![Photo of पूर्वी भारत के दस झरने जिनकी खूबसूरती का आपको अंदाज़ा भी नहीं है। by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/TripDocument/1614156197_1614156192871.jpg)
ऊंची खूबसूरत पहाड़ियों से झर झर कर गिरते हुए झरने देखना किसे अच्छा नहीं लगता। बल्कि अगर बात करें तो बहता हुआ पानी देखकर मनुष्य का हृदय आनंदित होता है,चाहे बारिश का पानी हो या नदी का अविरल जल। झरना जल राशि का वो संसाधन है, जो मनुष्य को सर्वाधिक उमंगित करता है। प्रकृति के सबसे सुंदर प्रारूपों मे से एक है 'झरना'।
भारत के पूर्वी और सीमांत उत्तर-पूर्वी प्रदेशों में ऐसे बहुत से खूबसूरत झरने है, जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
1. लंगशिआंग झरना(Langshiang Falls):
यह खूबसूरत झरना मेघालय की खूबसूरत पश्चिमी खासी पहाड़ियों मे स्थित है, ऊंचाई की दृष्टि से यह भारत का तीसरा सबसे ऊंचा झरना है। इसकी अनुमानित ऊंचाई लगभग 1106 फुट बताई जाती है। इस खूबसूरत झरने का निर्माण क्यैंसी नदी की दो धाराओं के संगम पर होता है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको मेघालय की राजधानी शिलांग से लगभग 105 किमी की यात्रा करनी पड़ेगी। इस झरने को सबसे अच्छा समय मार्च से अक्टूबर के बीच है।
![Photo of Langshiang Falls, Meghalaya, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614154599_1614154597117.jpg.webp)
2. नोहकालिकाई झरना (Nohkalikai Falls):
यह भारत के सबसे अच्छे फोटोजेनिक झरनों में से एक है। और ऊंचाई की दृष्टि से भी भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। इस खूबसूरत झरने के नाम के पीछे एक दुखभरी और हृदयविदारक घटना है। दरअसल इसका नाम एक लिकाई नाम की स्त्री के नाम पर पड़ा, लोककथा के अनुसार लिकाई ने किसी दूसरे व्यक्ति के साथ विवाह किया था, जो उससे तो प्रेम करता था, लेकिन उसकी बेटी से घृणा करता था। क्योंकि उसको लगता था कि लिकाई अपनी बेटी की वजह से उस पर ध्यान नहीं देती। एक दिन जब जंगल गई थी, तब उसके पति ने उसकी बेटी को मार दिया, और उसके मांस को पका दिया। जब लिकाई वापस लौटी तो उसको वहीं मांस परोस दिया। जब बाद में सच पता चला, तो लिकाई ने इस झरने से कूदकर अपनी जान दे दी। नोहकालिकाई का शाब्दिक अर्थ होता है 'लिकाई की छलांग'।
यह झरना चेरापूंजी के पास है, और यहां धुंध छाई रहती है। कई बार धुंध में ये झरना दिखता ही नहीं है। फिर भी सबसे अच्छा समय सितम्बर-अक्टूबर के बीच है।
![Photo of NohKaLikai Falls, Meghalaya by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614154795_1614154793434.jpg.webp)
3. काकोचांग झरना (Kakochang Waterfall):
काकोचांग झरना असम के गोलाघाट जिले के बोकाखाट नामक स्थान के पास पड़ता है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर यह झरना, विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से सिर्फ 35 किलोमीटर की दूरी पर है। झरने की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मानसून के बाद का है, जब भारी वर्षा के कारण झरना प्रचुर मात्रा में पानी के साथ तेज़ी से गिरता है। काकोचांग झरने से आप नुमालीगढ़ में प्राचीन खंडहर भी देख सकते हैं। इन प्राचीन खंडहरों का विशेष पुरातात्विक महत्व है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटक आसानी से काकोचांग झरने के लिए एक दिन की यात्रा की योजना बना सकते हैं।
![Photo of Kakochang Falls, Koilakhat, Assam, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155012_1614155010385.jpg.webp)
4. नोहशंगथियांग झरना (Nohsngithiang Falls):
नोहशंगथियांग झरना मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ी जिले के मावसई गाँव में स्थित है, जिसकी वजह से इसे मावसई जलप्रपात भी कहा जाता है। नोहशंगथियांग फॉल्स का पानी लगभग 1033 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जो सात भागों विभाजित होता है। इसलिए इस झरने को सेवन सिस्टर फॉल्स भी कहा जाता है। इस झरने का दृश्य मौसमी है जो केवल बरसात के मौसम में चूना पत्थर से ढकी पहाड़ियों के ऊपर देख जा सकता है। सेवन सिस्टर झरना सूर्यास्त के दौरान बहुत मनमोहक दिखाई देता है, और सूर्योदय के दौरान यहां पर एक बारहमासी इंद्रधनुष बनता है जो यहां का प्रमुख आकर्षण है।
![Photo of Nohsngithiang Falls, Meghalaya, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155164_1614155162642.jpg.webp)
5. आकाशीगंगा झरना (Akashiganga Waterfalls):
यह असम का सबसे बड़ा झरना है और पवित्र भी। यह मनोरम झरना असम के नाओगांव के पास स्थित है। इसका धार्मिक रूप से विशेष महत्व माना जाता है, भगवान शिव और माता सती की पौराणिक कथा का सम्बन्ध इस खूबसूरत झरने से बताया जाता है। इस दैवीय झरने का दृश्य बरसात के बाद और भी मनमोहक दिखाई देता है।
![Photo of Akashi Ganga Waterfall, Bheroni, Assam, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155269_1614155267446.jpg.webp)
6. वानतांग झरना (Vantawng Falls):
इस झरने को देखने के लिए आपको मिजोरम की राजधानी आइजोल से 104 कि.मी की दूरी पर आना होगा। पहाड़ी घाटियों और घनी वनस्पतियों से घिरा वानतांग दूर से किसी दूध की नदी जैसा लगता है। यहां के आसपास का वातावरण यहां आने वाले लोगों को काफी ज्यादा आकर्षित करता है। इस जलप्रपात को दूर से ही देखा जा सकता है, क्योंकि यह घने जंगलों से घिरा हुआ अकेला जलप्रपात अलग ही दिखाई देता है। वानतांग झरना वानवा नदी से जल प्राप्त करके अपने रूप को धारण करता है। इस झरने को देखने का सबसे सही समय सितंबर से जनवरी के मध्य है।
![Photo of Vantawng Falls, New Serchhip, Serchhip, Mizoram, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155342_1614155338823.jpg.webp)
7. नूरानंग झरना (Nuranang Falls):
इस झरने का दूसरा नाम बोंग-बोंग झरना भी है। यह बहुत ही मनमोहक झरना है। इस झरने का एक दृश्य राकेश रोशन की फिल्म कोयला में भी देखा जा सकता है। 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता पानी एक अदभुत दृश्य बनाता है। नूरानंग झरना बोमाडिला और तवांग को जोड़ने वाली सड़क से कुछ दूरी पर स्थित है, यह तवांग जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर है।
![Photo of Nuranang Waterfalls, Cona, Shannan by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155404_1614155402393.jpg.webp)
8. कंचनजंगा झरना (Kanchenjunga Falls):
बड़ी बड़ी ग्रेनाईट की चट्टानों के बीच से गिरती हुई दूधिया पानी की धाराएं देखना, बहुत सुहावना दृश्य उपस्थित करता है। वैसे तो कंचनजंगा का पूरा क्षेत्र बहुत खूबसूरत है, लेकिन यह झरना इस खूबसूरती को और बढ़ाता है। पर्यटक युक्सोम जाते समय इस स्थान के सुंदर दृश्य को देखने के लिए यहाँ रूकते हैं। यह एक जुड़वा झरना है, जो पेल्लिंग से लगभग डेढ़ घंटे की दूरी पर है।
![Photo of Kanchenjunga Falls, Sikkim, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155464_1614155461206.jpg.webp)
9. एलिफैंट झरना (Elephant falls):
यह झरना शिलांग शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। इस झरने का स्थानीय नाम ‘का कशैद लाई पातेंग खोहस्यू’ है, जिसका अर्थ होता है- तीन चरणों में क्रमबद्ध पानी का गिरना। अंग्रेजों द्वारा इस झरने का नाम एलिफेंट फॉल दिया गया था, क्योंकि यहां की एक चट्टान हाथी से काफी मिलता-जुलती थी। 1897 में इस क्षेत्र में आए भयानक भूकंप से इस चट्टान का कुछ भाग नष्ट हो गया था। इस झरने में काले चट्टान के ऊपर से दुधिया पानी बहता है, जो कि इसकी खासियत भी है।
![Photo of Elephant Falls, Upper Shillong, Shillong, Meghalaya, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155523_1614155521384.jpg.webp)
10. क्यिनरेम झरना (Kynrem Falls)
क्यिनरेम झरना भारत का 7वाँ सबसे ऊँचा झरना है और यह सोहरा (चेरापूँजी) की पहाड़ियों से तीन चरणों में गिरता है। कई अन्य छोटे झरनों के साथ बरसात के मौसम में क्यिनरेम झरने का नजारा शानदार होता है। इस शानदार झरने को देखने का सबसे बेहतर स्थान थंगखारंग पार्क है, हलाँकि आप झरने के निचले भाग को चेरापूँजी से बाँग्लादेश को जोड़ने वाली सड़क से भी देख सकते हैं।
![Photo of Kynrem falls, Cherrapunji, Meghalaya, India by Prince Verma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/340504/SpotDocument/1614155703_1614155700205.jpg.webp)
तो दोस्तों आप इनमें से कौन से झरने को देखने का प्लान बना रहे है? या आप पहले से घूम चुके है तो कमेंट करके जरूर बताए।
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