एक ऐसा स्थान जिसे आजादी से पहले राजपूताना कहा जाता था, अब भारत का सबसे ज्यादा टूरिस्ट्स का स्वागत करने वाले राज्यों में से एक राजस्थान कहा जाता है. राजवंशों, राजपूतों, गर्व, सम्मान, बलिदान, वफादारी और शौर्य के धागों से बुना है राजस्थान नाम का वो कपड़ा तैयार होता है जो अपने आप में सारे रंगों को घोले हुए है, तो आइये जानते है इसके कई रंगों में से इन 10 रंगों को
1.
वैभव और विलासिता की अतीत की झांकी यानी राजस्थान के ऐतिहासिक महलों में जयपुर का आमेर किला और जलमहल (पिंक सिटी), जोधपुर का मेहरानगढ़ किला और उम्मेद भवन (ब्लू सिटी) और इनके अंदर ही संग्रहालयों में संजो कर रखी गई साँस्कृतिक, राजसी और ऐतिहासिक धरोहरें हमारे अतीत के बारे मे तो बताते ही हैं; साथ ही आपको ऐहसास कराती हैं कि, आखिरकार क्यों राजस्थान रंगीला है !!
2.
सुबह नाश्ते का जायका
बसंती पोहा जलेबी, मिर्ची बड़े, कड़ी- कचोड़ी और बीकानेरी बेसन भुजिया से शुरू होकर
दोपहर के खाने में संघर्ष की जमीन से उपजी ज़रूरत यानी प्रसिद्ध दाल बाटी चूरमा, बेसन गट्टे की सब्जी, हल्दी की सब्जी और सफेद माखनिया लस्सी के साथ यहां का खाना अपने आप में अंदर कई सारे स्वाद और रंग घोले हुए होता है, जो
शाम की चाय, मोगर कचौडी और रात के खाने के साथ मालपुआ, मावा कचौडी, चमचम और रंग बिरंगी अनगिनत मुँह में पानी लाने वाली मिठाइयों के साथ, इतने अद्भुत और जीवंत रंगों का एकलौता उदाहरण लगने लगता है. और आप बरबस ही राजस्थान जाने को तैयार हो जाते हैं.
3.
जमीन पर केसरिया पत्थरों से बने घर और अन्य आर्किटेक्चर, बहुतायत में बहुत उत्तम कलाकारी से बने अनेकों जैन मंदिर,
सफेद रंग पहने जैसलमेर में तपती हुई रेत और साम्भार में नमक तथा
दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान की हरियाली
बताती हैं कि कैसे संघर्ष के ताप के बावजूद रंग मेहमान नवाजी और वैभव का ही हैं यहां की हवाओं में.
4.
कायलाना झील(जोधपुर) , पिछोला झील(उदयपुर), राणा प्रताप सागर (चित्तौड़गढ़), आणा सागर (अजमेर), चंबल (कोटा) और एक ऐसी नदी जिसकी शुरुआत तो होती है पर अंत नहीं- लुणी नदी ये सब मिलकर बताते हैं कि राजस्थान सिर्फ रेत ही नहीं बल्कि यहाँ पानी का रंग भी सर चढ़कर बोलता है.
5.
वीरता शब्द को साक्षात परिभाषित करते चित्तौड़गढ़ , कुंभलगढ़ और रणथम्भौर के ऐतिहासिक किले, हल्दीघाटी स्थान और इनके संग्रहालयों में संजोई गई महाराणा प्रताप, राणा कुंभा जैसे वीरों और अपनी आन के लिए जौहर करने वाली रानियों की धरोहरें आपको रोंगटे खड़े कर देने वाला अनुभव देते हैं.
6. रणथंभौर नैशनल पार्क सवाईमाधोपुर में बाघ, मुकुंदरा हिल्स बाघ अभयारण्य में भेड़िया(दर्रा) कोटा, केवलादेव पक्षी अभयारण्य अप्रवासी पक्षियों (भरतपुर), सरिस्का में बाघ और सियागोश बिल्ली (अलवर), राष्ट्रीय मरूस्थल अभयारण्य में मरू बिल्ली और गोंडावान (जैसलमेर) तथा पाली जिले मे स्थित जवाई हिल्स तेंदुआ अभ्यारण्य राजस्थान की जैविक विविधता और कभी ना भूलने वाला वाइल्डलाइफ अनुभव देता है.
7.
अगर आप रोड ट्रिप के दीवाने हैं तो "सफ़र खूबसूरत है मंज़िल से भी" ये पंक्तियाँ राजस्थान में चरितार्थ होती दिखाई देती हैं. यहां से ख़ाली और बेहतर सड़कें आपको कहीं नहीं मिलेंगी. यहीं सडकें आप को राजस्थान के वो रंग दिखाएंगी जिसके लिए हम और आप ट्रैवल करते हैं. NH48 हो या NH 27 शाम को आप इन रास्तों से गुज़रते हुए गाड़ी के एक तरफ सूर्यास्त होता तो दूसरी ओर चंद्रमा को उदय होते देखते है. इन्हीं रास्तों पर आपको पाली के प्रसिद्ध ओम बन्ना या बुलेट बन्ना का स्मारक, हल्दी घाटी की केसरिया मिट्टी और काला हिरण देखने को मिलते है.
8. राजस्थान का हैंडीक्राफ्ट, कपड़े पर की जाने वाली अनोखी कारीगरी, पैरों की मोजड़ियां, सिरोही की प्रसिद्ध मेटल वर्क्स की खंजर और सजावटी तलवारें, सोजत की विश्व प्रसिद्ध मेंहदी और राजस्थानी पहनावा आपको अपनी ओर चुंबक की तरह खींच लेते हैं.
9.
यहां का लोक संगीत जिसे आप सम, जैसलमेर में थार मरुस्थल में कैम्प में बैठकर स्थानीय गायकों, नर्तकियों और अन्य कलाओं के साथ देख सकते हैं. ये अनुभव अपने आप मे अनमोल है क्यूंकि जब आप सफेद रेत में बैठकर सूर्यास्त होते हुए केसरिया रंग का आसमान देखते है तो यही लोक संगीत, लोक वाद्य जैसे एकतारा, ढोल आदि आपके मन की हरियाली को तरोताजा करते हैं. रेत की बीच अरावली पर्वत श्रृंखला पर बसा छोटा मगर सर्दियों और मॉनसून में बहुत सुन्दर माउंट आबू जरूर जाएं.
10.
राजस्थान के कुछ हिस्से अभी भी भीड़ की नजरों से बचे हुए हैं जो और सब देख लेने पर भी आपको यहां बुला लेते हैं. कुम्भलघाटी, कोटा में गरडिया महादेव, चित्तौड में मेनाल झरना, रावतभाटा के जलाशय, जवाई में तेंदुए देखना, बूंदी का शानदार किला महल, रनकपुर, देसूरी नाल आपको निराश नहीं करेंगे.
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