पूर्वोत्तर भारत के 10 पारंपरिक पेय, जिनका स्वाद आपको ज़रूर लेना चाहिए

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Photo of पूर्वोत्तर भारत के 10 पारंपरिक पेय, जिनका स्वाद आपको ज़रूर लेना चाहिए by Rishabh Dev

पूर्वोत्तर भारत प्रकृति, स्वादिष्ट व्यंजनों और शानदार पेय से भरपूर है। लाखों लोगों को सुबह अपनी सुगंध और स्वाद से जगाने वाली असम की चाय से होती है। असम की चाय के अलावा भी पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों के कई अन्य पेय हैं, जिनके बारे में कम लोगों को पता है। पूर्वोत्तर भारत के इन पेय के बारे में आपको ज़रूर पता होना चाहिए जिससे अगली यात्रा में आप इन पेय का स्वाद ले सकें। अगर आप पूर्वोत्तर भारत की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो असम की चाय के अलावा इन 10 पेय के बारे में अच्छी तरह से हमसे जान लीजिए।

पूर्वोत्तर भारत के 10 पेय:

1. अपोंग, अरुणाचल प्रदेश

फ़ोटो स्रोत: नोमेडित शूज।

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अपोंग या अपो पके हुए चावल से बनी चावल की बीयर है, जो एक पारंपरिक मादक पेय है। यह पूर्वोत्तर भारत में अहोम, मिशिंग और आदि सहित विभिन्न जनजातियों के बीच काफी लोकप्रिय है। अपोंग को अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय लोग भी बहुत पसंद करते हैं। इसे आमतौर पर बांस के बंबू में परोसा जाता है और इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। आप अरुणाचाल जाएँ तो अपोंग का स्वाद एक बार ज़रूर लें।

2. छांग, सिक्किम

फ़ोटो क्रेडिट: आउटलुक इंडिया।

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जौ या बाजरा से बना, छांग एक शानदार पदार्थ है जिसे आमतौर पर सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में लिया जाता है। गर्म या ठंडा दोनों तरह से परोसे जाने वाले छांग का स्वाद अनोखा है। इस पेय पदार्थ का स्वाद आपको ज़रूर पसंद आएगा।

3. सेखमई यू, मणिपुर

फ़ोटो क्रेडिट: लाइफ़स्टाइल एशिया डॉट कॉम।

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यदि आप किसी देसी पेय पदार्थ का स्वाद लेना चाहते हैं तो आपको मणिपुर जाना चाहिए। सेखमई यू मणिपुर की एक स्वदेशी चावल बियर है और यह राज्य के मैती समुदाय की विशेषता है। इंफाल के एक स्थानीय मणिपुरी गांव के नाम पर रखे गए इस पेय में दो प्रमुख सामग्रियां हैं। इसे 'हमेई' नामक चपटी, सूखी डिस्क से बनाया जाता है जो 'यांगली' के नाम से जानी जाने वाली कटी हुई और पाउडर वाली जंगली लता से बनाई जाती है और दूसरा पदार्थ चावल है। इन दोनों पदार्थों को मिलाकर सेखमई यू बनाई जाती है।

4. क्वाई, मेघालय

क्वाई पूर्वोत्तर भारत के मेघालय में काफ़ी लोकप्रिय है। मेघालय में खासी समुदाय के बीच लोकप्रिय पेय 'क्वाई' सुपारी से बनाया जाता है। यह अपने उत्तेजक और पाचन गुणों के लिए जाना जाता है। मेघालय में अक्सर भोजन के बाद सभाओं के दौरान इसका सेवन किया जाता है। यह सामाजिक भाव-भंगिमा का भी एक संकेत है। मेघालय की यात्रा के दौरान आप इसका स्वाद ले सकते हैं।

5. ज़ुथो, नागालैंड

फ़ोटो क्रेडिट: लाइफ़स्टाइल एशिया।

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पूर्वोत्तर भारत का एक और पेय पदार्थ जो चावल से बनता है, उसे जुथो के नाम से जाना जाता है। जूथो नागालैंड की एक पारंपरिक चावल बियर है। जूथो को रात भर चावल को भिगोने के बाद हल्का पकाते हैं और उसके बाद चावल को उबाला जाता है जिससे स्वाद थोड़ा खट्टा हो जाता है। जुथो नागा संस्कृति और त्योहारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

6. मक्खन और नमक वाली चाय, अरुणाचल प्रदेश

फ़ोटो क्रेडिट: योवांग्डु.कॉम।

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क्या आपने कभी नमक और मक्खन वाली चाय का स्वाद लिया है? ऐसी अनोखी चाय आपको अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मिल जाएगी। चाय पीने का ये भी एक अनोखा तरीक़ा है। अरुणाचल प्रदेश की इस चाय को नमक और मक्खन से मिलाकर बनाया जाता है जो नमकीन और तीखा स्वाद देती है। ठंडे पहाड़ी क्षेत्रों में ये नमकीन वाली चाय गर्मी और ऊर्जा प्रदान करती है। अरुणाचाल घूमते हुए आप इस चाय की खोज में भटक सकते हैं।

7. फाब, त्रिपुरा

फाब त्रिपुरा का एक ताज़ा पारंपरिक पेय है। पूर्वोत्तर में पसंद किया जाने वाले फाब को चावल को दही के साथ पकाकर बनाया जाता है। यह पेय अक्सर सुगंधित जड़ी-बूटियों और अदरक जैसे मसालों के साथ सुगंधित होता है। इसमें दही पेय के समान तीखा स्वाद होता है। आपको इस पेय पदार्थ का स्वाद लेकर अच्छा लगेगा।

8. किआड उम, मेघालय

फ़ोटो क्रेडिट: लाइफ़स्टाइल एशिया.कॉम।

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किआड उम मेघालय का एक शानदार पेय है। किआड उम को एक औषधीय पौधे से बनाया जाता है जिसे 'खो-सो' नाम से जाने जाने वाले चिपचिपे लाल चावल के साथ खाया जाता है। मेघालय के जैंतिया हिल्स जिले की 'पनार' जनजाति द्वारा इस पेय को अधिक मात्रा में लिया जाता है। किआड उम उनके मुख्य आहार का एक हिस्सा है जिसका स्वाद तीखा होता है। ये पेय सभी धार्मिक समारोहों में एक बेहद आवश्यक माना जाता है। किआड उम पेय को बांस के गिलास में परोसा जाता है और नीचे चारकोल का एक टुकड़ा रखा जाता है।

9. ज़ू, मिज़ोरम

पूर्वोत्तर भारत में चावल लोगों की रोज़ ज़िंदगी का हिस्सा है इसलिए आपको ज़्यादातर पेय में चावल मिल ही जाएगा। मिज़ोरम के ज़ू को भी चावल के साथ बनाया जाता है। ज़ू को उबले हुए ग्लूटिनस चावल को एक विशेष प्रकार के खमीर 'ज़वलैदी' के साथ पका करके बनाया जाता है। चावल, पानी और खमीर को पारंपरिक रूप से जड़ी-बूटियों और पत्तियों के मिश्रण के साथ मिलाया जाता है। फिर इस मिश्रण को कई दिनों तक पकाने के लिए छोड़ दिया जाता है। जिसके बाद चावल की शराब बनती है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा और खट्टा होता है।

10. ज़ाज पानी, असम

गोया.इन।

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ज़ाज पानी एक किण्वित चावल आधारित मादक पेय है जो असम में अहोम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। ज़ाज पानी असम का एक पारंपरिक पेय है। इसे नींबू और जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है, जिसे आमतौर पर ठंडा पसंद किया जाता है। असम की चाय के अलावा आप ज़ाज पानी पेय का भी स्वाद ले सकते हैं।

तो अगली बार जब आप पूर्वोत्तर भारत की यात्रा करेंगे तो आप इन पारंपरिक पेय का स्वाद ज़रूर लें। इनमें से ज्यादातर भले ही चावल से बनाए जाते हैं लेकिन उनका अपना अनूठा स्वाद होता है जो विभिन्न परंपराओं, राज्य और इसे तैयार करने के तरीके से उत्पन्न होता है। यदि आपने पहले इनमें से किसी पारंपरिक पेय का स्वाद लिया है तो हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएँ।

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