लद्दाख भारत की उन लोकप्रिय जगहों में से है जिसको देखने हर साल लाखों लोग आते हैं। इनमें कुछ भारतीय टूरिस्ट होते हैं तो कुछ लोग विदेश से भी आए हुए रहते हैं। लद्दाख की प्राकृतिक छटा देखने में जितनी खूबसूरत लगती है ये जगह असल उतनी ही खतरनाक भी है। ज़रा सी लापरवाही आपको भरी पड़ सकती है। क्योंकि लद्दाख इतनी ऊँचाई पर स्थित है इसलिए यहाँ होने वाली परेशानियों को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है। आपकी लद्दाख यात्रा सफल और सुरक्षित तरीके से बीते इसलिए हमने आपके लिए 10 ऐसी चीजों की सूची तैयार की है जिनपर आपको खास ध्यान देना चाहिए।
1. अनुभवी ड्राइवर की मदद
यदि आप लद्दाख की रोड ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो आपके साथ एक अनुभवी ड्राइवर का होना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। लद्दाख देखने और घूमने में जितना आकर्षक लगता है यहाँ की सड़कें उतनी ही खतरनाक साबित है सकती हैं। पहाड़ों पर किसी का बस नहीं होता है इस बात से सभी वाकिफ हैं। लद्दाख के बदलते लैंडस्केप के साथ-साथ इन पथरीली सड़कों पर भी हमेशा खतरा बना रहता है। लद्दाख की सड़कों पर गाड़ी चलाने के लिए आपको हर सेकंड एकदम चौकन्ना रहने की जरूरत होती है। यदि आपको लगता है आप थक गए हैं तो बिना ज़्यादा सोचे तुरंत अपने साथी को ड्राइव करने के लिए दे देना चाहिए।
2. फर्स्ट एड किट रखें साथ
लद्दाख भारत के सबसे ज्यादा देखी जानी वाली जगहों में से है। लेकिन इस बात के भी कोई दोराय नहीं है कि लद्दाख में आपको किसी अन्य शहर जैसे सुख सुविधाएँ और चीजें नहीं मिलेंगी। यहाँ आपको कम चीजों के साथ काम चलाना पड़ता है। ऐसे में यदि आप लद्दाख घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो कुछ चीजें हैं जो आपको अपने साथ जरूर रख लेनी चाहिए। इनमें सबसे आवश्यक है एक फर्स्ट ऐड किट का होना। आपके पास हर समय कुछ जरूरी दवाइयों का एक डिब्बा होना चाहिए। पहाड़ों में अक्सर लोगों को एक्यूट माउंटेन सिंड्रोम यानी एमस होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि हमें इतनी ऊँचाई पर जाने की आदत नहीं है इसकी वजह से एमस की संभावना और भी बढ़ जाती है। इसलिए अपने साथ कुछ जरूरी दवाइयाँ जरूर रखी चाहिए।
3. टॉयलेट पेपर है जरूरी
पहाड़ों में अक्सर आपको ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जब आपको साफ और स्वच्छ शौचालय इस्तेमाल करने का दूर-दूर तक कोई ऑप्शन नहीं मिलता है। ऐसे में ना चाहते हुए भी आपको सार्वजनिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे में आपको इन्फेक्शन होने का खतरा भी हो सकता है। आपको अपना ज्यादा से ज्यादा बचाव करने के लिए साथ में टॉयलेट पेपर और सैनिटाइजर जरूर रखना चाहिए।
4. गूगल मैप्स से बचें
शहरों में हम अक्सर रास्ते ढूंढ़ने के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर मामलों में हम दूरी और उस जगह पर पहुँचने के लिए लगने वाले समय के बारे में जानने के लिए मैप्स का इस्तेमाल करते हैं। मैप्स आपको उतनी दूरी तय करने के लिए एकदम सटीक समय बता देता है। लेकिन जब आप पहाड़ों में हों और खासतौर से लद्दाख जैसी जगह पर हों तब आपको गूगल मैप्स की सहायता कम से कम लेनी चाहिए। ऐसा मुमकिन है जिस दूरी को तय करने में मैप्स के मुताबिक आपको महज़ 2 से 3 घंटों का समय लगना चाहिए, उसी दूरी के लिए आपको असल में 12 से 13 घंटों का समय लग सकता है। ऐसा नहीं है कि मैप्स गलत जानकारी देते हैं लेकिन मैप्स में सड़क के हालत और पथरीले रास्तों में लगने वाले समय को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया जाता है। इसलिए लद्दाख में हमेशा मैप्स के भरोसा रहना आपको भारी पड़ सकता है।
5. ब्रेक जरूर लें
लद्दाख में ड्राइव करते समय केवल सुरक्षा ही एक ऐसी चीज नहीं है जिसपर आपको ध्यान देना होता है। लेकिन तुरंत बढ़ती ऊँचाई के कारण भी आपको जगह जगह पर रुकने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। लद्दाख बेहद ऊँचाई पर स्थित है। जिसकी वजह से ड्राइव करते समय आपके ऊपर स्ट्रेस पड़ना ज़ाहिर सी बात है। ड्राइविंग की वजह से होने वाले इस स्ट्रेस पर जब एमस का खतरा भी मंडराने लगता है तब वो परिस्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। इसलिए जब भी आप किसी हिल स्टेशन या अधिक ऊँचाई वाली जगह पर जाएँ, कभी भी एक झटके में उस जगह तक पहुँचने की कोशिश ना करें। रास्ते में जरूरत पड़ने पर थोड़ा आराम करें और फिर अपनी मंज़िल का सफर तय करें।
6. इंटरनेट पर निर्भरता से बचें
लद्दाख में नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्शन को लेकर काफी दिक्कतें हैं। लेह में केवल एयरटेल काम करता है जबकि ज्यादातर जगहों पर बीएसएनएल का अच्छा नेटवर्क मिल जाता है। यदि आप लद्दाख में काम चलाऊ लेकिन अच्छा नेटवर्क चाहते हैं तो उसका सबसे बढ़िया तरीका है पोस्टपेड सिम कार्ड ले लीजिए। नुब्रा घाटी, लेह और पैंगोंग झील के आसपास आपको बीएसएनएल का नेटवर्क जरूर मिलेगा लेकिन किसी भी मामले में इंटरनेट पर निर्भर होने से बचना चाहिए। आप चाहें तो अपने फोन में ऑफलाइन मैप्स डाउनलोड कर सकते हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि लद्दाख के ज्यादातर होटलों और कैफे में मेहमानों को फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसके इस्तेमाल आप अपने जरूरी काम कर सकते हैं।
7. कागजी कार्यवाही
लद्दाख भारत के पड़ोसी देशों के बेहद नजदीक स्थित है। जिसकी कारण शुरू से लद्दाख में सुरक्षा का मुद्दा अहम रहा है। लद्दाख में सुरक्षाबलों की बड़ी टोली मौजूद रहती है जो यहाँ की देख-रेख करने में सक्षम हैं। इन्हीं सब कारणों की वजह से लद्दाख घूमने आने के लिए आपको कुछ एक्स्ट्रा कागजों की जरूरत होती है। विदेशी पर्यटकों को भारतीय वीजा के साथ-साथ लद्दाख में दाखिल होने के लिए एक खास परमिट की जरूरत होती है। इसके अलावा यदि आप गाड़ी रेंट पर लेकर लद्दाख आने का प्लान बना रहे हैं तब आपके पास गाड़ी के सभी कागज होने चाहिए। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि नुब्रा घाटी, त्सो मोरिरी और पैंगोंग झील में साल 2015 के बाद से रेंट की गई गाड़ियों के आने पर रोक लगा दी गई है। यदि आपके पास अपनी गाड़ी नहीं है तो आप लद्दाख की स्थानीय टैक्सी लेकर इन जगहों पर आ सकते हैं।
8. जीपीएस पर कम भरोसा
हम अक्सर रास्ते खोजने के लिए जीपीएस नेविगेशन का इस्तेमाल करते हैं। अन्य देशों में ये तकनीक कारगर साबित हो सकती है लेकिन भारत में रास्ता ढूढ़ने के लिए सबसे बढ़िया तरीका यहाँ के लोग ही हैं। यकीनन जीपीएस आपको सबसे छोटा रास्ता तो दिखा देगा लेकिन वो रास्ता किस स्थिति में है इसका कोई प्रमाण नहीं है। लद्दाख जैसी जगह, जहाँ खतरनाक रास्तों की कोई कमी नहीं है, पर आँख बंद करके जीपीएस को फॉलो करना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए लद्दाख जाने से पहले वेबसाइट्स की मदद से सही रास्तों के बारे में अच्छे से पढ़ें और जितना हो सके हमेशा हाईवे पर रहने की कोशिश करनी चाहिए।
9. शराब पीने से बचें
लद्दाख में शराब पीने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है लेकिन सलाह यही है कि यहाँ आपको ड्रिंक करने से बचना चाहिए। शराब पीने से आपके शरीर में पानी की कमी होने लगती है जो पहाड़ों में खतरनाक साबित हो सकती है। पानी की कमी होने पर एमस का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है जो आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि ऊँचाई वाली जगहों पर अक्सर शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए कुछ मात्रा में शराब पीना फायदेमंद होता है। लेकिन अति करने पर आपका ये कदम आपको भारी पड़ सकता है।
10. साफ सफाई बनाएँ रखें
पहाड़ों में जाना कितना खूबसूरत एहसास होता है इससे सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेकिन बढ़ते पर्यटन की वजह से इन्हीं पहाड़ों में गंदगी का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। यदि आप लद्दाख जाने का प्लान बना रहे हैं तो कम से कम प्लास्टिक चीजों का इस्तेमाल करें। प्लास्टिक बोतल और पन्नियों में बंद चिप्स, चॉकलेट का उपयोग भी कम से कम करें। यदि आप इन चीजों का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो कचड़ा इधर उधर फेंकने के बजाय डस्टबिन में डालें। डस्टबिन ना मिलने पर भी कचड़ा आपको अपने साथ रखना चाहिए।
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