गुजरात के सबसे ऊंचे पर्वत गिरनार की यात्रा भाग - 1 अंबा जी मंदिर तक रोपवे से यात्रा

Tripoto
1st Aug 2021
Day 1

#मेरी_गिरनार_पर्वत_यात्रा
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नमस्कार दोस्तों
आज  आपके सामने गुजरात के प्राचीन और पवित्र गिरनार पर्वत की यात्रा का सफरनामा लेकर आया हूं । जब से गुजरात में नौकरी करने आया हूँ तब से पूरा गुजरात घूमने की इच्छा मन में प्रबल हो रही हैं। यहीं इच्छा मुझे गुजरात के गिरनार पर्वत की यात्रा पर ले आई । दोस्तों गिरनार गुजरात का बहुत ही पवित्र पर्वत हैं जहां हिंदू और जैन धर्म की काफी मानयता हैं। ऐसा कहा जाता है सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी भी अपनी उदासी यात्रा में गुजरात भ्रमण दौरान गिरनार पर्वत पर आए थे। गिरनार पर्वत शुरू से ही साधू संतो की तपोभूमि रहा हैं। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के प्रसिद्ध तीर्थ बाबा बालक नाथ जी ने हिमाचल प्रदेश में तपस्या की लेकिन बाबा बालक नाथ जी का जन्म भी गुजरात के जूनागढ़ जिले में गिरनार की पहाड़ियों के आसपास ही हुआ है।
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गिरनार यात्रा के लिए सबसे पहले आपको गुजरात के जूनागढ़ शहर पहुंचना होगा । जूनागढ़ गुजरात का जिला हैं जो गुजरात के बाकी शहरों अहमदाबाद, राजकोट आदि से बस और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। जूनागढ़ में रहने के लिए बजट और महंगे हर तरह के होटल मिल जाऐंगे। वैसे जूनागढ़ से 7 किमी भवनाथ तलहटी हैं जहां से गिरनार पर्वत पर चढ़ने के लिए सीढियां शुरू होती हैं और गिरनार रोपवे भी बना हुआ हैं। भवनाथ तलहटी में भी आप रुक सकते है। यहां भी धरमशाला और होटल बने हुए हैं।  मेरे हिसाब से आपको गिरनार पर्वत चढ़ने से पहले एक रात जूनागढ़ या भवनाथ तलहटी में रुकना चाहिए और गिरनार की चढ़ाई पैदल या रोपवे से अगले दिन सुबह शुरू करनी चाहिए कयोंकि सुबह सुबह आप चढ़ाई आराम से चढ़ जायोगे और जैसे जैसे धूप बढ़ेगी तो पसीना बहुत निकलने लगेगा और चढ़ने में दिक्कत आऐगी ।
दोस्तों गुजरात की मेरी जयादातर यात्राएं राजकोट के मेरे होमियोपैथिक कालेज से शुरु होती हैं। इस बार भी शनिवार को कलास लगाकर 4 बजे शाम को अपने कालेज से पिठ्ठू बैग में दो जोड़ी कपड़ों और पानी की बोतल के साथ मेरी यात्रा शुरू हो गई। कालेज की बस से मैं शाम को पांच बजे तक राजकोट शहर पहुंच गया । जहां मैं राजकोट के बस स्टैंड गया वहां से मुझे जूनागढ़ की सीधी बस मिल गई । जूनागढ़ मैं रात को आठ बजे तक पहुंच गया। वहां मैंने जूनागढ़ के बस स्टैंड के पास होटल पिकनिक में 500 रुपये में रुम बुक कर लिया । जूनागढ़ के बाजार में एक रेस्टोरेंट में गुजराती थाली खाकर मैंने अपना डिनर किया। होटल में वापिस आकर कुछ देर तक टीवी देखकर और सुबह का चार बजे का अलार्म लगाकर मैं सो गया । सुबह चार बजे मोबाइल के अलार्म ने जगा दिया तो मैंने इसी अलार्म को पांच बजे का करके एक घंटा और  नींद पूरी कर ली। पांच बजे उठ कर फ्रैश होकर नहा धोकर तैयार होकर मैं गिरनार यात्रा पर निकलने के लिए । होटल रिशेप्शन  वाला आदमी बहुत अच्छा था। उसने मुझे कहा अगर आप के पास कोई कीमती सामान नहीं है तो आप अपना बैग यहीं रख जाओ और वापसी पर ले जाना कयोंकि बैग उठा कर चढ़ने में दिक्कत होगी । मेरे बैग दो होमियोपैथी की किताबें, एक चादर और कुछ कपड़ें थे । मैं अपने पिठ्ठू बैग को होटल रुम में छोड़कर सुबह छह बजे होटल से निकला । कुछ दूर चलने के बाद मुझे भवनाथ तलहटी जाने वाला शेयर आटो मिल गया। बीस मिंट में भवनाथ तलहटी पहुंच गया। वहां एक चाय की दुकान पर  चाय और बिस्कुट खाकर मैं गिरनार रोपवे वाले सथल पर पहुंच गया। वैसे गिरनार रोपवे सुबह 7 बजे से शुरू होता है और शाम को 5 बजे बंद होता है। मैंने गिरनार रोपवे की आने जाने की टिकट पहले ही udankhatola.com से बुक कर रखी थी। गिरनार रोपवे में  एक तरफ का किराया 400 रुपये और दोनों तरफ आने जाने  का किराया 700 रुपये हैं। मैंने 700 रुपये वाली आने जाने वाली टिकट बुक कर ली थी। गिरनार रोपवे एशिया का सबसे लंबा रोपवे हैं। इस रोपवे की लंबाई 2320 मीटर हैं । इसके दो पलेटफार्म है। भवनाथ तलेटी और अंबा जी मंदिर । नीचे भवनाथ तलेटी जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 168 मीटर हैं और अंबा जी मंदिर की 800 मीटर हैं। आप गिरनार रोपवे से ऊपर तक आठ मिन्ट का समय लगता हैं। इस रोपवे के बारे में पलानिंग तो 1983 ईसवीं में की थी लेकिन इसको तैयार 2018 में किया गया। सुबह साढे़ छह बजे मैं गिरनार रोपवे में अपनी टिकट मोबाइल में दिखाकर बैठ गया और दस मिन्ट के अंदर अंबा जी मंदिर के पास पहुंच गया । जूते उतार कर कुछ सीढियों को चढ़ कर माता अंबा जी के दरबार में पहुंच गया।  मंदिर के अंदर फोटो खींचने की मनाही हैं। माता अंबा जी को माथा टेक कर मैं बाहर आया , वहां कुछ बैंच लगे हुए हैं वहां से मैंने भवनाथ तलेटी और दूर दूर से दिखाई देते  जूनागढ़ के मनमोहक नजारों का आनंद लिया। माता अंबा जी के गुजरात में दो मंदिरों में दर्शन किया है । पहला राजस्थान के आबू रोड़ के पास अंबा जी और दूसरा जूनागढ़ के पास गिरनार पर्वत पर अंबा जी के ।
कुछ देर आराम करने के बाद मैं अंबा जी से आगे पैदल चल पड़ा ।

अंबा जी मंदिर गिरनार पर्वत से जूनागढ़ का दिखाई देता खूबसूरत दृश्य

Photo of Girnar Hills by Dr. Yadwinder Singh

गिरनार रोपवे

Photo of Girnar Hills by Dr. Yadwinder Singh

मैं गिरनार रोपवे में

Photo of Girnar Hills by Dr. Yadwinder Singh

अंबा जी मंदिर गिरनार

Photo of Girnar Hills by Dr. Yadwinder Singh

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