तमिलनाडु के वलपराई की यात्रा के लिए बेहतरीन ट्रैवल जानकारी

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Photo of तमिलनाडु के वलपराई की यात्रा के लिए बेहतरीन ट्रैवल जानकारी by Nikhil Vidyarthi

वलपराई तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर है। यह अनामलाई पहाड़ियों में एक अनोखा और शांत हिल स्टेशन है। इसके आकर्षक सुरम्य दृश्य पूरे देश से पर्यटकों को अपनी ओर खीचते हैं। जिसके कारण यह पश्चिमी घाट के दक्षिण में सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों में से एक है।

वलपराई पश्चिमी घाट में अन्नामलाई पर्वत श्रेणी के शांत वादियों में स्थित है। यह दक्षिण भारत का एक छिपा खजाना है। जो भाग-दौड़, जीवन की आपाधापी और शोर-शराबे से दूर एक छोटा हिल स्टेशन है। पूरे इलाके में फैले हुए चाय तथा कॉफी के बागानों की परिदृश्य फैली हुई है। जिसे देखना सपने जैसा प्रतीत होता है। वलपराई क्षेत्र में वन बहुतायत पाए जाते हैं। जो वन कानूनों द्वारा संरक्षित है। यह कानून इस जगह पर अधिक शहरीकरण को रोकता है। समुद्र तल से 3,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित वलपराई दक्षिण भारत के सबसे अधिक युवा आबादी वाले जिलों में से एक है। वर्ष 1910 में यहां पहली चाय फैक्ट्री की स्थापना की गई थी। इस क्षेत्र में कई आकर्षक पुराने बंगले हैं, जिन्हें अब पर्यावरण के अनुकूल आवास में बदल दिया गया है।

यह शहर यह उन लोगों के लिए स्वर्ग है जो ऊटी, कोडइकनाल और कूर्ग जैसे हिल स्टेशनों की यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन इन जगहों की भीड़ से निराश हो कर मन बदल लेते हैं। एमएनसी में काम करने वाले हों या शहर के शोर से राहत पाने वाले, छात्रों से लेकर प्रकृति-प्रेमी और ट्रैकिंग पसंद लोगों तक - वालपराई की यात्रा कर निश्चित ही सुकून हासिल कर लेते हैं। वलपराई को 'सातवाँ स्वर्ग' भी कहा जाता है।

वलपराई में करने और देखने लायक कई चीजें हैं

पश्चिमी घाट से घिरे वलपराई में प्राकृतिक सुंदरता बिखरा हुआ है। इसलिए प्रकृति प्रेमियों के लिए यहाँ घूमने की बहुत जगहें हैं। नल्लामुडी पूंजोलई, लोम व्यूप्वाइंट और कूलंगल रिवर व्यू जैसे पॉइंट पर जाकर लुभावने दृश्यों में डूबना भला कौन नहीं चाहेगा। चाय बागानों, धुंध भरे पहाड़ों और झरने के मनोरम दृश्यों का आनंद लेने के लिए आपको बस यहाँ का टिकट लेना है।

वलपराई में घूमने लायक जगहों की जानकारी

अथिरापल्ली झरना

फोटो अथिरापल्ली फॉल्स

भारत के सबसे बड़े झरनों में से एक अथिरापल्ली झरना देखने के लिए वलपराई से आगे कुछ दूरी की यात्रा करनी होगी। हरे-भरे हरियाली के बीच एक ऊँचे चट्टान से गिरते पानी की तेज धारा को देखकर लोग खुद को अचंभित होने से नहीं रोक पाते हैं।

इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य

यह विभिन्न लुप्तप्राय पशु प्रजातियों का घर माना जाता है। इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव साहसिक यात्रा कर सकते हैं। इसके घने जंगलों को खंगालते हुए हाथी, तेंदुए और मकाक जैसे वन्यजीवों और पक्षियों को देखने का आनंद लेते हुए थकेंगे नहीं।

चाय के बगान

वालपराई अपने विशाल चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है। आप इन चाय के बागान में टहलते हुए चाय पत्ती की खेती की प्रक्रिया समझ सकते हैं। शांत वातावरण के बीच एक कप ताजी चाय पी कर आप कहेंगे 'ताजा हो गए'।

शोलईयार बांध

एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक है शोलईयार बांध। यह 160 फिट ऊँचा है। जो बैकवाटर और आसपास की पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य पेश करता है। बांध के किनारे शांतिपूर्ण नाव की सवारी या पिकनिक मना सकते हैं। वालपराई से शोलईयार बांध तक का ड्राइव भी बेहद खूबसूरत है।

करुमलाई बालाजी मंदिर

फोटो अलियार मंदिर

वालपराई में न सिर्फ प्रकृतिक सुंदरता बल्कि तीर्थ कर के आशीर्वाद भी ले सकते हैं। यहाँ एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल बालाजी मंदिर है। यह शहर के बीच स्थित एक शांत जगह है। यहाँ बैठ कर आप ध्यान कर सकते हैं। मंदिर के धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग ले सकते हैं। करुमलाई बालाजी मंदिर आ कर आध्यात्मिक परिवेश का अनुभव कर सकते हैं।

मंकी फॉल्स

मंकी फॉल्स घने जंगलों से घिरा एक प्राकृतिक झरना है। इसमें बैठ कर आप तरोताजा हो जाएंगे। इसके ठंडे पानी में ताजगी भरी डुबकी लगा कर झरने की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

क्या खरीद सकते हैं वलपराई में?

यहाँ खरीदारी के लिए कई चीजें उपलब्ध है। सबसे पहले प्रसिद्ध चाय बागानों की सुगंधित चायपत्ती से शुरु कर सकते हैं। इस क्षेत्र के मसाला बागान इलायची, दालचीनी, काली मिर्च और लौंग जैसे मसालों से भरी हुई हैं। स्थानीय खेतों द्वारा उत्पादित शुद्ध और प्राकृतिक शहद भी लेने लायक है। स्थानीय संस्कृति को दर्शाते जनजातीय हस्तशिल्प, जैसे बांस शिल्प और लकड़ी की मूर्तियां हैं। इसके अतिरिक्त तेल, साबुन और क्रीम सहित कई हर्बल उत्पाद मिलते हैं। कॉफी के शौकीनों के लिए, ताजी भुनी हुई फलियाँ और कॉफी पाउडर भी मिलती है।

कहाँ रह सकते हैं?

आप वालपराई के कई हेरिटेज बंगलों में रह सकते हैं। यहाँ कई पुराने औपनिवेशिक बंगले हैं जिन्हें हेरिटेज आवास में बदल दिया गया है। साथ ही वलपराई में कई प्रकार के रिसॉर्ट्स और होमस्टे भी उपलब्ध है। जो प्रकृति के बीच आरामदायक और सुंदर आवास प्रदान करते हैं। बाहरी पर्यटकों के लिए वालपराई और उसके आसपास कुछ शिविर स्थल भी हैं, जहाँ रह कर आप जंगल के शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं।

वलपराई जाने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो वालपराई का मौसम पूरे साल ठंडा और सुखद रहता है। देश भर से पर्यटक दिसंबर और जनवरी के सर्दियों के महीनों में यहाँ ज्यादा आते हैं। इन महीनों में यहाँ दिन का तापमान 25 डिग्री तक ही बढ़ता है। जिससे शहर में घूमने का मजा और भी सुखद हो जाता है। पूरे हिल स्टेशन पर शाम के समय छाने वाली धुंध परिदृश्य की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है।

कैसे पहुंचें?

कोयंबटूर और कोच्चि, वालपराई के निकटतम हवाई अड्डे हैं। कोयंबटूर से पोलाची होते हुए वालपराई तक ड्राइव करके पहुंच सकते हैं। आपको लगभग 3 घंटे ड्राइव करना होगा। आप कोच्चि से चलाकुडी होते हुए 4 घंटे ड्राइव करके भी यहां पहुंच सकते हैं। वही अगर रेल से आना हो तो यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कोयंबटूर है, जो लगभग 106 किमी दूर है। स्टेशन से टैक्सी, कैब आदि आसानी से मिल जाते हैं।

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