सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह.....

Tripoto
19th Feb 2021
Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

जैसा की हम सब जानते है कि भारत विभिन्न सँस्कृतियों का देश है। हर राज्य की अपनी खूबसूरती और विशेषता है।

बंगाल का नाम आते ही सबसे पहले यहाँ के रसगुल्ले और रसगुल्ले की तरह मीठी बोली याद आ जाती है। खाने में मछली -भात का स्वाद मुँह में आ जाता है। और याद आती है बड़ी-बड़ी आँखें और लंबे-लंबे बालों वाली खूबसूरत बंगाली महिलायें। बंगाल की दुर्गा पूजा की रौनक और कहीं भी देखने को नही मिलती है। बहुत ही जीवन्त प्रदेश है ये। हमेशा चहल-पहल, रौनक सी रहती है यहॉं।

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

पर्यटको के देखने के लिये यहाँ बहुत कुछ है। बंगाल का हावड़ा ब्रिज, विक्टोरिया मेमोरियल, गंगा सागर और सुन्दर बन आदि है।

बंगाल राज्य का उत्तरी भाग नेपाल, भूटान, और बांग्लादेश की अन्तर्राष्ट्रीये सीमाओं से घिरा हुआ है। भौगोलिक विविधताओं और विभिन्न जातीय समूहों की संस्कृतियों के कारण उत्तरी बंगाल पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करता है।

आज आपको उत्तरी बंगाल की ओर ले चलती हूँ, जहाँ सभी तरह के पर्यटकों की जरूरतें पूरी होती है। अब बात चाहे ट्रेकिंग की हो या रोमांचक जंगल सफारी की, वॉटर राफ्टिंग की हो या बर्ड वाचिंग की या किसी विरासत की यात्रा की, यहाँ आपको सब कुछ मिलेगा।

पर्यटको के देखने के लिये यहाँ बहुत कुछ है। बंगाल का हावड़ा ब्रिज, विक्टोरिया मेमोरियल, गंगा सागर और सुन्दर बन आदि है। बंगाल राज्य का उत्तरी भाग नेपाल, भूटान, और बांग्लादेश की अन्तर्राष्ट्रीये सीमाओं से घिरा हुआ है। भौगोलिक विविधताओं और विभिन्न जातीय समूहों की संस्कृतियों के कारण उत्तरी बंगाल पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करता है। आज आपको उत्तरी बंगाल की ओर ले चलती हूँ, जहाँ सभी तरह के पर्यटकों की जरूरतें पूरी होती है। अब बात चाहे ट्रेकिंग की हो या रोमांचक जंगल सफारी की, वॉटर राफ्टिंग की हो या बर्ड वाचिंग की या किसी विरासत की यात्रा की, यहाँ आपको सब कुछ मिलेगा।

Day 1

उत्तरी बंगाल घूमने के लिये सबसे पहले सिलीगुड़ी पहुँचे। सिलीगुड़ी में रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा दोनो ही है। जहाँ अधिकतर शहरों से ट्रेन और हवाई जहाज़ आते है। रेलवे स्टेशन का नाम है न्यू जलपाईगुड़ी और हवाई अड्डे का नाम है बागडोगरा।

सिलीगुड़ी गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया के रूप में जाना जाता है। अगर आप प्रकृति को अनुभव करना चाहते है तो यहाँ से बेहतर कोई जगह नहीं है। सिलीगुड़ी अपने आप में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इस्कॉन मंदिर, सालुगरा मठ, हांगकांग मार्केट जहाँ अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों का सामान रखने के लिए जाना जाता है। उत्तर बंगाल विज्ञान केंद्र, पश्चिम बंगाल तारामंडल और प्रकृति व्याख्या केंद्र के लिए सिलीगुड़ी की सबसे मशहुर जगहों में से एक है जो पर्यटकों और स्थानीय लोगो के लिए समान रूप से लोकप्रिय है।

बिरला मंदिर

Photo of सिलीगुड़ी by Kalpana Srivastav

Tea garden

Photo of सिलीगुड़ी by Kalpana Srivastav

सालुगरा मठ

Photo of सिलीगुड़ी by Kalpana Srivastav
Photo of सिलीगुड़ी by Kalpana Srivastav
Day 2

कुर्स‌ियांग एक छोटा सा ह‌िल स्टेशन है जो सफेद ऑर्किंड के फूलों से भरा हुआ है। कुर्शियांग का स्थानीय नाम खरसांग है जिसका मतलब होता है 'सफेद आर्किड की भूमि'। सिलीगुड़ी से दार्जीलिंग जाने वाले राजमार्ग पर स्थित कुर्सियांग में देखने के लिये टी गार्डन, रेल म्यूजियम है। यहाँ की सबसे लोकप्रिय जगह है, ईगल्स क्रैग। यहाँ से आसपास की बस्तियों का, चाय के बगानो का और चारों तरफ खड़े पहाड़ों का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है।

सिलीगुड़ी से कुर्सियांग लगभग 33 किमी है जहाँ पहुंचने में करीब सवा घन्टा लगता है।

Photo of कुर्सियांग by Kalpana Srivastav
Photo of कुर्सियांग by Kalpana Srivastav
Photo of कुर्सियांग by Kalpana Srivastav

कुर्सियांग से मिरिक लगभग 50 किमी है और यहाँ पहुंचने में तकरीबं 2 घंटे लगते है। मिरिक अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिये लोकप्रिय है। रंग-बिरंगे फूल, बड़े बड़े देवदार के वृक्ष, ठंडी बहती हवा और साथ बहती सुमेंदु झील यहाँ की खासियत है। मिरिक की खूबसूरत वादियों को देखे बिना कोई भी पर्यटक आगे जा ही नही सकता है।

Photo of मिरिक by Kalpana Srivastav
Photo of मिरिक by Kalpana Srivastav
Photo of मिरिक by Kalpana Srivastav
Day 3

मिरिक से दार्जिलिंग लगभग 40 किमी है, जहाँ पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते है। दार्जीलिंग, पर्यटकों का लोकप्रिय स्थान है। चांदी की तरह चमकती सफ़ेद बर्फ की पहाड़ियां पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर करती है। यहाँ की खूबसूरती आँखों को सुकून देने वाली है। टाइगर हिल पर व्यतीत किया हुआ समय हमेशा याद रहेगा।

यहाँ पर चाय बगान, नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम जैसी आर्कषण जगह है जो मन को मोह लेती है।

सिलीगुड़ी से दार्जीलिंग एक टॉय ट्रेन भी चलती है, जो पहाड़ों के सर्पिले रास्ते से निकलती हुई बहुत खूबसूरत लगती है।

Photo of दार्जीलिंग by Kalpana Srivastav
Photo of दार्जीलिंग by Kalpana Srivastav
Photo of दार्जीलिंग by Kalpana Srivastav
Photo of दार्जीलिंग by Kalpana Srivastav
Photo of दार्जीलिंग by Kalpana Srivastav
Day 4

कंजनजंगा की पहाड़ियों से घिरे गंगटोक को पहाड़ों का देश भी कहते है। यहां से कंचनजंघा बहुत ही आकर्षित प्रतीत होता है। सिक्किम आने वाले पर्यटकों के लिए गंगटोक एक प्रमुख आकर्षण का केंद है। सिक्किम की राजधानी के साथ, गंगटोक सिक्किम का सब से बड़ा शहर भी है। गंगटोक देखकर लगता है मानो हम किसी पहाड़ की चोटी पर हैं।

Photo of गंगटोक by Kalpana Srivastav
Photo of गंगटोक by Kalpana Srivastav

गंगटोक से लगभग आठ किलोमीटर दूर है, ताशी न्यू पॉइंट। यहां से पूरे गंगटोक का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है।

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

Seven sisters water fall

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

M G Road

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

नार्थ-ईस्ट राज्यों को सेवेन सिस्टर के नाम से जाता है। गंगटोक में एक वॉटरफॉल को 'सेवेन सिस्टर' कहा जाता है, जो अपनी प्रकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है। बारिश के समय यह वॉटरफॉल अपने खूबसूरती के चरम पर होता है।

रात में गंगटोक का मॉल रोड जायें।

रुमटेक मठ 300 साल पुराना मठ है। इस मठ में एक विद्यालय तथा ध्‍यान साधना के लिए एक अलग खण्‍ड है। गंगटोक से यह मठ 24 किमी दूर है। सुबह के समय बौद्ध भिक्षुओं द्वारा की जाने वाली प्रार्थना बहुत ही कर्णप्रिय होती है।

रुमटेक मठ

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Day 5

गंगटोक से 61 किमी दूर सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक, नाथू ला दर्रा एक पास है। यह सिक्किम को चीन के तिब्बत क्षेत्र के साथ जोड़ता है। नाथू ला दर्रे का दौरा जरूर करना चाहिये। दर्रे से पहाड़ों का मनोहारी दृश्य देखने लायक है। बर्फ से ढके पहाड़ों को देखकर आपकी धड़कने थम जायेंगी। घुमावदार सड़के होने के कारण मोशन सिकनेस की समस्या हो सकती है इसलिये कुछ दवाइयाँ अवश्य रख लें। आने से पहले अंचल कार्यालय से परमिट लेना न भूलें। नाथुला दर्रा 4302 मी की ऊँचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊँची मोटर सड़कों में से एक है।

Photo of नाथुला by Kalpana Srivastav
Photo of नाथुला by Kalpana Srivastav
Day 6

कलिम्‍पोंग में आपको पश्चिम बंगाल की परम्‍परा देखने को मिलती है। नाथू ला दर्रा पास से लगभग 135 किमी दूर स्थित है कलिम्‍पोंग, जहाँ पहुंचने में करीब 4.30 घन्टे लगते है। यह एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन है।

यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है–दियोलो गार्डेन। यह एक पहाड़ी पर स्थित है जहाँ पेड़–पौधों को सजा–सँवारकर सुन्दर पार्क बनाया गया है। पहाड़ी के किनारे पर खड़े होकर घाटी में बसे छोटे–छोटे गाँव और उनपर मँडराते बादल आप पर ऐसा सम्मोहन करेंगे कि वापस जाने का मन नहीं करेगा। दियोलो गार्डेन में पैराग्लाडिंग की सुविधा भी है। दियोलो गार्डेन के पास हनुमान मंदिर है। जहाँ हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा लगी है। और थोड़ा आगे सड़क के दूसरी तरफ भगवान बुद्ध की पद्मासन में स्थित एक विशाल मूर्ति है।

Photo of कलिम्पोंग by Kalpana Srivastav

cactus garden

Photo of कलिम्पोंग by Kalpana Srivastav
Photo of कलिम्पोंग by Kalpana Srivastav
Photo of कलिम्पोंग by Kalpana Srivastav

लावा

ये हिमालय की गोद में बसा खूबसूरत गांव है। समुद्र तल से सात से आठ हजार फीट की ऊंचाई पर कुएं है। ये गांव वनस्पतियों से भरे हैं। पर्यटकों के लिये लावा नया और पसंदीदा जगह है। यहाँ का शांत माहौल दिल और दिमाग को बड़ा सुकून देता है। यहाँ के ट्रेक में एक गाइड होना आवश्यक है क्योंकि यह क्षेत्र वन्य जीवन से प्रभावित है और निर्जन के लिए खतरा पैदा कर सकता है। लावा में एक सुंदर मठ भी है। कलिम्पोंग से लावा तकरीबन 32 किमी दूर है और यहाँ पहुंचने में करीब 2 घन्टे लग जाते है।

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

Lava Monestery

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Day 7

डूअर्स

डूआर्स भूटान की सीमा से लगा हुआ खूबसूरत हिल स्टेशन है। डूअर्स का इलाका चाय के बागान, हरे- भरे जंगल और तीस्ता नदी के लिए प्रसिद्ध है। जंगलों और प्रकृति के प्रति उत्साही और ऐडवेंचर्स करने वालों के लिए यह जगहआदर्श है। डूअर्स अपने वन्यजीव के लिए जाना जाता है, जहां हिरणों के झुंड, एक सींग वाले गैंडे और हाथी पाए जाते है। लावा से डूअर्स पहुंचने में करीब पौने दो घन्टे लग जाते है।

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav
Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

चलसा

चलसा हिमालय की तलहटी में बसा एक सुन्दर क़स्बा है। इसके अलावा यहाँ चाय के बागान, जंगल और नदियाँ है। यहाँ के जंगल में गैंडे और हाथी पाए जाते है, इसलिए पर्यटक गाँव के किसी व्यक्ति को गाइड के रूप में साथ लेकर भ्रमण कर सकते है। यहाँ के जंगलों में हिरणों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं जैसे सांभर, धब्बेदार हिरन। इन हिरनों में कुछ भौंकने वाले हिरन भी है।

डूअर्स से चलसा पहुंचने में 10 मिनट ही लगते है।

Photo of सात दिन में घूमें उत्तरी बंगाल और सिक्किम के ये 10 खूबसूरत जगह..... by Kalpana Srivastav

चलसा पर उत्तरी भारत की यात्रा समाप्त होगी और यहाँ से सिलीगुड़ी जायेंगे, जो चलसा से लगभग 63 किमी है। यहाँ पहुंचने में आपको करीब 2 घन्टे लगेंगे।

सिलीगुड़ी से शुरू हुई यात्रा के लिये आप निजी वाहन या बस से भी कर सकते है। वैसे शेयरिंग वाहन (यदि आप 2 लोग है) ज्यादा फायदेमंद रहेंगा।

रुकने के लिये यहाँ सस्ते और महँगे सभी तरह के होटल है। खूबसूरत और आरामदायक रिसोर्ट भी है। आप गोआइबिबो द्वारा अच्छे और सस्ते होटल में भी रुक सकते है।

यूँ तो उत्तरी बंगाल घूमने के लिये सात दिन बहुत कम है क्योंकि यहाँ की हर जगह बहुत ही खूबसूरत और शांत है। आपको हर जगह जाकर लगेगा कि थोड़ी देर और ठहर जायें।

अब अगर आप आने वाले दिनो में कहीं घूमने का कार्यक्रम बना रहे है तो उत्तरी बंगाल घूमने जायें। और अगर आप वहाँ पहले ही घूम आयें है तो अपने अनुभव मेरे साथ शेयर जरूर करें।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা  और  Tripoto  ગુજરાતી फॉलो करें

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ। 

Further Reads