
पास होने वाले छात्रों को इनाम मिलने की खबरें आम हैं और बहुत पुरानी हैं, लेकिन असफल छात्र के मन को शांत करने की यह कहानी एकदम अनोखी है। हर स्टूडेंट की जिंदगी में दसवीं क्लास का रिजल्ट काफी मायने रखता है. मगर कई बार कुछ बच्चे दसवीं में पास नहीं पाते हैं। ऐसे स्टूडेंट को लोग अलग ही नजरिए से देखते हैं। दसवीं में फेल होने वाले स्टूडेंट को ज्यादातर लोग ताने मारते रहते हैं।लेकिन इस साल 10 बी क्लास फेल होने वाले स्टूडेंट के लिए खुशखबरी हैं । दसवीं फेल स्टूडेंट को मिल रहा फ्री में हिल स्टेशन घूमने का मौका। इस ऑफर की हर जगह जमकर चर्चा हो रही है।

जानिए कौन शख्स ने की इस खास ऑफर की शुरुआत
केरल के एक शख्स Sudheesh K ने अनोखी तरकीब निकाली है. सुदीश इस बार फेल होने वाले छात्रों के लिए तमिलनाडु के लोकप्रिय हिल स्टेशन कोडईकनाल ( Kodaikanal ) में मुफ्त घूमने का मौका दे रहे हैं साथ मे बच्चे अपने माता-पिता के साथ आकर रह सकते हैं।
इसके बाद बड़ी संख्या में स्टू़डेंट सुधीश से संपर्क कर रहे हैं, ताकि वो इस जगह पर घूम कर अपना दवाब कम कर सके।
सुदीश का कहना है कि वे इन छात्रों की हरसंभव मदद करना चाहते हैं, ताकि छात्रों को अपने गम से उबरने में मदद मिले। इस ऑफर को सोशल मीडिया की दुनिया में भी जमकर शेयर किया जा रहा है। उनकी इस पहल से बच्चों में कई स्टूडेंट खुश दिख रहे हैं।
फ्री होगा 2 दिन का टूर
फ्री होगा 2 दिन का टूर आपको बता दें कि सुदीश की तरफ से दिया गया ऑफर जुलाई के अंत तक रहेगा। यह ऑफर सिर्फ इस साल 10th बोर्ड एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स अपने माता-पिता के साथ तमिलनाडु के लोकप्रिय हिल स्टेशन कोडईकनाल (Kodaikanal) में घूमने के लिए जा सकते हैं. खास बात है कि इस दौरान आपको एक रुपया भी खर्च नहीं करना होगा। ट्रिप के दौरान होने वाला पूरा खर्च केरल में रहने वाले सुदीश के (Sudheesh K) उठाएंगे।
केवल अपना SSLC सर्टिफिकेट दिखाना होगा
10वीं में फेल हुए छात्र यहां आकर दो दिनों तक रुक सकते हैं. उन्हें केवल अपना SSLC सर्टिफिकेट दिखाना होगा, जिसमें यह लिखा होना चाहिए कि वे परीक्षा में फेल हुए हैं।सुदीश का कहना है कि वे अपनी क्षमता के हिसाब से इन छात्रों की हरसंभव मदद करना चाहते हैं. द हैमक होमस्टेज समेत सुदीश की यहां कई प्रॉपर्टीज हैं।

वे इस बात को दोहराते हैं कि कई बार माता-पिता अपने बच्चों की तुलना बेहतर प्रदर्शन करने वालों से करते हैं। ऐसे में बच्चों को अपनी असफलता का सामना करना और मुश्किल हो जाता है। ऐसे में पहाड़ों की शांति के बीच बच्चे शायद शांति पा सकेंगे और उन्हें अपने तनाव भरे जीवन से सुकून मिलेगा। साथ ही वे इस तरह के हालात का सामना बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
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