भारत वर्ष अपनी प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत के लिए सम्पूर्ण विश्व में जाना जाता है। समय के साथ भारत ने आधुनिकीकरण और वैज्ञानिक सोच के विमर्श में भी अपनी अलग जगह बनाई है। किन्तु भारत की एक पहचान अचरज और रहस्यों से भरे हुए देश की भी है। यहां ऐसे कई स्थान है जो आपको आश्चर्य में डाल देंगे, और आप हैरत से दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जायेंगे। आइए आज हम आपको 10 ऐसी जगहों के बारे में बताते है।
1. कालाडूंगर का चुम्बकीय क्षेत्र:
आपने लद्दाख के मैग्नेटिक हिल के बारे मे सुना होगा, लेकिन क्या आपने गुजरात के कालाडूंगर में स्थित इस अद्भुत स्थान के बारे में सुना है? यह इसलिए भी एक अचरज है, क्योंकि यह स्थान लद्दाख की तरह पहाड़ी और ऊंचाई वाला स्थान नहीं है। यह सामान्य सा दिखने वाला स्थान है, और इस जगह पर चुम्बकीय आकर्षण लद्दाख से अधिक है। अगर आप अपनी कार को न्यूट्रल पर कर दें तो वह अपने बढ़ने लगती है, बिना किसी ढलान के। और यह अनुभव बहुत तीव्र होता है जो एकदम जादुई जान पड़ता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र भुज से लगभग 95 किमी दूर दत्तात्रेय मंदिर वाले रास्ते पर पड़ता है। इस सामान्य सी दिखाई देने वाली जगह में इतना चुम्बकीय आकर्षण कहा से आया, इस पर वैज्ञानिक शोध कर रहे है।
2. आत्रि मुनि आश्रम :
यह स्थान उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ों के बीच स्थित है, यह स्थान न केवल प्राकितिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है, बल्कि अचरज भरा भी है। यहां एक अनोखा झरना है, जिसके पीछे से आप निकल सकते है, इस झरने तक पहुँचने के लिए आपको लोहे की जंजीर को पकड़कर ऊपर चढ़ना होता है, उसके बाद एक चट्टान के नीचे से लेटकर सरक सरक कर आप आगे बढ़ते है और फिर इस झरने के पीछे पहुंच सकते है। यह अद्भुत स्थान आपको रूद्रनाथ ट्रैक पर जाते हुए अहिल्या देवी मंदिर के पास मिलता है।
3. कुलधरा, एक रात में वीरान हुआ गांव:
कुलधरा राजस्थान के जैसलमेर से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। कहते है करीब 200 साल पहले इस गांव में पालीवाल ब्राह्मणों के परिवार रहा करते थे, फिर कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ, कि पूरा का पूरा गांव रातोंरात खाली हो गया। ये गांव अचानक से क्यूं खाली हुआ, यहां के लोग कहां चले गए, ये अभी तक रहस्य बना हुआ है। यहां की लोककथाओं में इस गांव के शापित होने की कई कहानियां प्रचलित है, जिनकी मैं पुष्टि नहीं कर सकता। लेकिन यहां का वातावरण कुछ अनहोनी की गवाही अवश्य देता है। मई 2013 मे दिल्ली से भूत प्रेत व आत्माओं पर रिसर्च करने वाली पेरानार्मल सोसायटी की टीम कुलधरा(Kuldhara) गांव में रात को रिसर्च करने आई थी। टीम ने माना कि यहां कुछ न कुछ असामान्य जरूर है। शाम के वक्त उनका ड्रोन कैमरा आसमान से गांव की तस्वीरें ले रहा था लेकिन उस बावड़ी के ऊपर आते ही वो कैमरा हवा में गोते लगाता हुआ जमीन पर आ गिरा।
4. मलाना, एक अजीबोगरीब गांव:
इस गांव की हर चीज आपको हैरान करती है। यहां के लोगो के अपने अलग नियम कानून है, और उनका पालन करने के लिए संसद भी है। यहां की संसद में दो सदन भी हैं, एक उच्च सदन और निम्न सदन। और तो और उनका खुद का प्रशासन भी है, जिनमें खुद के थानेदार है। लोगों की भाषा में भी कुछ ग्रीक शब्दों का इस्तेमाल होता है। इतिहास से जुड़े इनके पास कोई सबूत तो नहीं हैं, लेकिन इनके अनुसार जब सिकंदर भारत पर आक्रमण करने आया था, उस दौरान कुछ सैनिकों ने उसकी सेना छोड़ दी थी। इन्हीं सैनिकों ने मलाणा गांव बसाया, यहां तक कि यहां के लोगों का हाव-भाव और नैन-नक्श भी भारतीयों जैसे नहीं हैं। बोली से लेकर शाररिक बनावट तक ये लोग भारतीयों से एकदम अलग नजर आते हैं। रहस्य से भरे इस गांव में बाहरी लोगों के कुछ भी छूने पर पाबंदी है. इसके लिए इनकी ओर से बकायदा नोटिस भी लगाया गया है, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि किसी भी चीज को छूने पर एक हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। घूमने आए लोग दुकानों का सामान नहीं छू सकते, पर्यटकों को अगर कुछ खाने का सामान खरीदना होता है तो वह पैसे दुकान के बाहर रख देते हैं और दुकानदार भी सामान जमीन पर रख देता है।
5. माजुली, संसार का विशालतम नदी द्वीप:
आपने समुद्री द्वीपों के बारे तो बहुत सुना होगा, लेकिन क्या विशाल नदी द्वीप के बारे में सुना है। क्योकि हमारा भारत देश है ही इतना अनोखा, यहां सब संभव है। यह संसार का सबसे बड़ा नदी द्वीप असम की ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित है। नदी के मध्य में बसा हुआ यह द्वीप बहुत ही रोचक है। माजुली तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता है फेरी, जो पीढ़ियों से इस द्वीप को बाहरी दुनिया से जोड़े हुए है। लोगों का भी यही कहना है कि जहां तक उन्हें याद है वे इस फेरी के अलावा अन्य किसी भी मार्ग के बारे में नहीं जानते। यहां पहुंचने के लिए जोरहट से फेरी मिल जाती है।
6. लुंगवा गांव, देश की सीमा जिसके बीच से गुजरती है:
यह स्थान भारत और म्यांमार(बर्मा) की अंतरर्राष्ट्रीय सीमा के दोनों तरफ स्थित है। लुंगवा(Lungwa), नागालैंड के मोन जिले में यह भारत का अंतिम गांव है। नागा जनजाति के प्रमुख उपवर्ग में से एक है कोयांक( Konyak), इस जनजाति समुह के भारत और म्यांमार दोनों देशों में लगभग 16 गांव है। जिसमें से लगभग 6 गांव भारत में और 10 गांव म्यांमार में है। यह जनजाति अपने शिकार के खतरनाक तरीको के लिए जानी जाती हैं, अंग्रेजी दास्तावेजों में इस जनजाति को" हेडहंटर्स" बोला जाता था। क्योंकि ये अपने शत्रु का सर काट कर अपने घरों की दीवारों पर सजाया करते हैं, दरअसल आपस की जनजातियों में अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने के एक पारस्परिक संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। कोयांक अपने खतरनाक और शत्रु के मन में भय पैदा करने वाले तरीकों के कारण खुद को श्रेष्ठ साबित करते रहे हैं। किन्तु भारत सरकार से समझौते के साथ इस परंपरा का सार्वजनिक रुप से प्रदर्शित करना गैर कानूनी है। गांव के कुछ युवकों से बात करने से पता लगा, ईसाई धर्म के अनुसरण और अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार के बाद इस इलाके में लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। अब केवल पूरे इलाके में सिर्फ कुछ गिनती के २० हेडहंटर्स बचे हैं, और वो अपनी पीढ़ी के आखिरी है। अगर आप शाकाहारी हैं, तो इस स्थान की यात्रा आपको थोड़ा सा परेशान कर सकती हैं, क्योंकि चावल और अनन्नास (Pineapple) के अलावा कुछ भी शाकाहारी नहीं मिलेगा। और मांसाहार के अनोखे प्रचलन है जैसे मांस में खट्टा स्वाद लाने के लिए यहां के लोग कुछ जंगली लाल चींटियों को पीसकर चटनी बनाते हैं, और उसे मांस पकाते हुए उसमें मिला देते हैं। इसके अलावा बिल्ली और कुत्ते के मांस खाने की परंपरा है, कुछ युवकों ने सांप खाने की बात भी स्वीकार की है। किन्तु महिलाओं का समाज में पुरुषों से ऊंचा स्थान है, मुख्यत: एक महिला प्रधान समाज है।
7. केदारनाथ, पवित्र और रहस्यमयी:
केदारनाथ एक पवित्र तीर्थ स्थल है, किन्तु 2013 की खतरनाक त्रासदी के बाद यह एक रहस्यमयी जगह भी बन गई है। दरअसल केदारनाथ मंदिर का इतनी ऊंचाई और दुर्गम स्थान हजारों वर्ष पहले स्थापित होना किसी रहस्य से कम नहीं है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात 2013 की दुर्घटना में हुई, इतनी भयानक त्रासदी ने केदारनाथ के आसपास की हर एक जगह को नेस्तनाबूद कर दिया था। एक की मानव-निर्मित वस्तु वहां नहीं बची थी, किन्तु इस विशाल मंदिर के एक भी भाग को जरा सी क्षति नहीं पहुंची। एक विशाल पत्थर मंदिर के पीछे टिका रहा और पानी के बहाव को बांट दिया। तब से यह मंदिर वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का बिषय बना हुआ है।
8. मेघालय के जीवित पुल:
इस प्रकार के अद्भुत प्राकृतिक पुल, संसार में प्रकृति प्रेम के विशिष्ट उदाहरण है। इन पुलों में बिना वृक्षों को काटे या हानि पहुंचाये कलात्मक रूप आकर्षक सेतु का रूप दिया गया है। खासी जनजाति और जैन्तिया जनजाति ने जीवित जड़ों को एक पुल की संरचना में ढालने की कला का विकास किया है। इस प्रकार के पुल मेघालय मे कई जगह देखने को मिलते है। ये एक तल वाले या दो तल वाले दोनो रूपों में पाये जाते है।
9. कामाख्या देवी मंदिर, तांत्रिकों का गढ़:
भारत में बहुत से मंदिर रहस्यमयी कहानियों से भरे पड़े है। असम का कामाख्या देवी मंदिर ऐसी अनोखी घटनाओं से भरा पड़ा है। कामाख्या देवी का मंदिर अघोरियों और तांत्रिकों का गढ़ माना जाता है। असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत से 10 किलोमीटर दूर है। कामाख्या मंदिर सभी शक्तिपीठों का महापीठ माना जाता है। इस मंदिर में देवी दुर्गा या मां अम्बे की कोई मूर्ति या चित्र आपको दिखाई नहीं देगा। वल्कि मंदिर में एक कुंड बना है जो की हमेशा फूलों से ढ़का रहता है। इस कुंड से हमेशा ही जल निकलता रहतै है। चमत्कारों से भरे इस मंदिर में देवी की योनि की पूजा की जाती है और योनी भाग के यहां होने से माता यहां रजस्वला भी होती हैं। हर साल यहां अम्बुबाची मेला के दौरान पास में स्थित ब्रह्मपुत्र का पानी तीन दिन के लिए लाल हो जाता है। पानी का यह लाल रंग कामाख्या देवी के मासिक धर्म के कारण होता है। फिर तीन दिन बाद दर्शन के लिए यहां भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ पड़ती है। आपको बता दें की मंदिर में भक्तों को बहुत ही अजीबो गरीब प्रसाद दिया जाता है। दूसरे मंदिरों से अलग, कामाख्या देवी मंदिर में प्रसाद के रूप में लाल रंग का गीला कपड़ा दिया जाता है। कहा जाता है कि जब मां को तीन दिन का रजस्वला होता है, तो सफेद रंग का कपडा मंदिर के अंदर बिछा दिया जाता है। तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं, तब वह वस्त्र माता के रज से लाल रंग से भीगा होता है। इस कपड़ें को अम्बुवाची वस्त्र कहते है। इसे ही भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
10. बुलेट मोटरसाइकिल का अनोखा मंदिर:
राजस्थान के पाली जिले में एक बड़ा ही अनोखा मंदिर है, इस मंदिर में किसी देवता की नहीं बल्कि एक बुलेट 350 cc मोटरसाइकिल की पूजा होती है। स्थानीय लोग बताते है, यह मोटरसाइकिल ओम बन्ना की है, जिनका पूरा नाम ओम सिंह राठौड़ था। 1991 की गर्मियों की रात जब वे अपनी बुलेट 350 मोटर साईकिल पर गांव जा रहे थे तो एक सड़क हादसे में उनका उनका निधन हो गया। कहा जाता है कि इस हादसे के बाद पुलिस वाले इस मोटर साइकिल को थाने ले आए लेकिन दूसरे दिन सुबह ही थाने से यह मोटर साइकिल गायब हो गई। तलाश करने पर मोटर साइकिल उसी दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई। कई बार मोटर साइकिल को दुबारा थाने लाए और यहां तक कि उसका पैट्रोल टैंक भी खाली किया लेकिन हर बार यह मोटर साइकिल थाने से गायब हो दुर्घटना स्थल पर अपने आप पहुँच जाती। आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह की मृत आत्मा की इच्छा समझ उस मोटर साइकिल को उसी पेड़ के पास रख दिया।बताया जाता है कि ओम बन्ना की आत्मा उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देता या धीरे कर देता ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने। ऎसी कई किवदंतियां यहां रहने वाले लोगों के मुंह से सुनी जा सकती है जिसमें ओम बन्ना की आत्मा ने उनकी जान बचाई। जब यह बात यहां के लोगों को पता चली तो उन्होंने उस स्थान पर चबूतरा बनवा कर ओम बन्ना का मंदिर बनवा दिया। यहां पर रोजाना बाकायदा पूजा की जाने लगी।
तो ये थे भारत के 10 अचरज भरे स्थान, इनमें से आप कौन सी जगह जाने का सोच रहे है? कमेंट करके जरूर बताए।