अपनी समृद्ध संस्कृति, आध्यात्मिकता और अनेक धर्मों के लिए के लिए जाना जाने वाला हमारा देश भारत अपने आप में काफ़ी विविध है | इसी देश में दुनिया का सबसे पुराना धर्म भी है, तो भव्य मंदिर, ऐतिहासिक इमारतें और ढाँचे हैं जिनका अस्तित्व सभ्यता के शुरुआत से ही है | भारत में आज भी हज़ारों साल पुराने मंदिर पाए जाते हैं जिनमें उस समय के शिल्पकारों की कला झलकती है |
पेश करते हैं कुछ ऐसे मंदिर जिनका इतिहास 1000 साल पुराना है।
108 दिव्य देसमों में से एक तिरुचिरापल्ली का श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। दक्षिण भारत के सबसे शानदार वैष्णव मंदिरों में से एक इस मंदिर को छठी और नौवीं शताब्दी के बीच बनवाया गया था | 156 एकड़ में फैले इस मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा कार्यरत हिंदू मंदिर भी माना जाता है।
कहाँ: तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु
भगवान विष्णु को समर्पित ये मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है | इसे चार धामों में से एक होने का सम्मान मिला हुआ है। ऐतिहासिक रिपोर्टों से पता चलता है कि मंदिर 8वीं शताब्दी तक एक बौद्ध मंदिर था, जब आदि शंकराचार्य ने इसे एक हिंदू मंदिर में तब्दील कर दिया |
कहाँ: बद्रीनाथ, उत्तराखंड
जगत मंदिर के नाम से जाना जाने वाला द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। गुजरात में स्थित इस मंदिर को चार धामों में से एक होने का दर्जा मिला हुआ है | माना जाता है कि ये मंदिर 2500 साल पुराना है और पुरातात्विक तथ्यों पर गौर करें तो 2000 साल पहले तक इस मंदिर का ज़िक्र मिलता है |
कहाँ: द्वारका, गुजरात
कुंभेश्वर मंदिर
आदि कुंभेश्वर मंदिर तमिलनाडु राज्य के कुंभकोणम में स्थित है और ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है | 30,181 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैले इस मंदिर को 9 वीं शताब्दी में बनाया गया था।
कहाँ: कुंभकोणम, तमिलनाडु
बृहदिश्वर या ब्रिहदीस्वारा मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे राजराजेश्वरम या पेरुवुदैयार कोइल के नाम से भी जाना जाता है | यह मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर शहर में है और माना जाता है कि 1010 ईस्वी में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ था। इसे दक्षिण भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक के रूप में जाना जाता था | यह प्राचीन मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक उम्दा उदाहरण है।
कहाँ: तंजावुर, तमिलनाडु
भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लींगों में से एक सोमनाथ मंदिर को सबसे पहला दर्जा दिया जाता है | यह गुजरात के पश्चिमी तट पर सौराष्ट्र में वेरावल के पास प्रभास पाटन में स्थित है। 7वीं शताब्दी में बना ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे इतिहास में कई बार ध्वस्त किया गया और कई बार इसका पुनर्निर्माण करवाया गया |
कहाँ: सौराष्ट्र, गुजरात
एलोरा का कैलसा मंदिर चट्टान काट कर बनाए गये मंदिरों में सबसे पुराना है | कहावतों की मानें तो इस मंदिर को 8वीं शताब्दी में एक चट्टान को काट कर बनाया गया था |
कहाँ: एलोरा, महाराष्ट्र
श्री अंबरनाथ मंदिर
1060 ईस्वी में बनवाए गए मंदिर इस मंदिर को अम्बेश्वर शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है | कहावतों के अनुसार इस मंदिर को पांडवों ने एक चट्टान में से तराश कर बनाया था | 11वीं शताब्दी का ये ऐतिहासिक हिंदू मंदिर वादवान नदी के तट पर स्थित है |
कहाँ: मुंबई, महाराष्ट्र
कर्नाटक के हम्पी में स्थित विरुपाक्ष मंदिर हम्पी के स्मारकों में से एक है जिन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है | भगवान शिव के एक रूप विरुपाक्ष को समर्पित इस मंदिर को 7वीं शताब्दी में बनवाया गया था |
कहाँ: हम्पी, कर्नाटक
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