मै अपने यात्रा वृतांत को आगे बढ़ा रहा हु अभी तक आपने मेरी यात्रा रांची से होते हुए सिलीगुड़ी फिर बंगाल का सबसे सुदूर इलाका लावा तक पहुँचे फिर उसके बाद पुरानी सिल्क रूट की यात्रा पे निकले जिसके रास्ते मे हमने रिशोप, ऋषिखोला, आरितार तक पहुँचे, अब हम उसके आगे की यात्रा बता रहे है,
आरितार में सुबह सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद, हमने अपना सारा सामान पैक किया। अगला रुकने का स्थान हमारा पदमचेन्न था। हमने फिर से एक बोलोरो बुक किया जो कि 3000 रु में जाने को तैयार हुआ साथ मे रास्ते मे आने वाला जितने भी टूरिस्ट स्पॉट थे सब घूमते हुए वो मुझे पदमचेन्न पहुँचा देता।।
सिल्क रूट में आपको एक दिन के लिए 3000-3500 रु देने पड़ेंगे चाहे आप कितना भी दूरी तय कीजिये। खैर हमने अपना यात्रा स्टार्ट किया और फिर एक घाटी से दूसरे घाटी को पार करते हुए हम आगे बढ़ते चले जा रहे थे, रास्ते मे कई सारे छोटे छोटे वाटरफॉल मिले, जहाँ पे हम सब ने मस्ती किया।।
आरितार से पदमचेन्न की दूरी करीब 30km की थी, लेकिन 30km जाने में हमे लगभग 3-4 घंटे लगे क्योंकि एक तो रास्ते भर बहुत सारे टूरिस्ट स्पॉट थे और दूसरी वो घाटी थी तो स्पीड बहुत ही कम थी।।
पदमचेन्न एक छोटा सा गांव था जो कि पहाड़ का नीचे का इलाका था और ऊंचे वाला पहाड़ को जुलुक बोलते है जहाँ 32 राउंड वाली रोड है जो अक्सर हम इंटरनेट पे देखते है।
खैर करीब करीब 2 बजे हम पदमचेन्न पहुँचे, वहाँ पे भी हमने होम स्टे बुक किया था और वहाँ भी 700 रु हर एक पर्सन का था जिसमे रहना और खाना एक दिन का।।।
हमलोग जैसे उस घर पे पहुँचे, वहाँ के होम स्टे ने बड़े अच्छे तरीके से हमारा स्वागत किये।।
शाम के वक़्त हमने पदमचेन्न को ही देखा, सड़के घुमावदार थी, चारो तरफ पहाड़ और बीच मे छोटा सा गांव।।।
अगले दिन सुबह हम जल्दी उठे क्योंकि उस दिन हमे जुलुक होते हुए गंगटोक पहुँचना था । जिसकी कुल दूरी लगभग 100km की थी और रास्ते मे बहुत सारे टूरिस्ट स्पॉट थे । एक दिक्कत और थी कि जुलुक में मौसम काफी जल्दी बदल जाता है तो आप जब भी जाये तो कोशिस करे कि जुलुक सुबह या दोपहर तक पहुच जाए ताकि आपको मौसम साफ मिले ।।
जुलुक 11000 फ़ीट की ऊँचाई पे बसा छोटा सा कस्बा था ।वह का दृश्य बहुत मनमोहक था खासकर 32 घुमावदार वाली सड़के ।।
ये जगह जुलुक से थोड़ी दूर आगे जाने पे आता है जहाँ पे समुंद्र तल से इसकी ऊचाई करीब 13000फ़ीट की होगी ,यहाँ से आपको बर्फ देखने को मिलेंगे वैसे तो बर्फ तो जुलुक से ही देखने को मिलेंगे लेकिन यहाँ से आपको पूरी सफेद चादर जैसी सड़के मिलेंगी।।।।
यहाँ पे एक छोटी सी दुकान मिलेंगी जहाँ पे आप नास्ता कर सकते है, वहाँ पे कुछ कपड़े और चश्मे भी मिल जाएंगे, चुकी हमारे पास चश्मा नही था तो मैंने वहाँ पे एक चश्मा खरीदा जो कि 300 रु की थी जबकि वही चश्मा अगर मैं अपने घर के पास खरीदता तो 100रु की होती।।। खैर चश्मा लेने के बाद वहाँ कुछ नास्ता किया और फिर बर्फ पे बहुत सारी मस्ती किया।।। समुद्र तल से ऊचाई काफी थी इसलिए जाएदा तेज़ी से थक जा रहे थे।।। फिर हमलोग वहाँ से आगे बढ़ गए, रास्ते मे सिर्फ सेना और उनकी गाड़ी नजर आएंगी ।।
बहुत सारे छोटे छोटे लेक देखने को मिलेंगे।।
ये नया मंदिर एक बना है जो कि पुराने मंदिर से थोड़ा सा आगे है, यहाँ पे आपको 100 रु में एक सर्टिफिकेट ले सकते है सेना के द्वारा जिसपे लिखा हुआ रहेगा कि आप आप 13000 फ़ीट पे आये है और वहां पे एक शिव जी की एक मंदिर मिलेगा और हमारा भारत का तिरंगा झंडा।।।
ये जगह स्विट्ज़रलैंड से कम नही है, यहाँ पे आपको सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आएगी।।।। यही से नाथुला पास जाने का रास्ता है।। हमलोग नही जा पाए थे क्योंकि उसकी परमिट गंगटोक से बनती है और हमने ईस्ट सिक्किम होते हुए गंगटोक पहुचते।। अगर हम नाथुला पास जाना है तो गंगटोक से परमिट लेकर नाथुला पास जा सकते है।।
ये जगह पे आप रोप वे का लुफ्त उठा सकते है।।
ये लेक ठंड के दिनों बिल्कुल जम जाती है।।।
यहाँ का नजारा बहुत ही मनमोहक था।।
यहाँ के बाद से हम पहाड़ की उचाईयो से नीचे आने लगे और फिर थोरे थोरे जंगल दिखाई देने लगे ।।।
रास्ते मे हमने अपने फील्ड के लिए कुछ पहाड़ के सैंपल इक्कठे किये ताकि पता किया जा सके ये कौन से रॉक के फार्मेशन से बना है।।
उसके बाद हमलोग गंगटोक पहुच गए।। करीब करीब 6 बजे आस पास हम गंगटोक पहुँचे।।
हमलोग ने पहले ही ऑनलाइन होटल बुक कर लिया था जिसका किराया 250रु था होटल का नाम जैन होटल था जो कि मॉल रोड से 500m की दूरी पे था।।
होटल पहुचने के बाद थोड़ा आराम किये और फिर मॉल रोड देखने के लिए निकल गए।।
मॉल रोड पे आने के बाद मानो ऐसा प्रतीत हुआ कि जैसे किसी दूसरे देश मे आ गए हो, इतनी सफाई और प्रकाश की चमचमाती रोशनी मानो उस जगह को कही और ला दिया हो।।
इस दिन हमने गंगटोक ही घूमने का प्लान बनाया।।
सबसे पहले हमलोग गंगटोक में बना रोप वे देखने पहुँचे।
एक बाद ध्यान दीजियेगा इस रोप वे में आप दूसरे साइड उत्तर नही सकते इसका मतलब आप सिर्फ इधर से जा सकते और फिर वापस सकते है ।।
और इसकी केबिन में बहुत जाएदा लोग होंगे वो भी खड़े होकर जाना पड़ेगा।।।
रोप वे से निकलने के बाद हमलोग एक गणेश टोक मंदिर जाने का प्लान बनाया जो कि एक पहाड़ पे था।।
हमलोग चाहते तो एक कैब बुक करते और जा सकते थे लेकिन हमलोग ने सोचा ट्रैकिंग करके वहाँ जाना था ।हमने कई लोगो से बात की फिर पूछते पूछते लगभग हमलोग ने 10km की ट्रैकिंग के बाद, उस मंदिर तक पहुँच गए।।
मंदिर काफी अच्छा था, और उस मंदिर के बाहर वहाँ के तौर तरीकों वाली ड्रेस पहन कर हम सब फ़ोटो क्लिक करवाया।।
गणेश टोक के ठीक सामने ये पार्क था जहाँ पे भी हमने काफी दूर तक ट्रैकिंग करके उस पार्क को देखा, आप चाहे तो अपना कार लेके अंदर जा सकते है।।
वहाँ पे आपको रेड पांडा देखने को मिलेगा
और फिर वहां से आने के बाद हम सभी वापस होटल आ गए और तब तक शाम भी हो चुकी थी।।
उसके बाद हम सभी फिर से मॉल रोड पे गए ताकि कुछ खरीदारी की जा सके।।।
मैंने एक जैकेट वहाँ से लिया जो कि मात्र 450 रु का था काफी अच्छा था।।
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अगले सुबह हमने नामची जाने का प्लान बनाया जो धर्मिक स्थान था।। वहाँ एक शिव जी का बहुत विशाल मंदिर देखने को मिलेगा ।।
हमने फिर से एक बोलेरो बुक किया और फिर नामची की यात्रा पे निकल गये।। रास्ते मे आपको चाय बागान देखने को मिलेगी।।
उस दिन भी गंगटोक आते आते शाम हो चुकी थी और फिर से मॉल रोड पे निकल गए।
अगले दिन हमे वापस सिलीगुड़ी पहुँचना था।।।
अब हमें इस दिन वापस सिलीगुड़ी के लिए निकलना था क्योंकि हमारी बस का समय सिलीगुड़ी से शाम के 4बजे थी।
हमने फिर से एक कैब बुक किया और लगभग 5-6 घंटे की यात्रा के बाद सिलीगुड़ी पहुच गए।।
रास्ते मे आपको तीस्ता नदी देखने को मिलेगी ।।
अगली सुबह हम रांची पहुँच चुके थे ढेर सारी यादो के साथ।।
अगर आप सोलो ट्रैवलर करना चाहते है तो आप अपने बाइक से इस रास्ते को चुनिए क्योंकि इस रूट में आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट नही मिलेगी।।
मैं इस बार बाइक से इस रूट पे जाने का प्लान बना रहा हु।।।
जिंदगी में के बार इस अनोखे रूट की यात्रा पे जरूर जाए, ये आपके जीवन की सबसे अच्छी यात्रा साबित होगी क्योंकि यहाँ पे आप प्राकृतिक का दिया हुआ सारे कुछ का अनुभव करेंगे।।
हमारा पूरा खर्च इस यात्रा के दौरान 8000 के करीब हुआ था।।
अगर इस यात्रा से जुड़े को जानकारी चाहते है तो आप बेशक मेरे दिए मेल पे संपर्क कर सकते है।।
सिल्क रूट 10 दिन और 10 खूबसूरत जगह वो भी बजट में (भाग 1)
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निखिल कुमार
sglneekhil@gmail.com