# भारत का मैनचेस्टर-अहमदाबाद
वैसे तो मैनचेस्टर इगलैड का बडा शहर है। अगर भारत के मैनचेस्टर की बात तब नाम आता है अहमदाबाद का जो साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ औद्योगिक शहर है। यह गुजरात का सबसे बडा शहर है जो अपने कपड़ा उद्योग के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
जून 2014 में परिवार के साथ अहमदाबाद , गांधीनगर घूमने का अवसर मिला। कोटकपूरा (पंजाब) के छोटे से रेलवे स्टेशन से हम ने शाम को रेल ली। गर्मी की छुट्टी चल रही थी, बहुत गर्मी भी थी। अगले दिन दोपहर को हम अहमदाबाद उतर गए। होटल लिया। तब हमें ऑनलाइन होटल बुकिंग के बारे में जायदा ज्ञान न होने के कारण इसे ढूंढ ढूंढ कर ही होटल लेते थे। गर्मी में इतने बड़े और भीड़े शहर में होटल ढूंढना कोई आसान कार्य नही था। अब तो डिजिटल समय में यह सब काफ़ी आसान है। आज से 8 साल पहले इतना आसान न था। खैर हमने जैसे कैसे होटल में रूम लिया,। थोड़ा विश्राम किया। शाम को हमने मार्केट का एक राऊंड लगाया। जूस पिया। डिनर के लिए ढाबा देख कर गए। फिर रात को डिनर करने आए। रात्रि विश्राम किया , जो अगले दिन अहमदाबाद भ्रमण कर सके।
अगले दिन सबसे पहले हम ADILAJ VAV (अडालज वाव) देखने गए।
आप के मन में आ रहा होगा यह वाव क्या है।
वाव बावडी मतलब सीढीनुमा कुआं होता है। पुराने काल में पानी के संरक्षण के लिए बहुत वाव या बावड़ी बनवाए गए। उन में से ही एक है- अडालज वाव
1.अडालज वाव:- अडालज की बावड़ी गुजरात के अडालज नामक गाँव में स्थित है। इस गांव के नाम पर ही इसका नाम पड़ा। यह बावड़ी गांधीनगर से 5 किलोमीटर तथा अहमदाबाद से 18 किलोमीटर पर स्थित है। इस गांव के बारे में छोटी सी जानकारी है - यह गाँव है तो छोटा सा लेकन अपने आप में इतिहास समोय बैठा है। यह गांव प्राचीन काल में 'दांडई देश' नाम से जाना जाता था। इस गांव में स्थित वाव को रानी रुदाबाई ने अपने पति की याद में बनवाया था.वह राजा वीरसींह की पत्नी थी।
इस वाव की पाँच मंज़िल है और आठ भुजा है। वास्तुकला का नायाब नमूना यह वाव 16 स्तंभों पर खड़ा है। सूरज की सीधी रोशनी दीवारों पर सिर्फ़ थोड़े समय के लिए ही पड़ती है। इसीलिए बाहर से भीतर का तापमान 6 डिग्री कम रहता है। अंदर नीचे जाने पर थोड़ी ठंडक महसूस होती है। कितनी अस्चरज बात है प्राचीन समय में भी AC जैसे विकल्प भवन उसारी से आ जाते थे।
दूर-दराज से बड़ी संख्या में लोग इस कुएं को देखने आते रहते हैं। वास्तव में यह एक बड़े भवन के रूप में निर्मित है। भारत में इस तरह के कई सीड़ीनुमा कूप हैं।
अगली अहमदाबाद में देखने वाली जगह है - झील। जी हां झील वो भी अहमदाबाद जैसे भीड़ भाड़ वाले शहर में ।झीलों को सभी ही पसंद करते हैं। अहमदाबाद जैसे भीड़ भाड़ इलाके में अगर सुंदर झील मिल जाए कैसा लगेगा। ऐसी ही एक सुंदर झील है "काकरिया" लेक।
2.काकरिया लेक:- कांकरीया झील भारत के गुजरात के अहमदाबाद में स्थित सबसे बड़ी झील है।कांकरीया झील अहमदाबाद के दक्षिण में मणीनगर में स्थित है।काँकरिया झील को 'क़ुतुबु हौज' और 'हौज-ए-क़ुतुबु' के नाम से भी जाना जाता था। सुल्तान क़ुतुबुद्दीन अहमद शाह ने काँकरिया झील का निर्माण 15वीं शताब्दी में शुरु किया और 1451 ईस्वी में स्थापित हुई। लगभग डेढ़ कि॰मी॰ जगह में फैली इस झील के मध्य नगीनावाड़ी महल सुंदर द्वीप है। यहाँ मुग़ल काल के दौरान नूरजहाँ और जहांगीर अक्सर घूमने जाया करते थे। काँकरिया झील पर्यटकों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ नौका विहार का भी उत्तम प्रबंध है। काँकरिया झील के चारों ओर बहुत ही ख़ूबसूरत बगीचे है और इसी झील के निकट बाल वाटिका, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं।
अहमदाबाद जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर में जागिंग करने के लिए यह जगह उत्तम है। यहा बैठ कर बहुत ही सुकून व शांति मिलती है।
लेक पर जाने के लिए हम ने टिकट काऊंटर पर लाईन में लग कर 10 रुपए प्रति मैबर के हिसाब से 5 टिकट ली। मेरा मन बोटिंग करने का था। मम्मी को डर लगता था कही मेरी बेटी डूब न जाए। इस लिए उनहोंने मना कर दिया। 😔
हमेशा मन में बोटिंग न करने का गम रहेगा।
यहा पर आप ओर भी एकीविटी कर सकते है। राईडस ले सकते है।
बाकी की जगहों बारे अगले भाग में बात करेंगे।
धन्यवाद।