हिमाचल प्रदेश पहाड़ों से घिरे शहरों और कस्बों के लिए तो मशहूर है ही, लेकिन कुछ गिने चुने मुसाफिर और ट्रेकर्स को ही पता है कि यहाँ चमकीली झीलें और उनसे घिरी शानदार जगहें भी हैं। ये जगहें आज भी आम यात्रियों की नज़रों और ट्रैवल प्लान से नदारद हैं। इनमें कुछ झीलें तो अध्यात्मिक महत्व भी रखती हैं और पुराणों में भी इनका नाम है।
तो चलिए आज के दिन का इस्तेमाल हिमाचल की इन सुरमई झीलों की जानकारी इकट्टठा करने में करते हैं।
1. नाको झील, किन्नौर जिला
नाको गाँव में किसी नगीने की तरह झिपी है नाको झील, जो इस गाँव के पीछे की तरफ पड़ती है। हरे पेड़ों से घिरी ये झील शाम बिताने के लिए एकदम परफेक्ट है। एक छोटी सी ऊँची चढ़ाई की मेहनत आपको नाको गाँव और झील का शानदार नज़ारा दिखाती है, और ये हिमाचल प्रदेश की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है।
2. चंद्रताल, लाहौल और स्पीति जिला
बीते कुछ सालों में ये झील ट्रेकर्स की पसंदीदा जगह के रूप में उभरी है। रोमांच के दीवाने या तो बट्टल के रास्ते से या कुंजुम दर्रे से होते हुए यहाँ पहुँचते हैं। पूरे हिमाचल में सबसे शानदार ये झील ऊँचे समुद्र टापू पठार के बीचों-बीच छिपी है और रात को तारो भरे आसमान तले स्टारगेज़िंग के लिए एक परफेक्ट जगह है।
3. रेवालसर झील, मंडी जिला
रेवाल्सर झील को त्सो पेमा लोटस झील के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि गुरु पद्मसंभव की आत्मा रेवाल्सर झील और इसके पास बसे छोटे से द्वीप में बसती है। रिवालसर ही वो जगह है जहाँ से गुरु पद्मसंभव ने तिब्बत का रुख किया था और वहाँ महायान बौद्ध धर्म का प्रसार किया था।
4. धनकर झील, लाहौल और स्पीति जिला
सबसे राजसी गोम्पा में से एक, धनकर, यहाँ ऊँची पहाड़ियो के टॉप पर मौजूद है। इसी पहाड़ी से 20 मिनट के ट्रेक के बाद ही यात्रियों को धनकर झील की झलक मिलती है। 13000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर, ये झील बर्फीली बंजर चट्टानों से घिरी हुई है और यहाँ से स्पीति और पिन नदी के जादुई संगम का नज़ारा पेश करती है। धनकर झील हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊँची झीलों में से एक भी है।
5. करेरी झील, कांगड़ा जिला
इस झील को ट्रेकिंग स्पॉट के रूप में जाना जाता है और करेरी गाँव धौलाधर पर्वतमाला पर ट्रेक करने वालों के लिए बेस कैंप की तरह भी काम करता है। झील सर्दियों के दौरान जमी रहती है और यहाँ धर्मशाला के पास मौजूद घेरा गाँव के से होते हुए पहुँचा जा सकता है।
6. पराशर झील, मंडी जिला
मंडी से 50 कि.मी. की चढ़ान पर, एक पक्की सड़क यात्रियों को बग्गी गाँव से होते हुए पराशर झील तक ले जाती है। यात्री झील तक ट्रेक कर कामरू घाटी में कैंपिंग भी करते हैं। यह ट्रेकिंग की शुरूआत कर रहे लोगों के लिए भी एक बढ़िया पॉइंट है। हिमाचल की इस छिपी हुई झील की पहली झलक किसी जादू से कम नहीं है।
7. ब्रिघू झील, कुल्लू जिला
कुल्लू जिले की यह प्रसिद्ध झील रोमांच पसंंद और प्रकृति प्रेमियों, दोनों के लिए ही एक बढ़िया जगह है। रोहतांग दर्रे के पूर्व में, यह झील समुद्र तल से 4285 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। तीखे मोड़, चढ़ान और ढलान इसे एक मुश्किल बनाते हैं लेकिन रास्ते में देवदार, स्प्रूस और ओक के पेड़ इसे हिमाचल प्रदेश के सबसे अच्छे ट्रेक मार्गों में से एक की जगह भी तो दिलाते हैं।
8. सूर्या ताल, लाहौल और स्पीति जिला
सूर्या ताल, भगा नदी का स्रोत है, जिसमें बारलाचा-ला पास के ग्लेशियर्स से भी पानी आता है। ट्रेकिंग पसंंद लोगों के लिए ये एक आम और पसंदीदा ट्रेक है और लोग अक्सर मोटरसाइकिल, बाइक या पैदल ही, केलोंग से होते हुए, झील तक पहुँचते हैं।
9. मणिमहेश झील, चंबा जिला
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिव ने देवी पार्वती से मिलने के बाद मणिमहेश का निर्माण किया। ये झील पूरे देश के तीर्थयात्रियों के लिए एक पवित्र स्थान है और हर साल अगस्त- सितंबर के महीने में सैकड़ों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा कर इस झील पर पहुँचते हैं।
10. रेणुका झील, सिरमौर जिला
हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील, रेणुका झील का नाम देवी रेणुका के नाम पर रखा गया है। रेणुका झील कम ऊँचाई वाली झीलों में से एक है, जो अक्सर उन पर्यटकों का स्वागत करती है जो वीकेंड पर आसपास पहाड़ी इलाकों की तलाश में निकलते हैं।
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