अगर आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसे रोमांच पसंद है और भारत में अलग-अलग जगहों पर ट्रेकिंग करना आपकी बकेट लिस्ट में है, तो हमारे पास आपके लिए हर एक महीने के लिए अलग-अलग ट्रेक्स का प्लान तैयार है।
हमारा यह पूरा प्लान भारत के सभी ट्रेकिंग स्थलों के बारे में है तो इस कैलेंडर प्लान से आप प्रेरणा ले सकते हैं और ट्रेकिंग के लिए निकल सकते हैं ।
इस आर्टिकल मे हम आपको बता रहे है कि अच्छी फिटनेस और उत्साही इच्छा शक्ति के साथ आप कैसे आने वाले साल के 12 महीनों को कैसे रोमांचक बना सकते है।
2020 का ट्रेकिंग प्लान
जनवरी में ट्रेकिंग: ब्रह्मताल ट्रेक
ब्रह्मताल ट्रेक की जानकारी
6-दिन चलने वाला यह ट्रेक भारत में सर्दियों के दौरान खुले हुए कुछ ट्रेक्स में से एक है और इसलिए यह इस मौसम में चुने जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित ट्रेक है। पहली बार ट्रेकिंग करने वाले लोगों के लिए, यह सबसे अच्छा शुरुआती ट्रेक है जिसके साथ आप अपना साल शुरू कर सकते हैं। सर्दियों के मौसम के दौरान धुंध न होने की वजह से ट्रेकर्स को गढ़वाल के बुग्याल इलाके में बर्फ से ढके घास के मैदानों का शानदार नज़ारा दिखता है । रास्ते के चारों फैली शानदार चोटियाँ 7,000 फीट की ऊँचाई तक जाती हैं।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: उत्तराखंड- मध्यम- 11,000 फीट
फरवरी में ट्रेकिंग: संदक्फू फलुट ट्रेक
संदक्फू ट्रेक की जानकारी:
संदक्फू का रास्ता आपको दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी, तेजस्वी कंचनजंगा के नज़ारो के करीब ले जाएगा । आप शक्तिशाली हिमालयी परिवार की माउंट मकालू और माउंट ल्होत्से, नामक चोटियों के साथ-साथ चलते हैं जो की दुनिया की चौथी और 5वीं सबसे ऊँची चोटियाँ हैं । तीसरे दिन, ट्रेकर्स द्वारा कालीपोखरी यानी काले तालाब को पार करना भी इस ट्रेक का एक और आकर्षण है ।
बर्फीले ट्रेक्स में से एक, संदक्फू ट्रेक को अप्रैल में किए जाने वाले (हमारी योजना के हिसाब से) गोएलचा ट्रेक की तैयारी के लिए भी जाना जाता है क्योंकि गोएचला ट्रेक की कठिनाई का स्तर बहुत ज्यादा है ।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: पश्चिम बंगाल- मध्यम- 11,929 फीट
मार्च में ट्रेकिंग: देवरिया ताल-चंद्रशिला पीक ट्रेक
देवरिया ताल ट्रेक की जानकारी
देवरिया ताल-चंद्रशिला मार्ग पहली बार ट्रेकिंग करने वालों लोगों के लिए सीखने का एक शानदार अनुभव हो सकता है। आपको इस ट्रेक की चड़ाई के दौरान बर्फ के ऊपर चलने व चढ़ने का शुरूआती तकनीकी अनुभव मिलेगा । ट्रेक के रास्ते का मुख्य आकर्षण इसके रास्ते मे पड़ने वाले शिविर है, जिनकी सुंदरता व बनावट को आपने सिर्फ सपने में ही सोचा होगा। देवरिया ताल में ट्रेकर्स के कैंप चमचमाती अंडाकार झील के पास लगे होते है जहाँ से आपको चौखम्बा और केदार डोम के शानदार नज़ारों देखने का मौका मिलता है । इस ट्रेक की एक और खास बात यह भी है कि आपको इस ट्रेक पर भारत की कुछ सबसे ऊँची चोटियों को करीब से देखने का मौका मिलेगा ।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: उत्तराखंड- आसान- 12,083 फीट
अप्रैल में ट्रेकिंग: गोएचा ला ट्रेक
गोएचा ला ट्रेक की जानकारी:
इस ट्रेक का रास्ता आपको सीधे कंचनजंगा की गोद में ले जाता है और वहाँ तक जाने के लिए ट्रेकर्स को बहुत अधिक फिटनेस व अनुभव की ज़रूरत होती है। 8 दिन चलने वाले इस ट्रेक को करने के लिए एक ऊँचाई वाले ट्रेकिंग अनुभव के साथ-साथ ट्रेकर्स को लंबे समय तक चलने का अभ्यास बहुत होना भी ज़रूरी होता है । इतनी मुश्किलों के बाद भी यह भारत के सबसे अधिक आकर्षित करने वाले ट्रेक्स में से एक है क्योंकि इस ट्रेक के रास्ते में आपको हिमालय परिवार की 14 चोटियों के अद्भुत नज़ारे निहारने का मौका मिलता है ।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: सिक्किम- मुश्किल- 16,272 फीट
मई में ट्रेकिंग: रूपिन पास ट्रेक
रूपिन दर्रा ट्रेक की जानकारी:
9 दिनों तक चलने वाला यह ट्रेक प्रकृति प्रेमियों के लिए एक तौहफा है, क्योंकि इस ट्रेक का रास्ता बर्फ से ढकी घास के मैदानों, रूपिन नदी, अनगिनत झरने और देवदार के जंगलो के बीच से होता हुआ गुज़रता है। रुपिन पास ट्रेक, रुपिन के तीन-चरण वाले झरने पर खत्म होता है। यह ट्रेक अनुभवी ट्रेकर्स के लिए बढ़िआ है क्योंकि इसमे ऊँचाई तो धीरे-धीरे ही बढ़ती है लेकिन ट्रेक के अंत तक आप 15,273 फीट पर खड़े होते हैं।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: हिमाचल प्रदेश- कठिन- 15,272 फीट
जून में ट्रेकिंग: बुरानघाटी ट्रेक
बुरानघाटी ट्रेक की जानकारी:
इस ट्रेक का रास्ता आपको मानो एक जादुई राह पर ले जाता है, इसके ट्रेक के रास्ते में आप जब नज़ारो को देखेंगे तो आपको अनगिनत रंगो के भरपूर खेल देखने को मिलेंगे । खासकर रास्ते के एक प्रमुख हिस्से मे पीले मौसमी फूल, आपको इस ट्रेक की असाधारण सुंदरता को करीब से देखने का मौका देते हैं। इस ट्रेक मे 400 मीटर की खड़ी बर्फ की दीवार पर चढ़ना और नदी के किनारे पर चलने जैसी कुछ तकनीकी कठिनाइयाँ है जो अनुभवी ट्रेकर्स में भी जोश जगा देगी।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: हिमाचल प्रदेश- मध्यम से कठिन- 15,000 फीट
जुलाई में ट्रेकिंग: हम्प्ता पास ट्रेक
हम्प्ता दर्रा ट्रेक की जानकारी:
हम्प्ता दर्रे के मार्ग पर चलते हुए नज़ारो में पल पल होता बदलाव ही इस साहसिक ट्रेक को दूसरों से अलग बनाता है। लाहौल घाटी में विशाल हिमालय के रेगिस्तान में प्रवेश करना और बालू के गेरा के पानी के किनारे-किनारे चलना तो शायद ही कोई ट्रेकर कभी भूल पाए। ट्रेक के अंत में चंद्रताल के लिए एक ड्राइव पर जाना भी आपके लिए एक बकेटलिस्ट का गोल हो सकता है।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: हिमाचल प्रदेश- मध्यम से कठिन- 14,035 फीट
अगस्त में ट्रेकिंग: कश्मीर ग्रेट लेक ट्रेक
कश्मीर ग्रेट लेक्स ट्रेक की जानकारी:
सोनमर्ग से शुरू होने वाले इस ट्रेक में आपको कुदरत के कुछ बेहतरीन नज़ारो को देखने का मौका मिलेगा क्योंकि इस ट्रेक का रास्ता 7 ऊँचाई वाली झीलों के साथ-साथ आगे बढ़ता है । इसमें ट्रेकर्स को 3 ऊँचे दर्रो को पार करना होता है जिसके लिए एक उच्च स्तर की मानसिक व शारीरिक फिटनेस चाहिए होती है । जैसे जैसे आप 8-दिवसीय लंबे इस ट्रेक मे आगे बड़ेंगे वैसे-वैसे आपको आकाश के नीले रंग व प्राचीन परिदृश्य में आपको हर बार नयी चीज़ दिखायी देगी ।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: कश्मीर- मध्यम से कठिन- 13,750 फीट
सितंबर में ट्रेकिंग: पिन भाबा पास ट्रेक
पिन भाबा पास ट्रेक की जानकारी:
पिन भाबा दर्रा अनुभवी ट्रेकर्स के लिए एक ट्रेक है जो आपको पिन और भाबा घाटियों के ऊपर से पार करते हुए 16,105 फीट की ऊँचाई तक ले जाता है। ट्रेकर्स का अथक प्रयास उन्हें घाटियों के मनोरम दृश्यों का अनुभव करने का मौका देता है। किन्नौर के घास के मैदान से शुरू होने वाला यह रास्ता हिमालयी रेगिस्तान में स्पीति तक जाता है और हम यह दावे के साथ कह सकते है कि आपने प्राकृतिक नज़ारो को कभी इस तरह बदलते हुए नहीं देखा होगा ।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: हिमाचल प्रदेश- मध्यम से कठिन- 16,105 फीट
अक्टूबर में ट्रेकिंग: रूपकुंड ट्रेक
रूपकुंड ट्रेक की जानकारी:
हिमालय में सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक, रूपकुंड को कंकाल झील ट्रेक के नाम से भी जाना जाता है। अगर आपको अपने ट्रेक के दौरान अलग-अलग नज़ारो को देखना बहुत पसंद है तो यह ट्रेक आपके लिए बिलकुल सही है। ट्रेकर्स अली बुग्याल के घास के मैदान, घने जंगलों और बर्फ से ढकी ढलानों से गुज़रते हैं। यकीन मानिए नज़ारे देखते हुए आपको पता ही नहीं चलेगा की आप कब 15,750 फीट की ऊँचाई तक पहुँच चुके हैं।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: उत्तराखंड- मध्यम से कठिन- 15,750 फीट
नवंबर में भारत में ट्रेकिंग: कुआरी पास ट्रेक
कुआरी पास ट्रेक की जानकारी:
सर्दियों की दरवाज़े पर दस्तक के साथ ही आप नवंबर में एक अनोखे ट्रेक के लिए निकल सकते है । इसके रास्ते में ट्रेकर्स की मुलाक़ात, लंबे खड़े नंदा देवी की चोटियों से होती है । इस ट्रेक में रोमांच का कोई अंत नहीं है, क्योंकि इसके रास्ते मे गढ़वाल पर्वतमाला की हर ऊँची चोटी एक-एक करके आपके सामने आती रहेगी। पहाड़ों से प्यार करने वाले लोगो के लिए, जंगल के बदलते रंगों को देखना एक यादगार अनुभव बन जाता है।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: उत्तराखंड- मध्यम- 12,516 फीट
दिसंबर में ट्रेकिंग: केदारकंठ ट्रेक
केदारकंठ ट्रेक की जानकारी:
हिमालय में सबसे सुंदर बर्फीले ट्रेक के साथ साल 2020 को अलविदा कहें। 6-दिन लंबा यह ट्रेक कैंपसाइट्स के लिए काफी जाना जाता है। ट्रेकर्स के कैंप को जुदा का तालाब के गहरे देवदार के जंगलों के पास और बेसकैंप को बाहर घास के मैदानों में स्थापित किया गया है। इस ट्रेक को लोग पहले बर्फीले ट्रेक के रूप में भी देखते है ।
क्षेत्र- कठिनाई- ऊँचाई: उत्तराखंड- आसान से मध्यम- 12,500 फीट
भारत में ट्रेकिंग करना एक नया रोमांच और जुनून हो सकता है जो साल 2020 को आपके लिए स्पेशल बना देगा।
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यह आर्टिकल इंडियाहाइक्स के सहयोग से लिखा गया है।
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