दुनिया का सबसे बड़ा देश कौन-सा है? इस सवाल का जवाब हममें से ज्यादातर लोगों की जुबान पर होगा। लेकिन अगर इस सवाल को घुमाकर यह पूछ लिया जाए कि दुनिया के सबसे छोटे देश का नाम क्या है? तब शायद आप सोचने लग जायेंगे। और देर तक सोचने के बावजूद सही जवाब न दे पाएं। क्योंकि सबसे बड़े देश का नाम आते ही हमारे दिमाग में भारत, चीन, रूस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के नाम घूमने लगते हैं। लेकिन बात जब दुनिया के सबसे छोटे देशों की चले तो हमारा दिमाग चलना बंद हो जाता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश है, जो भारत के किसी छोटे शहर से भी छोटे हैं।
तो चलिए जानते हैं ऐसे ही दुनिया के 10 सबसे छोटे देशों के बारे में:
1) वैटिकन सिटी
दुनिया के सबसे छोटे आधिकारिक देश का नाम वैटिकन सिटी है। मात्र 0.49 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला यह देश यूरोपीय महाद्वीप में स्थित है। अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त इस देश की जनसंख्या 2019 में लगभग 1000 के करीब थी। जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों जी दृष्टि से दुनिया का यह सबसे छोटा देश दुनियाभर में ईसाई समुदाय के प्रसिद्ध रोमन कैथोलिक चर्च के लिए पहचाना जाता है। ईसाई समुदाय के धर्म गुरु पोप का इस देश से संबंध होने के चलते भी यह देश अक्सर सुर्ख़ियों में रहता है। इस देश के पास अपने सिक्के, अपना डाक विभाग और अपना रेडियो स्टेशन भी है।
2) मोनैको
फ्रांस और इटली इन दो यूरोपीय देशों के मध्य स्थित मोनैको दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है। लगभग 2.02 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस देश की आबादी करीब 40 हजार है। समुद्र किनारे बसें इस देश का प्रमुख बाजार मॉन्टे कार्लो है। इस देश के ज्यादातर लोगों द्वारा फ़्रांसिसी बोली जाती है। फ़्रांसिसी भाषा इस देश की मुख्य भाषा भी है। अब क्योंकि यह देश समुद्र किनारे स्थित है इसलिए इसकी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है। यही कारण है कि इस देश में दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा प्रति व्यक्ति करोड़पति हैं। यह देश पर्यटन के लिहाज से भी लोगो के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
3) नौरु
तो दुनिया के सबसे छोटे देशों की लिस्ट में तीसरा नाम है नौरू का। इस देश की जनसंख्या और क्षेत्रफल बताने से पहले यह जान लें कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसकी कोई राजधानी नहीं है। दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित करीब 20.98 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस देश में 13 हजार लोग रहते हैं। आपके ज्ञानवर्धन के लिए यहां यह बात बतातें चले कि यह देश दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र गणतांत्रिक देश है। और हां, नौरू के पास अपना एक हवाई अड्डा तो है लेकिन सुरक्षा के लिए इस देश की पास अपनी कोई सेना नहीं है।
4) तुवालु
दुनिया के तीसरे सबसे छोटे देश नौरू की ही तरह दुनिया का चौथा सबसे छोटा देश तुवालु भी प्रशांत महासागर में ही स्थित है। तुवालु का शाब्दिक अर्थ होता है प्रशांत महासागर का खूबसूरत द्वीपसमूह। यह देश काफी समय तक ब्रिटेन सरकार के अधीन में था। लेकिन साल 1978 में ब्रिटेन से आजाद होते ही यह दुनिया का चौथा सबसे छोटा देश बन गया। इसका क्षेत्रफल 25.9 वर्ग किलोमीटर का है और इस देश की आबादी लगभग 12 हजार है। क्षेत्रफल की दृष्टी से तो यह देश दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है लेकिन बात जब जनसंख्या की आती है तब इस देश का नाम दुनिया के तीसरे सबसे छोटे देश में गिना जाता है। इससे कम जनसख्या वाले देशों में केवल वेटिकन और नौरू ही आते हैं।
5) सैन मैरिनो
विश्व का पांचवा सबसे छोटा देश सैन मैरिनो यूरोप का सबसे पुराना गणराज्य माना जाता है। इस देश की खोज साल 301 में की गई थी। 61.2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस देश की आबादी करीब 34 हजार है। इस देश में ज्यादातर लोगों द्वारा इटालियन भाषा बोली जाती है। सैन मैरिनो देश की राजधानी - "सैन मैरिनो शहर" माउंट टेटनो के शीर्ष पर स्थित है। सैन मैरिनो का झंडा आधिकारिक तौर पर 6 अप्रैल, 1862 को अपनाया गया था। ध्वज पर नीला रंग आसमान का प्रतिनिधित्व करता है और सफेद माउंट टेटनो की बर्फ को कवर करने का प्रतिनिधित्व करता है। आपको यह जानकर आश्यर्च होगा कि सैन मैरिनो में कोई विश्वविद्यालय या कॉलेज नहीं है। उच्च शिक्षा हासिल करने यहां के छात्रों को आमतौर पर पड़ोसी देश इटली के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेना पड़ता है।
6) लिक्टनस्टीन
पश्चिमी यूरोप में स्थित यह देश दुनिया का 6वां सबसे छोटा देश माना जाता है। करीब 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस देश की जनसंख्या लगभग 39 हजार के आस पास है। लिक्टनस्टीन देश की सीमाएं स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया से मिलती हैं। लिक्टन्सटीन देश के ज्यादातर नागरिक बातचीत के लिए जर्मन भाषा का इस्तेमाल करते है और इस भाषा को यहां की आधिकारिक भाषा होने का दर्जा भी प्राप्त है। वादुज इस देश की राजधानी है और सचान इस देश का सबसे बड़ा और प्रमुख शहर है। इस देश की सबसे खास बात यह है कि यहां के लोग कर देने के मामले में बहुत ज्यादा ईमानदार है। लोगो की यही ईमानदारी इस देश के वित्तीय रूप से बेहद मजबूत होने का एक प्रमुख कारण है।
7) मार्शल आइलैंड
आधिकारिक रूप में मार्शल आइलैंड गणराज्य (RMI), प्रशांत महासागर के मध्य एक माइक्रोनेशियाई राष्ट्र है। अटलांटिक महासागर में स्थित यह देश विश्व का सातवां सबसे छोटा देश है। इस देश के संबंध में रोचक तथ्य यह है कि इस देश की आर्थिक और बाहरी सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका के पास है। यानि अगर कोई देश मार्शल आइलैंड पर हमला करता है तब उस पर किए गए हमले को अमेरिका पर किया हमला समझा जाएगा। और अमेरिका उस देश पर पलटकर जवाबी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। 181 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल और लगभग 60 हजार जनसंख्या वाले इस देश की राजधानी का नाम मजूरो है। दुनिया का यह 7वां सबसे छोटा देश दुनिया के तीसरे सबसे छोटे देश नौरू का पड़ोसी है।
8) सेंट किट्स और नेविस
दुनिया के आठवें सबसे छोटे देश की जनसंख्या करीब 53 हजार है और इसका दायरा 269.4 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस देश के बारे में यह कहा जाता है कि यहां यूरोपियन सबसे पहले आकर बसे थे। अंग्रेजी इस देश की आधिकारिक भाषा है और यह सेंट किट्स एवम नेविस देश के सार्वधिक लोगों द्वारा बोली भी जाती है। पूर्वी कैरिबियन सागर पर बसा यह देश पहले फ़्रांस और अंग्रेजी हुकूमत का गढ़ हुआ करता था। 19 सितंबर 1983 को यूनाइटेड किंगडम से इसे आजादी मिली। क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से यह दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अमेरिका का सबसे छोटा संप्रभु राष्ट्र है। देश की राजधानी और सरकार का मुख्यालय सबसे बड़े द्वीप सेट किट्स पर स्थित बेसेत्री है।
9) मालदीव
दुनिया के अब तक के आठ सबसे छोटे देशों के नाम से आप भले परिचित नहीं हो लेकिन दुनिया का नौंवा सबसे छोटा देश मालदीव आपको जरूर सुना-पढ़ा मालूम पड़ेगा। भारत के लक्ष्मीद्वीप का यह पड़ोसी देश जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टी से एशिया के सबसे छोटे देश में गिना जाता है। करीब 5 लाख आबादी वाले इस देश का क्षेत्रफल 297.8 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह देश भले बेहद छोटा हो लेकिन बात जब पर्यटन की आती है तो इसका नाम दुनिया के शीर्ष जगहों में शुमार होता है। इसकी खूबसूरती के चलते, लोग इसे हिंद महासागर का मोती भी कहते है। माले दुनिया के इस छोटे मगर बेहद खूबसूरत देश की राजधनी है।
10) माल्टा
दुनिया के सबसे छोटे देशों की सूची का आखिरी देश यानि दुनिया का दसवां सबसे छोटा है माल्टा। 316 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के दायरे में सिमटे इस देश की जनसंख्या करीब 5 लाख के आसपास है। दुनिया के 10 वे सबसे छोटे देशों में शुमार माल्टा यूरोपीय महादीप का एक विकसित देश माना जाता है। इस देश की राजधानी वलेत्ता है और यहां की मुख्य भाषा माल्टाई है। माल्टाई के अलावा अंग्रेजी का इस्तेमाल भी यहां के लोगो द्वारा किया जाता है। यूरोपीय महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है माल्टा ट्यूनीशिया और इटली के निकट स्थित है।
- रोशन सास्तिक