आजकल हर शहर में ऊंची-ऊंची इमारतों में बड़े-बड़े और बेहद ही आलीशान मॉल खुल गए हैं। यह एक ऐसी जगह होती है, जहां आदमी को एक छत के नीचे ही अपने जरूरत की सारी चीजें मिल जाती हैं। मॉल कल्चर के बढ़ते प्रचलन के चलते समय-समय पर यह अटकलें लगाई जाती रही हैं कि स्ट्रीट मार्केट धीरे-धीरे लुप्तप्राय हो जाएंगे। ग्रामीण इलाकों और कस्बों से ना सही लेकिन बड़े शहरों में रहने वाले लोग मॉल के मोह के आगे स्ट्रीट मार्केट से अपना मुंह मोड़ लेंगे। लेकिन मॉल के नाम पर स्ट्रीट मार्केट को डराने वाले यह सारे ख्याल असल मे ख्याली पुलाव ही साबित हुए। क्योंकि मुंबई जैसे शहर जहां चारों तरफ बड़ी-बड़ी दुकान और मॉल बने हुए हैं, वहां भी आज कई ऐसे स्ट्रीट मार्केट हैं, जो मुंबई शहर में पर्यटकों की पसंदीदा जगह है। तो चलिए आज हम मुंबई शहर के ऐसे ही 10 शानदार स्ट्रीट मार्केट से आप लोगों को रूबरू करवाते हैं।
1) कोलाबा कॉसवे:-
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से बाहर निकलकर अगर आप गेटवे ऑफ इंडिया की तरफ बस से जाने की बजाय चहलकदमी करते हुए जाएंगे, तो आपकी मुलाकात बेहद खूबसूरत कोलाबा कॉसवे बाजार से होगी। दक्षिन मुंबई में स्थित कोलाबा कॉसवे बाजार में आपको A से लेकर Z तक यानी सब कुछ मिलेगा। शॉपिंग के लिए यहां पैरों के लिए स्टाइलिश जूतों से लेकर पहनने के लिए फैशनेबल कपड़े तक और इसके साथ ही ट्रेंडिंग कॉस्मेटिक्स भी मिल जाएंगी। यहां सिर्फ सामान ही नहीं मिलता बल्कि जिस क्वालिटी का मिलता है, वो न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी लोगों को भी अपनी तरफ खींच लेती है।
2) चोर बाजार:-
इससे पहले की आप नाम पढ़कर इस बाजार को लेकर किसी भी तरह की नकारात्मक गलतफहमी पाले, हम आपकों बता दें कि इस बाजार का यह नाम अंग्रेजों की गलतफहमी की वजह से पड़ा। दरअसल, 150 साल पुराने इस बाजार का असली नाम शोर बाजार था, क्योंकि यहां काफी ज्यादा शोर होता था। लेकिन, अंग्रेजों ने शोर को गलत तरीके से बोलकर इसका नाम चोर बाजार कर दिया। इस बाजार में आपकों सेकेंड हैंड कपड़े, ऑटोमोबिल पार्ट्स, चुराई हुई ब्रांडेड घड़ियां और उनके फर्स्ट कॉपी मिल जाएंगे। इतना ही नहीं तो यहां आपको सस्ते दाम में चोरी किए हुए विंटेज और एंटीक सजावटी सामान भी मिला जाएगा। चोर बाजार को लेकर मुंबई में एक कहावत बहुत ही प्रसिद्ध है कि यहां ग्राहक को उसके घर से चोरी हुआ सामान भी मिल जाएगा।
3) क्राफोर्ड मार्केट:-
क्राफोर्ड मार्केट का आधिकारिक नाम महात्मा ज्योतिबा फूले मंडी है। यह मार्केट ऐतिहासिक औपनिवेशिक भवन के अंदर स्थित हैं। जिसके चलते क्राफोर्ड मार्केट की भव्यता देखते ही बनती है। पुराने शैली के इस बाज़ार में मुख्यतः थोक के भाव फल, फूल और सब्जियों का व्यापार होता है। इसके अलावा यहां अलग से अनगिनत प्रकार के अनाज और खिलौनों की दुकान भी मौजूद है। सिर्फ इतना ही नहीं तो इस बाजार में आकर आप सभी प्रकार, नस्ल और उम्र के पालतू जानवरों को खरीद सकतें है।
4) लिंकिंग रोड:-
मुंबई के नामचीन इलाके बांद्रा के पश्चिमी इलाके में स्थित लिंकिंग रोड पर लगने वाला बाजार समूचे मुंबई को अपनी ओर आकर्षित करता है। खासकर शहर के युवाओं को। यहां आने पर बाजार में स्कूल-कॉलजे जाने वाले युवाओं की भीड़ को देखकर आप युवाओं में इस बाजार को लेकर लोकप्रियता के लेवल को आसानी से भांप सकते हैं। लिंकिंग रोड बाजार में आपको हर वो चीज मिलेगी, जो आप खरीदना चाहते हैं। किसी विशेष अवसर पर तो लोग अक्सर यहां कपड़े खरीदने आते हैं। भारतीय पारंपरिक पोशाक और पश्चिम के स्टाइलिश कपड़े दोनों ही आपको आसानी से मिल जाएगा। और जब शॉपिंग करते के बाद भुख लग जाए, तो पेट पूजा का भी यहाँ बहुत बढ़िया इंतजाम है।
5) फैशन स्ट्रीट:-
अगर स्ट्रीट मार्केट से सामान खरीदने का आपका लंबा अनुभव है, तो उसका इस्तेमाल आप फैशन स्ट्रीट में आकर कर सकते हैं। क्योंकि फैशन स्ट्रीट के दुकानदार आपके बारगेनिंग(मोल-भाव) स्किल की कड़ी परीक्षा लेंगे। और अगर आप दुकानदार के सामने थोड़े से भी कमजोर साबित हुए, तो वह आपकों बड़ी आसानी से 200 का माल 1000 रुपए में चिपका देगा। लेकिन अगर आपकों मोलभाव करने में महारत हासिल है, तो आप यहां मौजूद करीब 150 स्टालों से एक से एक कपड़े बेहद कम कीमत में खरीद सकते हैं।
6) बुक स्ट्रीट:-
स्ट्रीट मार्केट का मतलब सिर्फ कपड़ों, चप्पल-जूतों और खाने की ही दुकान नहीं होती। इस बात को जानने के लिए आप छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और फ़्लोरा फाउंटेन के बीच सड़क किनारे बड़े ही सुव्यवस्थित तरीके से सजाई गई किताबों की दुकान देख सकते हैं। अगर आप किताबों के शौकीन हैं और खाली समय में किताबों के पन्नों पर छपी जानकारियों को चट कर जाना आपको अच्छा लगता है, तो एक बार मुंबई का बुक स्ट्रीट घूमना तो बनता ही है। यहां आपकों साहित्य से लेकर विज्ञान और अर्थशास्त्र से लेकर जादू-टोने से जुड़ी किताबें तक मिल जाएंगी। अगर आप यह तय नहीं कर पाए कि आपको कौन-सी किताब खरीदनी है, तो आप बेझिझक किताब बेच रहे दुकानदार से भी पूछ सकते हैं। क्योंकि यहां के दुकानदार सिर्फ किताब बेचते ही नहीं तो उनके बारे में बारीक से बारीक जानकारी भी रखते हैं।
7) Sassoon Dock Fish Market:-
अगर आपको जानकारी न हो तो हम यह बता दें कि मुंबई के जो मूल निवासी हैं उन्हें 'कोली' कहा जाता है। कोली समाज के लोगों का मूल पेशा समुद्र से मछली पकड़कर बाजार में बेचना होता है। अगर आप भी कोली लोगों द्वारा खारे समुद्र से पकड़ी गई स्वादिष्ट मछलियों का स्वाद चखना चाहते हैं, तो आपकों Sassoon फिश मार्केट जरूर आना चाहिए। अब जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि अच्छी चीज के लिए थोड़ा-बहुत कष्ट तो उठाना ही पड़ता है। इसलिए Sessoon फिश मार्केट की मछली खाने के लिए आपको सुबह थोड़ा जल्दी उठना होगा। क्योंकि यह बाजार सुबह के वक्त ही लगता है। जहां हर सुबह 1500 से ज्यादा दुकानदार थोक भाव समुद्र से पकड़कर लाई गईं मछलियां बेचते हैं।
8) दादर फूल बाजार:-
फूल कितना खूबसूरत होता है और जब किसी जगह ऐसे ही हजारों खूबसूरत फूल एक साथ रख दिए जाएं, तो वो जगह कितनी खूबसूरत हो जाएगी। यह देखने और जानने के लिए आपको दादर फूल मार्केट आना होगा। मुंबई के सबसे भीड़-भाड़ वाले और व्यस्तम रेलवे स्टेशन 'दादर' के ठीक बाहर ही दादर फूल मार्केट है। यहां हर रोज सुबह की पहली किरण निकलने से पहले ही सैकड़ों की संख्या में फूल के थोक विक्रेता जमा होकर फूल बेचने के काम में जुट जाते हैं। जिसे स्थानीय लोग पूजा और किसी खास अवसर पर सजावट के लिए इस्तेमाल करते हैं। दादर का फूल मार्किट शहर का सबसे बड़ा फूल मार्केट है।
फूल कितना खूबसूरत होता है और जब किसी जगह ऐसे ही हजारों खूबसूरत फूल एक साथ रख दिए जाएं, तो वो जगह कितनी खूबसूरत हो जाएगी। यह देखने और जानने के लिए आपको दादर फूल मार्केट आना होगा। मुंबई के सबसे भीड़-भाड़ वाले और व्यस्तम रेलवे स्टेशन 'दादर' के ठीक बाहर ही दादर फूल मार्केट है। यहां हर रोज सुबह की पहली किरण निकलने से पहले ही सैकड़ों की संख्या में फूल के थोक विक्रेता जमा होकर फूल बेचने के काम में जुट जाते हैं। जिसे स्थानीय लोग पूजा और किसी खास अवसर पर सजावट के लिए इस्तेमाल करते हैं। दादर का फूल मार्किट शहर का सबसे बड़ा फूल मार्केट है।
अगर आपको जानकारी न हो तो हम यह बता दें कि मुंबई के जो मूल निवासी हैं उन्हें 'कोली' कहा जाता है। कोली समाज के लोगों का मूल पेशा समुद्र से मछली पकड़कर बाजार में बेचना होता है। अगर आप भी कोली लोगों द्वारा खारे समुद्र से पकड़ी गई स्वादिष्ट मछलियों का स्वाद चखना चाहते हैं, तो आपकों Sassoon फिश मार्केट जरूर आना चाहिए। अब जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि अच्छी चीज के लिए थोड़ा-बहुत कष्ट तो उठाना ही पड़ता है। इसलिए Sessoon फिश मार्केट की मछली खाने के लिए आपको सुबह थोड़ा जल्दी उठना होगा। क्योंकि यह बाजार सुबह के वक्त ही लगता है। जहां हर सुबह 1500 से ज्यादा दुकानदार थोक भाव समुद्र से पकड़कर लाई गईं मछलियां बेचते हैं।
9) धारावी लेदर मार्केट:-
धारावी का नाम सुनकर अगर आपके दिमाग मे सबसे पहले बहुत बड़ा स्लम एरिया आता है, तो आप गलत नहीं है। लेकिन अगर आपके दिमाग में धारावी को लेकर सिर्फ स्लम और गंदी गलियां वाली इमेज ही है,तो फिर समस्या है। क्योंकि इस इलाके में बहुत से ऐसे छोटे-छोटे उद्योग-व्यवसाय है, जिसके सहारे इनका घर तो चलता ही है, साथ में इस तरह के गृह उद्योग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। तो इसी तरह के कामों में यहां लेदर के इस्तेमाल से पर्स से लेकर बेल्ट बनाने के काम को बेहद ही खूबसूरती से अंजाम दिया जाता है। और इसी वजह से धारावी इलाके में मौजूद 200 से अधिक दुकानों में मिलने वाली लेदर से बनी चीजों को खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। बस पहले बढ़िया-सी चीज पसंद कीजिए और फिर ठीक से मोलभाव कर खरीद लीजिए।
10) ज़वेरी बाजार:-
माना सोना बहुत महंगा है, लेकिन सोना खरीदे बिना हमारा मन भी कहा मानता है। अब अगर आप मुंबई में हैं और सोने से बनी कोई ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं, तो बिना एक पल गंवाए मुंबई के नामचीन ज़वेरी बाजार आ जाइए। क्योंकि सोना से बने गहने खरीदने के लिए भारत भर में इससे बेहतर दूसरी कोई और जगह हो ही नहीं सकती। ज़वेरी बाजार कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां सोने की 1000 से ज्यादा दुकानें हैं। इन दुकानों में कुछ तो सैकड़ों साल पुरानी भी हैं। भारत में होने वाले सोने के कुल व्यापार का आधा हिस्सा तो ज़वेरी बाजार के हिस्से में ही आता है। अब तो आप समझ ही सकते हैं कि ज़वेरी बाजार में कितने बड़े पैमाने पर सोने की खरीद-फ़रोख़्त होती है।
-रोशन सास्तिक