अगर आप ट्रैवलिंग के शौकीन हैं तो आपका सपना ज़रूर होगा कि बाइक से सुंदर हिमालय की यात्रा करें। हालांकि इन दिनों ज्यादातर नाॅर्थ इंडियन हिल स्टेशन पहले से भरे हुए हैं। मनाली, शिमला और ऋषिकेश जैसी जगह ट्रैफिक जाम से जूझ रहे हैं। यहाँ आकर लोग छुट्टी का आनंद नहीं ले पाते बल्कि परेशानियों से जूझते-रहते हैं। वो भी जूझते हैं सुकून और शांति पाने के लिए, वो जूझते हैं कुछ पल अपने साथ बिताने के लिए। हिपस्टर्स और बाइकर्स पहले से ही लद्दाख और स्पीति जैसे जगहों पर जा रहे हैं। लेकिन इन जगहों पर आपको कुछ नया नहीं मिलेगा।
यदि आप हिमालय की भीड़ वाली जगह से दूर और ऑफ-बीट वाली जगहों पर जाने वाले बाइकर हैं तो अरूणाचल प्रदेश आपके लिए बढ़िया जगह हो सकती है। आपको अपनी बाइक हिमाचल और उत्तराखंड की बजाय, अरूणाचल की कुछ जगहों पर तो आपको भटकना ही चाहिए। इस बहुत बड़े राज्य को बहुत कम एक्सप्लोर किया गया है। यहाँ बाइकिंग करने वाले को ज़रूर आना चाहिए। यहाँ आपको घास के मैदानों से लेकर, पहाड़ों के शानदार दृश्य देखने को मिलेंगे। अगर आप बाइक से अरूणाचल प्रदेश को एक्सप्लोर करेंगे तो हमारे पास एक शानदार रूट है। जो 7 दिन में बेहतरीन जगहों से होकर गुजरता है।
सफर तेजपुर से
इस शानदार सफर की शुरूआत असम के तेजपुर से होगी। सबसे पहले आप फ्लाइट या ट्रेन से तेजपुर जाएँ। तेजपुर में एक अच्छी-सी बाइक रेंट पर लें। जिससे आप 7 दिन के इस सफर को पूरा कर सकें।
तेजपुर से जीरो
तेजपुर और जीरो के बीच की दूरी 260 कि.मी. है जिसे बाइक से कवर करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं। ये रूट असम के ब्रह्मपुत्र के किनारे-किनारे चलते हुए अरूणाचल के घास के मैदानों में घुसता है। ये शानदार नज़ारा आपको इस बाइक के सफर में ही मिलेगा। अगर आप आराम से भी बाइक चलाते हुए जाते हैं तो शाम तक जीरों पहुँच जाएँगे। रात को जीरो में थकान पूरी कीजिए।
जीरो से ऐलो
सुबह-सुबह जीरो के खूबसूरत नज़ारों का आनंद लें और फिर जीरो से ऐलो के लिए बढ़ें। जीरो से ऐलो की दूरी 320 कि.मी. है। इस लंबे सफर में आपको हरे-भरे पहाड़ और घने जंगल मिलेंगे। ये सुंदर नज़ारे आपको कई जगह पर रोकने को मजबूर कर देंगे। बीच में ब्रेक लेने के बाद भी आप ऐलो शाम तक पहुँच सकते हैं।
अगला पड़ाव- मेचुका
घास के मैदानों और पहाड़ों से होकर गुज़रता ये रास्ता बेहद शानदार लगता है। ये सारे नज़ारे ऐलो से मेचुका जाने पर मिलते हैं। ऐलो से मेचुका की दूरी 190 कि.मी. है। यहाँ आपको बर्फ से ढके पहाड़ भी देखने को मिलेंगे। मेरे ख्याल से एक ट्रेवलर के लिए ये सबसे शानदार नज़ारा होता है। इसके अलावा आप रास्ते में यहाँ के आदिवासियों की लाइफ को भी देख सकते हैं। रास्ते में आपको कुछ लटकते पुल भी मिलेंगे। जिनको पार करने के लिए आपको अपनी बाइक से उतरना पड़ेगा। इसलिए तो इस सफर को खूबसूरत और रोमांच के लिए जाना जाता है।
वापसी- बसर की ओर
आपको मेचुका तक जाना है, उसके बाद वापस लौटना है लेकिन रास्ता दूसरा होगा। जो इस सफर को और भी खूबसूरत बनाता है। मेचुका से आप लौटेंगे बसर की ओर। मेचुका से बसर की दूरी 234 कि.मी. है। इस सफर में आप सियोम नदी के किनारे-किनारे आएँगे। रास्ते आप केले और मौसम्मी के बागों का आनंद ले सकते हैं।
बसर से माजुली
बसर से आप जिस जगह पर पहुँचेगे वो दुनिया में सबसे बड़ा नदी का आइलैंड है, माजुली। 210 कि.मी. लंबे इस सफर में आपको ब्रह्मपुत्र पर कई बेहतरीन दृश्य देखने को मिलेंगे। कई जगह पर तो ऐसे नज़ारे भी दिखते हैं जो बिल्कुल एक पुल की तरह दिखते हैं। इन पर आप बड़े आराम से बाइक भी चला सकते हैं।
चुनौती भरा रास्ता
दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप को देखने के बाद का रास्ता इस सफर का सबसे लंबा रास्ता होगा। 350 .किमी. के इस रास्ते में आपकी ड्राइविंग स्किल का चैलेंज आएगा। लेकिन जब आप ये रास्ता तय कर लेंगे तो अपने आपको देश के सेबसे फेमस जगहों में से एक में पाएँगे। माजुली से आप बोमडिला पहुँचेंगे। यहाँ आप मठ में ठहर सकते हैं।
बोमडिला से तवांग
बाइकर्स इस जगह को ज़रूर जानते हैं और वे यहाँ आना भी पसंद करते हैं। उनके लिए तवांग शानदार डेस्टिनेशन है। बोमडिला में एक सुखद सुबह गुजारने के बाद आप तवांग के लिए निकल सकते हैं। बोमडिला से तवांग की दूरी 170 कि.मी. है। जिसे बड़े आराम से पूरा करने के बाद, तवांग को देखा जा सकता है।
अंतिम पड़ाव, तेजपुर
कहते हैं जहाँ से सफर शुरू होता है, वहीं से खत्म भी होना चाहिए। ये सफर तेजपुर से शुरू हुआ था। तवांग से तेजपुर की दूरी 325 कि.मी. हैं। इस लंबे सफर को पूरा करने के बाद आप बाइक वापस दीजिए। एक बेहतरीन अनुभव लेकर आप वापस अपने घर के लिए फ्लाइट लें।
इस यात्रा का रूट मैप ये हैः
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