*प्रभास गिरी पर्वत कौशांबी -*
प्रभास गिरी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है | यह *पर्वत यमुना नदी* के किनारे पर स्थित है तथा मंझनपुर से लगभग *30* किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | *पौराणिक कथाओं* के अनुसार कहा जाता है कि *भगवान श्रीकृष्ण जी की मृत्यु* इसी स्थान पर हुई थी | इस समय इस पर्वत पर एक बहुत बड़ा *जैन* मंदिर है तथा यहां पर एक *9 फीट* लंबी तथा *7 फीट चौड़ी गुफा* भी स्थित है | वर्तमान समय में प्रभास गिरी पर प्रत्येक मकर सक्रांति को मेले का आयोजन किया जाता है
संदीपन घाट कोखराज कौशांबी -
यह कौशांबी का संदीपन घाट है जहां पर सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन गंगा में स्नान करने के लिए जाते हैं | यही वह जगह है जहां पर भगवान श्री *कृष्ण बलराम* और सुदामा इसी संदीपन घाट पर *संदीपनी* गुरु से *शिक्षा* प्राप्त किया था | पौराणिका कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि *भगवान श्री कृष्ण ने यहां पर 64 दिनों में 64 कलाएं* सीखी थी | यहां पर राम जानकी और लक्ष्मण जी का एक सुंदर मंदिर भी है था इसी मंदिर के पास भगवान श्री राम के परम भक्त *बजरंगबली* का भी मंदिर है।
श्री राम जानकी मंदिर बजहा कौशांबी -
यह बहुत ही सुंदर मंदिर बना हुआ है यहां पर आप जाएंगे तो अक्सर आपको भजन कीर्तन होता हुआ मिल जाएगा | यह मंदिर सफेद संगमरमर पत्थर से बना हुआ है | इस जगह पर साल में दो बार मेले का आयोजन भी किया जाता है | दोस्तों यह मंदिर कोई छोटा मोटा मंदिर नहीं है यह काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है |श्री राम जानकी मंदिर मेन रोड पर ही बना हुआ है | दोस्तो आप कौशांबी जाएं तो इस जगह पर आप जरूर जाएं आपका प्रसन्न हो जाएगा।
शीतला माता मंदिर कड़ा धाम कौशांबी -
माता जी का मंदिर *51 शक्तिपीठों* में से एक है। यहां पर दोस्तों हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। *मंदिर गंगा* नदी के किनारे स्थित है। बताया जाता है कि यह मंदिर *1000 वर्ष* पुराना है। और इस मंदिर में *शीतला माता* गधे पर बैठी हुई है। और इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में *हिंदू धर्म के अलावा* भी *अन्य धर्मों* के लोग दर्शन करने के लिए आते हैं ।
ख्वाजा कड़क शाह बाबा कड़ा धाम कौशांबी -
ख्वाजा कड़क बाबा का मजार शीतला धाम के बिल्कुल नजदीक ही है। अगर हम इतिहास में जाए तो अलाउद्दीन खिलजी के गुरु ख्वाजा कड़क शाह बाबा थे।और यहां पर एक इमली का पेड़ है जो 750 साल पुराना है। और इस मजार पर एक करिश्माई आग की भट्टी भी है | यहां की मस्जिद अलाउद्दीन के द्वारा बनवाई गई थी। इस दरगाह पर हिंदू तथा मुसलमान जाते हैं। दोस्तों यहां पर एक उर्स का आयोजन किया जाता है जिस पर पूरे हिंदुस्तान से 5 से 6 लाख लोगों की भीड़ होती है
भारत अपने आप में एक खज़ाना है तो कहीं पर प्राकृति खज़ाना या कही पर प्राचीन धरोहर या कथाएं प्रचलित हैं। ऐसे प्रचलित स्थानों की उत्सुकता हमें कई जगहों पर घूमने को प्रेरित करती है । लेकिन उनके बारे में ज्यादा जानकारी नही होती है शायद आप भी कुछ इमारतों मंदिरों या फिर प्राचीन कथाओं से जुड़ी बातो को जानने की कोशिश और कई जगह गए भी होंगे । जो आज आप इस आर्टिकल में पढ़ने वाले हैं। भारत की कुछ प्राचीन स्थानों के बारे में बताने जा रहा हूँ जिनके रहस्य आज भी अबूझ है । अंत तक जरूर पढ़ें!