक दिया जायेगा और जोर से #जय_श्री_राम के उदघोष के साथ वो प्रण भी पूरा हो जायेगा. जब कुछ समय पहले मैं एक दिन की साइकिल यात्रा पर जाया करता था तब एक दिन यू ही ख्याल आया था साइकिल से अयोध्या चला जाये. उस प्रण को पूरा करने में मैंने पूरा जी जान लगा दिया.
आज 128 km की साइकिलिंग कर के हम लोग पहुंच गये हैं बाबा गोरखनाथ जी के घर गोरखपुर. आज तक 7 दिनों में 1300 km करीब भोली बंजारन को चला. लिया है.
जय श्री राम
आज गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ मंदिर भी घूमना हुआ
हिटो पहाड़ दिन 8 -
जय श्री राम
आज ज्यादा कुछ लिखने को नहीं है बस आज मैं सिर्फ और सिर्फ अपनी #भोली_बंजारन का शुक्रगुजार हूँ जिसने मेरा एक प्रण पूरा करा दिया. आज मुझे 8 दिन में 1425 km का सफर पूरा करा कर श्री राम जन्मभूमि अयोध्या पहुँचा दिया.
आज 146 km का सफर पूरा कर के मै और Pandey Jee गोरखपुर से अयोध्या पहुंच चुके है और साथ मैं हैं Santosh Vishwakarma, Vikash Nishad और Shäräd Ñïshäd
अयोध्या से भोली बंजारन के साथ बाबा बंजारा
हिटो पहाड़ दिन 9
#जय_श्री_राम
आज का दिन रहा अयोध्या और यारो के नाम. आज सुबह 6 बजे उठ कर Santosh Vishwakarma जी के साथ सरयू घाट स्नान किया और साथ ही नागेश्वर मंदिर के दर्शन किए.
फिर बहुत दिन से गंदे पढ़े कपड़े धोए और उसके बाद चले गये हनुमान गढी और दशरथ महल. फिर Uday Singh जी के साथ दर्शन किए राम जन्म भूमि के. फिर गये कार्यशाला जहां मंदिर निर्माण मे लगने वाले पत्थर रखे हुए थे.
शाम को देखी सरयू आरती. उसके बाद Tej Narain Kushwaha जी के साथ अयोध्या की फेमस दही जलेबी खाई और इन सब में मेरे और पांडे जी के साथ थे यारो के यार निषाद बंधु Vikash Nishad और Shäräd Ñïshäd
कुल मिला कर राम जन्म भूमि अयोध्या आना सफल हुआ और यहाँ आ कर बहुत सारे घुमक्कड़ों से मिल कर बहुत अच्छा लगा. कल से फिर आगे का सफर शुरू होगा
हिटो पहाड़ दिन 10-
आज का दिन शुरू हुआ एक अजब से एहसास से. एहसास तो बहुत से हैं दिल में लेकिन ये कुछ अलग था. ये एहसास था उस इंसान से बिछड़ने का जिसके साथ में पिछले कुछ दिनों से हर समय बांट रहा था समय के साथ साथ हर चीज और अनुभव भी बांट रहा था
आंखें बहुत नम थी वो लम्हा बहुत ही अजीबोगरीब था रोये या हंसे समझ ही नहीं आ रहा था गला दोनों का भर गया था. आँखों में आंसू बस आने को ही थे जैसे तैसे दोनों ने अपने आपको सम्भाला. आज एक छोटे भाई से बिछड़ने जैसा एहसास हुआ. बहुत दिनों का साथ आज कुछ दिनों के लिए दूर हो गया फिर मिलेंगे जल्द ही Pandey Jee
आज लखनऊ में बहुत घुमक्कड़ मित्रों से मिलना हुआ और बहुत सम्मान भी हुआ. आज दद्दा सुरेश कात्यायन, Nitin K Misra, Priyank Shukla Abhishek Kumar Singh, नमन जी, Lalit Tyagi, Vishal Sharma, से मिलना हुआ. वाकई आज लखनऊ ने दिल में कब्जा कर लिया.
उसके बाद नंबर आया इटौंजा का और आज यहाँ मिलना हुआ Santosh Misra, Vimal Singh भाई से. और सही में आप दोनों ज़बर्दस्त होस्ट हो.
कुल मिला कर आज का दिन ग़म और खुशी दोनों ही देने वाला था. आज भोली बंजारन से 163 km का सफर तय किया और अपने टार्गेट लखनऊ से भी 30 km आगे निकल आया हूँ इटौंजा में
हिटो पहाड़ दिन 11
इटौंजा जिस जगह को कुछ समय पहले तक मैं जानता भी नहीं था उस जगह को Santosh Misra भाई की वजह से देखने और जनाना का मौका मिला. संतोष भाई वाकई में एक जिंदादिल इंसान हैं और उनका ग्रुप Vimal Singh भाई और अभिषेक भाई ऐसे लोग हैं जो आपके दिल में बहुत ही जल्दी अपनी छाप छोड जाएंगे. महमान नवाजी कोई आप लोगों से सीखे.
इटौंजा से 8 बजे पूरनपुर के लिए निकला 3 बजे गोला पहुंचा जहां मेरा इंतजार Suraj Sharma भाई कर रहे थे. चलते चलते सूरज भाई के साथ फोन पर प्रोग्राम सेट हो गया गोला में मिलने का और साथ में महादेव जी के दर्शन करने का. सूरज भाई को फेसबुक के माध्यम से बहुत पहले से जानता हूँ. मिलने का और सामने देखने का अनुभव ही अलग होता है सूरज भाई से मिल कर एक बार फिर से दिल बाग बाग हो गया.
शाम को 0730 पर पूरनपुर पहुँचा और वहाँ जो जोरदार स्वागत मेरा हुआ मुझे ऐसा लग रहा था जैसे में कोई सेलीब्रिटी हूँ. मुझे सेलीब्रिटी बनाने का श्रेय जाता है Rishi Raj Saxena Brajesh Shukla और Pradeep Sharma भाई को. मुझे तो लगता है मैंने कुछ अच्छे करने किए होंगे जो मुझे इतने अच्छे अच्छे लोग मिले. मेरा कोई भाई तो है नहीं लेकिन बृजेश भाई और ऋषि भाई मेरे बिल्कुल बड़े भाई जैसे ही हैं और एक छोटे भाई जैसा ही मेरा ख्याल रख रहे हैं
पूरनपुर की जनता का और पूरनपुर का भी मैं दिल से आभारी हूँ. जिन्होंने अपने दिल में मुझे इतनी सारी जगह दी. आज #भोली_बंजारन 193 km चली.
हिटो पहाड़ दिन 12-
कल पूरनपुर की यादों को दिल में समेटे में सुबह 7 बजे निकल लिया अपने अगले पडाव रुद्रपुर की ओर. जब मैंने उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश किया तो मेरे सारे बदन में एक कंपकंपी से पैदा हो गई मेरे रोंगटे खड़े हो गए. अपनी जन्मभूमि जिसके दर्शन के लिए मैं इतने दिनों से प्रयासरत था आज उसके दर्शन का मुझे सौभाग्य प्रयाप्त हुआ.
1 बजे 116 km का सफर तय करने के बाद मैं और #भोली_बंजारन रुद्रपुर पहुंच गए थे वहाँ मेरा स्वागत करने के लिए भाई Lakshay Rawat और Bharat Shah जी पहले से ही मौजूद थे कुछ देर आराम करने के बाद हम सब लोग #SKY-9 रेस्टोरेंट गये और वहाँ लंच किया साथ में Lalitmohan Belwal भाई भी था.
शाम को 6 बजे #ENIGMA_GYM में मेरे सम्मान के लिए एक समारोह रखा गया था कुछ मीडिया कर्मी भी भरत भाई ने बुलाए थे. Gym के मालिक Jagroop Dhillon जी ने बहुत ही अच्छे से स्वागत किया. कल का दिन भी यादगार दिन था शाम को Bhim Kunwar जी और Vivek Kumar भाई से भी मिलना हुआ. बहुत से सुखद यादों को यहाँ से दिल में समेटे हुए आज पहाड़ की ओर निकल रहा हूँ. आज से असली #हिटो_पहाड़ की शुरुवात है.
हिटो पहाड़ दिन 13-
कल का दिन बहुत खास था. खास इस लिए क्यू की मेरा घर मेरे पास और पास आता जा रहा था. रुद्रपुर से सुबह 5 बजे निकलना हुआ. प्लान ये था की Lalitmohan Belwal और Lakshay Rawat दोनों रुद्रपुर से हल्द्वानी तक स्कूटी से और Bharat Shah भाई अपनी साइकिल से मेरे साथ चलेंगे.
सुबह मुझे Rajneesh Jass जी से भी मिले और कुछ देर तक उनसे बात हुई. मेरी साइकिल यात्रा को लेकर वो बहुत उत्साहित दिखे.
कुछ किलोमीटर बाद कुछ कारणों की वजह से लक्ष्य और ललित को वापस रुद्रपुर लौटना पड़ा. मैं और भरत भाई साइकिल चलाते हुए 7 बजे हल्द्वानी पहुँच गए. अब भरत भाई बोले मैं और आगे तक चलूंगा देखता हूँ आज कितनी साइकिल चला पता हूँ.
हल्द्वानी से कुछ आगे निकले ही थे तो हल्द्वानी से लोहाघाट जा रहे पंचदेव पाण्डेय भाई ने मुझे पहचान लिया और गाड़ी रुका कर मुझे मिलने आ गए.
आज इम्तेहान था मेरा और भरत भाई का. अभी तक तो पूरी यात्रा के दौरान थोड़े बहुत ही पहाड़ी रास्तो में #भोली_बंजारन चली थी आज उसको चलना था असली पहाड़ी रास्तो से. हल्द्वानी से भवाली तक का रास्ता पूरी चडाई का रास्ता है. आज हालत खराब होना तो तय ही था.
पहाड़ी चडाई का रास्ता शुरू हो चुका था साइकिल की रफ्तार 8 km प्रति घंटा पर आ चुकी थी अभी तक साइकिल भाग रही थी अब उसने रेंगना शुरू कर दिया था. हालत ये थी की हर 2 km पर रुक कर कुछ समय के लिए रेस्ट लेना पढ़ रहा था. लेकिन भरत भाई की हिम्मत का कोई जवाब नहीं पहली बार पहाड़ में साइकिल चला रहे थे और फिर भी बोल रहे थे अभी और आगे कैंची धाम तक चलूंगा.
11 बजे हम लोग भीमताल पहुँच चुके थे और 2 घंटे वहाँ ही रुके. वहाँ मिलना हुआ मेरे कॉलेज बागेश्वर के मित्र Bharat Sijwali से. उसने बहुत अच्छे से स्वागत किया और हमको लंच भी करवाया.
3 बजे हम लोग कैंची धाम पहुँच गये. बहुत सालों बाद कैंची धाम जा कर बहुत अच्छी सी फिलिंग आ रही थी. वहाँ माथा टेका और अब समय आ गया था भरत भाई को विदाई देने का. भरत भाई अब चल दिए रुद्रपुर की ओर और में चल दिया मेरी आज की मंजिल Siddheshwarihomestay Diyari की ओर.
6 बजे के करीब मैं दयारी गाँव में था जहां मेरे पहचान के Deepak Sharma भाई ने अपना सिद्धेश्वरी होमस्टे बना रखा है. वहाँ के गाँव वालों ने मेरा बहुत अच्छे तरीके से स्वागत किया और मुझसे मेरी यात्रा का अनुभव जानने की कोशिश की. साथ साथ यहाँ मेरी मुलाकात घुमक्कड़ Jagdish Bisht जी से भी हुई. सभी से मिलकर बहुत अच्छा लगा.
कल #भोली_बंजारन ने 120 km का सफर तय किया और अभी तक 2025 km का सफर हो चुका है. यहाँ से मेरा घर सिर्फ और सिर्फ 35 km है आज वो भी तय कर लूँगा और आपकी दुवाओ और सहयोग से अपने घर पहुँच जाऊंगा. #जय_श्री_राम
हिटो पहाड़ दिन 14-
आज का दिन है जश्न मनाने का खुशियां मनाने का. आज 35 km का सफर रहा. अल्मोड़ा में स्वागत का भव्य समारोह आयोजित किया गया था. Gokul Mehta जी द्वारा ये आयोजन रखा गया था. बहुत ही शानदार अनुभव हो रहा है घर आ के अपना घर अपना ही होता है.
घर पहुंचने से पहले कोसी में भी दोस्तों द्वारा वेलकम किया गया.
घर में भी एक आयोजन रखा गया था. मेरी इस पूरी सफल यात्रा का श्रेय में आप सभी के सपोर्ट को देना चाहूँगा आप नहीं होते तो शायदा ये संभव नहीं था. पूरा सफर 2064 km का रहा और सब से बड़ी बात जैसा सोचा था 14 दिन में ही इसको पूरा कर दिया. Umesh Harariya और Deepak Sharma भाई का भी आज बहुत योगदान रहा.
#भोली_बंजारन को मेरा दिल से सलाम जय हिंद जय भारत