100 साल पुराने इस ब्रिटिश बंगलो ने पहाड़ों में ठहरने के अनुभव को और शानदार बना दिया!

Tripoto

नैनीताल निवासी होने की वजह से मुझे उत्तराखंड के शहरों में घूमने का कई मौके मिले। घूमने के दौरान बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जिसकी सुंदरता ने मेरा मन मोह लिया। लेकिन एक जगह जो मुझे कभी पसंद नहीं आया वो था अल्मोड़ा। उत्तराखंड की यह पूर्ववर्ती सांस्कृतिक राजधानी मुझे लोगों की भीड़ की वजह से हमेशा गंदे शहर की तरह दिखती थी। लेकिन पिछली सर्दी के दौरान देवदार होमस्टे में अचानक ठहरने की वजह से इस शहर के बारे में मेरी जो एक धारणा बन चुकी थी वो एकदम से बदल गई।

एक छोटा-सा स्वर्ग जिसे देवदार होमस्टे कहते हैं!

सूर्यास्त की रौशनी से नहाया देवदार होमस्टे। श्रेय: सौमियाबी

Photo of Deodar homestay, Dugalkhola, Almora, Uttarakhand, India by Rupesh Kumar Jha

अल्मोड़ा स्थित देवदार होमस्टे एक पुराना और एकांत में बसी वो जगह जो हिमालय के 180 डिग्री व्यू देता है।

मेरी कैब जैसे ही घुमावदार सड़कों से होते हुए एक महल में गेट में प्रवेश किया वैसे ही मैं शानदार ऐतिहासिक धरोहर के सामने आ गया। देवदार होमस्टे जो कि लंबे देवदार के पेड़ों के बीच स्थित है, खूबसूरत लताओं से लिपटा हुआ यह होमस्टे बहुत ही मनोहर और अनोखा दिखता है।

होमस्टे के कर्मचारियों ने बड़ी गर्मजोशी के साथ मुझे इस होमस्टे के दूसरी तरफ स्थित आंगन में लेकर गए। आंगन में एक झूला और एक ग्लासहाउस है, जो सुबह की सर्दियों से राहत पाने के लिए बिल्कुल सही है। यहाँ बने एक छोटे से तालाब में कुछ बत्तखें भी खेल रहे थे।

मद्दम गाने और पक्षियों की चहल-पहल के बीच मैंने डूबते सूरज को देखते हुए एक कप गर्म चाय की चुस्की भी ली।

आँगन का भव्य नजारा। श्रेय: सौमियाबी

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सामने से कुछ ऐसा है। श्रेय: सौमियाबी

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धीरे-धीरे यह सांझ अंधेरी रात में बदल गई और ठंड भी तेज़ हो गई। ठंड बढ़ते ही मैं अपने कमरे में चला गया। इस होमस्टे की पहली झलक ने मुझे इम्प्रेस कर दिया। वैसे तो इसे होमस्टे कहा जाता है लेकिन ये किसी फाइव-स्टार बुटीक रिजॉर्ट से कम नहीं है।

इस होमस्टे का भीतरी भाग बड़े ही शानदार तरीके से सजाया गया है। इसके कोने-कोने में आधुनिक कला का बढ़िया उदाहरण देखने को मिलता है। इसके बड़े कमरे में एंटर करते ही मैं इसकी सुंदरता को निहारने लगा। इसकी ऊँची छत, लकड़ी के फर्श, भीतरी सजावट के साथ मेरा कमरा पुरानी दुनिया के आकर्षण और आधुनिकता का बेजोड़ संगम था। मेरे कमरे में एक चिमनी थी जिसे देखने के बाद मैं इंतज़ार नहीं कर सका  और मैंने यहाँ बैठकर में किताब पढ़ना शुरू कर दिया। मेरे कमरे से सटा बरामदा पहाड़ों का एक खूबसूरत नज़ारा पेश करता है।

लिविंग स्पेस जहाँ गेस्ट एक दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं। श्रेय: बुकिंगडॉटकॉम

Photo of 100 साल पुराने इस ब्रिटिश बंगलो ने पहाड़ों में ठहरने के अनुभव को और शानदार बना दिया! by Rupesh Kumar Jha

आरामदायक बेडरूम जो पूरी तरह सुसज्जित है! श्रेय: बुकिंगडॉटकॉम

Photo of 100 साल पुराने इस ब्रिटिश बंगलो ने पहाड़ों में ठहरने के अनुभव को और शानदार बना दिया! by Rupesh Kumar Jha

देवदार होमस्टे में एक कमरे का किराया ₹5000- ₹7000 रुपये के बीच है। इसमें नाश्ता भी शामिल है।

इसलिए पहुँचें देवदार होमस्टे

प्रकृति के बीच में आशियाना। श्रेय: सौमियाबी

Photo of 100 साल पुराने इस ब्रिटिश बंगलो ने पहाड़ों में ठहरने के अनुभव को और शानदार बना दिया! by Rupesh Kumar Jha

इस बच्चे के साथ मैं लिखने के काम में मशगूल रहा। श्रेय: सौमियाबी

Photo of 100 साल पुराने इस ब्रिटिश बंगलो ने पहाड़ों में ठहरने के अनुभव को और शानदार बना दिया! by Rupesh Kumar Jha

अप्रैल शुरू होने वाला है और बस गर्मी आते ही आप किसी पहाड़ी अंचल में भागने की तैयारी करेंगे। दिल्ली से अल्मोड़ा ट्रेन से सिर्फ एक रात की यात्रा है। एकांत में बसा यह शानदार देवदार होमस्टे यहाँ आने वाले अतिथियों के अनुभव को और भी ज्यादा खास बना देती है। पहले तो मैंने इस होमस्टे का दौरा अकेले ही किया था। लेकिन बाद में फिर अपने पूरे परिवार के साथ यहाँ पहुँचा और वो बस इसलिए क्योंकि मैं चाहता था कि वे लोग भी इस जादुई जगह का अनुभव कर सकें।

भोजन

यहाँ का खाना मेरे लिए आकर्षण का केंद्र था। यहाँ मैंने उनके किचन गार्डन को देखा जहाँ कई सारी सब्जियाँ उग रही थीं। जब मैं वहाँ गया था उस वक्त देवदार में प्रमुख रसोइया शेफ रजत ने मुझे बहुत ही स्वादिष्ट, ताजा पास्ता, सूप, बटर चिकन के साथ ही कुमाऊँनी खाने की लाजवाब थाली दी था। आप अगर इस होमस्टे की यात्रा करने की तैयारी कर रहे हैं तो खाने के लिए आपको बाहर जाने की कोई ज़रूरत नहीं है। क्योंकि अल्मोरा में सबसे बढ़िया खाना यहीं मिलता है।

होमस्टे के आसपास का नज़ारा

हिमालय के बदलते रंगों को निहारें

देवदार होमस्टे के आसपास का इलाका बहुत ही प्राचीन है इसलिए आप इस अनुभव के लिए यहाँ जा सकते हैं। बर्फ से ढ़के हिमालय और जादुई सूर्यास्त के साथ पहाड़ों में शाम बिताने का बहुत ही बढ़िया तरीका है।

एक दिन के लिए कसारदेवी हो आएँ

अल्मोरा से 18 कि.मी. लोमीटर की दूरी पर स्थित कसारदेवी एक पूर्ववर्ती शहर है। इसे एक छिपा हुआ रत्न भी कहते हैं जिसके बारे में बहुत सारे लोगों को जानकारी नहीं है। ऊँचाई पर स्थित यह शहर सर्दियों के मौसम में हिमालय का हैरान कर देने वाले नज़ारे पेश करता है। इस शहर को जादुई शक्तियों के लिए भी जाना जाता है। एक दिन के लिए आप कसारदेवी की यात्रा कर सकते हैं।

अल्मोड़ा मार्केट की ओर निकल पड़ें

कुमाऊंनी जीवन के बारे में जानने के लिए इस पुराने अल्मोड़ा मार्केट को ज़रूर घूमें। इस दौरान आप यहाँ की प्रसिद्ध चॉकलेट, मिठाई, स्वादिष्ट बेल मिठाई को ट्राई करना मत भूलें।

कैसे पहुँचे?

रेल द्वारा: अल्मोड़ा तक जाने के लिए सबसे आम साधन ट्रेन है। इसका सबसे निकटतम स्टेशन काठगोदाम जो करीब 2 घंटे की दूरी पर स्थित है। स्टेशन पहुँचने के बाद आपको अल्मोड़ा के लिए आसानी से किराए पर टैक्सी मिल जाएगी।

फ्लाइट द्वारा: इसका निकटतम एयरपोर्ट 113 कि.मी. दूर स्थित पंतनगर में हैं। जहाँ पहुँचने में 3.5 घंटा समय लगता है। वहाँ से अल्मोड़ा के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं।

सड़क द्वारा: सड़क मार्ग से दिल्ली-अल्मोड़ा करीब 8 घंटे का रास्ता है। सड़क से आप दिल्ली-हापुड़-गजरौला-मुरादाबाद-रामपुर-बाजपुर-भवाली-अल्मोरा रूट को फॉलो कर सकते हैं।

देवदार होमस्टे मेरा पर्सनल फेवरेट बन गया है। दिल्ली में जब भी थकान महसूस करता हूँ तो मूड को ताज़ा करने के लिए मैं यहाँ पहुँच जाता हूँ। एक बार आप भी इस होमस्टे में ठहरें, मेरी मानिए, आपको भी ये उतना ही पसंद आएगा जितना मुझे आया है।

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