-- धामेक स्तूप --
धामेक स्तूप एक वृहत स्तूप है और यह उत्तर प्रदेश के निकट वाराणसी में स्थित है।
यह वाराणसी से लगभग 13 km की दूरी पर स्थित है।
धामेक स्तूप का निर्माण लगभग 500 ईसवी में बनवाया गया था । यह स्तूप मौर्य साम्राज्य के शासक अशोक के द्वारा 249 ई.पू. में बनवाये गए एक पूर्व स्तूप के स्थान पर किया गया था।
यह सारनाथ की सबसे आकर्षक दृश्य है। जोकि बेलननुमा के आकर मे बना हुआ
इस बेलनाकार स्तूप का आधार व्यास 28 मीटर है जबकि इसकी ऊंचाई 43.6 मीटर है।
धमेक स्तूप को बनवाने में पुराने जमाने के हिसाब से बनाया गया जिसमे ईंट रोड़ी और पत्थरों को अधिक मात्रा में प्रयोग किया गया है और इस स्तूप में कला का अद्भुत दर्शन होते हैं जोकि स्तूप के निचले तल में शानदार फूलों की नक्कासी की गई है
धामेक स्तूप एक बौद्ध धर्म से संबंधित है
-- चौखंडी स्तूप --
चौखंडी स्तूप भी धमेख स्तूप के कुछ ही दूरी पर स्थित है
जोकि सारनाथ स्थित प्रमुख स्मारको में से एक चौखंड स्तूप है,
जो सारनाथ से लगभग 800-900 मीटर में ऊंची आकृति के रुप मे बना हुआ है ।
यह भी स्तूप एक बौद्ध स्तूप है इस स्तूप का जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी पुस्तक में किया था।
इस स्तूप का आकार तख्ता के समान है जोकि चौकोर की आकृति दरसाती है। यह लेक्चर हाल के समान उपर से नीचे की ओर ढाली गई है
इसलिए इसे चौखंडी स्तूप कहते हैं। इस स्तूप में ईंट और रोड़ी का बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया है।
यह विशाल स्तूप चारों ओर से अष्टभुजीय मीनारों से घिरा हुआ है। कहा जाता है यह स्तूप मूल रूप से सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था।गुप्त काल में यह विशाल स्तूप बन गया था उस काल में बौद्ध धर्म के प्रचारक सम्राट अशोक ने बनवाया था
जो आज घ्वस्त की कगार में है