छुट्टी का मतलब मेरे लिए 3 चीज है। पहला घूमना, दूसरा घूमना और तीसरा घूमना। सोने में, टीवी, मूवीज देखने में मैं अपनी छुट्टी को बर्बाद नहीं करना चाहता।
19 अगस्त 2022 को चंडीगढ़ लैंड करने के कुछ समय बाद ही मैं चल पड़ा हिमाचल प्रदेश की ओर। शाम को ६ बजे की बस पकड़ कर मैं निकल लिया मनाली की ओर, लेकिन बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से बस मंडी में ही रुक गयी आगे रास्ता बंद था।
एक रात मंडी में बिताने के बाद अगले दिन में निकल लिया मनाली के लिए और दिन में 12 बजे मनाली पहुंच गया। अब जाना था लेह मनाली हाईवे पर बसी एक चोटी सी जगह भरतपुर में जहाँ से यूनाम पीक (6111 मीटर ) का ट्रेक शुरू होता है।
भरतपुर तक के रास्ते में अटल टनल, जिस्पा, दरचा, सिसु, दीपक ताल, सूरज ताल और बारलाचा पास यहाँ के दर्शन करते हुऐ जाना हुआ।
अगले दिन यूनाम पीक के समिट कैंप तक का सफर तय किया साथ में यूनाम लेक देखने का मौका भी मिला।
अगले दिन यूनाम पीक समिट किया और वापस भरतपुर टेंट कालोनी तक का सफर तय किया।
उसके अगले दिन मनाली पहुंच कर आराम किया। अगला दिन होते ही सीधे निकल गये स्पीति वैली के किब्बर नामक प्यारे से गाँव की ओर जो हिम तैंदुवे के लिए प्रसिद्ध है। शाम तक किब्बर में थे।
अगले दिन किब्बर गाँव घूमने के बाद माउंट कनामो ( 5974 मीटर ) के एडवांस बेस कैंप तक का ट्रेक किया।
अगले दिन सुबह 3 बजे ट्रेक शुरू कर के 10 बजे समिट किया। साथ ही भारत का 328 फिट का लम्बा झंडा फहराकर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। शाम तक वापस किब्बर गाँव तक का ट्रेक किया।
अगले दिन समय था स्पीति वैली घूमने का। अगले दिन दुनियाँ का सबसे ऊँचा गाँव कॉमिक गाँव, दुनियाँ का सबसे ऊँचा पुल चिचम पुल, दुनियाँ का सबसे ऊँचा पोस्ट ऑफिस हिक्किम घुमा। साथ में काज़ा, की मोनेस्ट्री, लाँजा घुमा।
उसके अगले दिन चंद्रताल और कुंजम पास होते हुऐ मनाली वापस आ गये। इस तरह से 10 दिन में हिमाचल प्रदेश का बहुत कुछ हिस्सा कवर कर लिया।