सिक्किम शिवालिक की पहाड़ियों पर 5500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। कंचनजंगा, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पर्वत है, को गंगटोक से देखा जा सकता है। सिक्किम का कुल क्षेत्र लगभग 7000 वर्ग किलोमीटर है । यहाँ की आबादी करीबन 6 लाख है और इस राज्य को भारत की सबसे कम आबादी वाले राज्य, गोवा के बाद सबसे छोटा राज्य भी माना जाता है।सिक्किम में बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और यहाँ की भाषा नेपाली है | सुदूर उत्तर पूर्व का सिक्किम राज्य अपने सौंदर्य के लिए ही नहीं, स्वच्छता के संस्कार और नागरिकों की जागरुकता में भी आकर्षित करता है।
तीस्ता नदी सिक्किम की जीवन रेखा हैं और राज्य का एक तिहाई हिस्सा घने जंगलों से घिरा हुआ है | सिक्किम की शोभा अट्ठाइस पर्वत श्रृंखलाएँ और स्वर्ग सी खूबसूरत झीलें बढाती हैं, जिनमें चांगू झील, गुरुडोंग्मार झील और खेचियोपली झीलें शामिल हैं | सिक्किम में नेचुरल स्पा यानि गरम पानी के अनेक चश्में भी हैं जो अपनी रोगनाशक क्षमता के कारण प्रसिद्ध हैं। सबसे महत्वपूर्ण गरम पानी के चश्में फुरचाचु, युमथांग, बोराँग, रालांग, तरमचु और युमी सामडोंग हैं। इन सभी चश्मों में काफी मात्रा में सल्फर पाया जाना है और ये नदी के किनारे स्थित हैं। इन गरम पानी के चश्मों का औसत तापमान 50° डिग्री सेल्सियस तक होता है। आठ पहाड़ी दर्रे सिक्किम को तिब्बत, भूटान और नेपाल से जोड़ते हैं ।
सिक्किम के प्रमुख शहर हैं –
•जोरेथांग •सिंगताम •रंगपो •अपर टैडोंग
प्रमुख झीलें
•गुरुदोङ्गमार •खेचिपेरी •मेन्मेछो झील •छो लामो •छङ् मो
ग्लैशियर
• लोनाक ग्लैशियर • राथोङ्ग ग्लैशियर • जेमू हिमनद
सिक्किम कैसे पहुँचे
सिक्किम, एक पहाड़ी इलाके के बावजूद, कोलकाता, दिल्ली और गुवाहाटी के अतिरिक्त अच्छी तरह से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
हवाईजहाज द्वारा
सिक्किम में एक भी व्यावसायिक हवाई अड्डा नहीं था, पर इसी वर्ष सितम्बर माह में पाकयोंग में सिक्किम का एक मात्र हवाई अड्डे ग्रीनफील्ड से हवाई सेवा शुरू होने वाली है । सिक्किम का यह पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा 400 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। ये गंगटोक से लगभग 30 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | अभी यहाँ से सिर्फ गुवाहाटी और कोलकत्ता की हवाई सेवा शुरू की जा रही है, लेकिन जल्द ही यहाँ से नेपाल, भूटान और थाईलैंड की हवाई सेवा भी शुरू हो जाएगी | इसके पहले निकटतम हवाई अड्डा बागडोगरा हवाई अड्डा (आईएक्सबी) पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी था, जो राज्य की राजधानी गंगटोक से लगभग 125 कि.मी. की दूरी पर है। बागडोगरा हवाई अड्डे से दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों के लिये नियमित हवाई सेवा उपलब्ध है ।
बागडोगरा से गंगटोक हेलीकॉप्टर सेवा द्वारा
सिक्किम पर्यटन विभाग द्वारा बागडोरा से गंगटोक तक छोटी हेलीकॉप्टर सेवा भी संचालित होती है, जिससे कि वहाँ तेजी से पहुँचा जा सकता है । अगर हेलीकाप्टर द्वारा गंगटोक जाना चाहें तो सिक्किम पर्यटन विभाग द्वारा बागडोगरा से गंगटोक तक पाँच सीटों वाले हेलीकाप्टर सेवा का लुत्फ़ उठा सकते हैं जो मात्र 35 मिनट में गंगटोक पहुँचा देता है | टिकट बागडोगरा हवाई अड्डे पर या ऑनलाइन उपलब्ध हैं | पर सिक्किम के अपने हवाई अड्डा शुरू हो जाने के बाद ये सेवा जारी रहेगी या नहीं ये अभी कहा नहीं जा सकता | ज्यदा सम्भावना है कि ये सेवा बन्द कर दी जाए |
सड़क मार्ग द्वारा
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, कालीम्पोंग, सिलीगुड़ी और न्यू जलपाईगुड़ी सीधे राज्य के गंगटोक और अन्य शहरों से जुड़े हैं। लेकिन मॉनसून के दौरान, भूस्खलन और हिमस्खलन मार्ग में अस्थायी समस्या उत्पन्न करते रहते हैं। दार्जलिंग से गंगटोक जाने के दो मुख्य सड़क मार्ग हैं पहला है वाया राजमार्ग संख्या 10 से, जिससे दुरी लगभग 98 – 99 किलोमीटर है और दुसरा सड़क मार्ग है नामची – नामतांग जिससे दुरी 125 किलोमीटर है | सिलीगुड़ी में 114 किमी दूर और दूसरा न्यू जलपाईगुड़ी, राजधानी गंगटोक से लगभग 125 किलोमीटर की दुरी है | सड़क की बढ़िया है और कहीं कोई दिक्कत वाली बात नहीं |
रेल द्वारा
सिक्किम में कोई रेल नेटवर्क नहीं है, दो रेलवे स्टेशन राज्य को देश के अन्य भागों से जोड़ते हैं | निकटतम रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी में 114 किमी दूर और दूसरा न्यू जलपाईगुड़ी, राजधानी गंगटोक से लगभग 125 किलोमीटर दूर है | ज्यादातर ट्रेनें न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन ही आती हैं, सिलीगुड़ी एक्का-दुक्का ट्रेन ही जाती हैं | इन दोनों जगहों से सड़क मार्ग द्वारा गंगटोक लगभग चार घंटे में पहुँचा जा सकता है। न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन कोलकाता और दिल्ली सहित भारत के प्रमुख शहरों के साथ जुड़ा हुआ है। गंगटोक तक का सफर बड़े आसानी से उपलब्ध टैक्सियों या स्थानीय बसों की सहायता से पुरा किया जा सकता हैं । टैक्सी शेयर भी आसानी से सिलीगुड़ी से मिल जाते हैं, न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन स्टैंड से शेयर टैक्सी मिलने में थोड़ी पड़ेशानी होती है | अगर आप टैक्सी हायर नहीं कर रहें हैं और शेयर में कम खर्च में जाना चाहते हैं तो न्यू जलपाईगुड़ी स्टैंड पर दलालों के चक्कर में न फसें और स्टैंड से बाहर सड़क पर आकर ऑटो लेकर सिलीगुड़ी स्टैंड चले जाएँ, वहाँ से शेयर टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं |
कहाँ रुकें
गंगटोक में हर बजट के होटल उपलब्ध हैं, पर खास कर गर्मियों की छुट्टियों और पीक सीजन में पूर्व से ही प्लान कर होटल की बुकिंग कर ले वरना सैलानियों के मेले में कभी - कभी होटल मिलना मुश्किल हो जाता है और परिणाम वही होता है जो हमारे साथ हुआ | अब क्या हुआ जानने के लिए मेरे दार्जलिंग और गंगटोक के यात्रा वृतान्त को पढ़ लें, पुरी जानकरी मिल जाएगी | गंगटोक में ठहरने के लिए ज्यादातर होटल महात्मा गाँधी मार्ग और राजमार्ग संख्या 31A के आसपास ही हैं | लेकिन सबसे ज्यादा पसन्द किया जाने वाला जगह है महात्मा गाँधी मार्ग, जो माल रोड़ और उसके आसपास के एरिया में है | यहाँ रूककर आप माल रोड़ पर खरीददारी के साथ माल रोड़ की रौनक का आनन्द रात्रि में चहलक़दमी करते हुए साथी के हाथ में हाथ डाल ले सकते हैं | बिल्कुल ही साफ-सुथरा माल रोड़ सैलानियों के मेले के बावजूद भी अपनी रौनक नहीं खोता | अनायास तो विश्वास ही नहीं होता कि हम हिंदुस्तान में किसी सैरगाह के मार्केट में घूम रहें हैं |
कब जाएँ
वैसे तो सिक्किम और गंगटोक बरसात को छोड़कर कभी भी घुमा जा सकता है | लेकिन सिक्किम घूमने का सबसे बेहतर समय मार्च से जून है | जून में बारिश का मौसम शुरू हो जाती है, इस समय पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि बारिश के मौसम में यहाँ आने से बचें | यहाँ गर्मियों के सीजन में घूमने का अलग ही मज़ा है | इस समय यहाँ का मौसम अपने शबाब पर होता हैं और फूलों की बहार आई होती है | यहाँ के ऑर्किड देश के बड़े शहरों के बाजारों की शोभा बढ़ाते हैं | गर्मियों में गंगटोक का तापमान 25 -26 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं बढ़ता पर सर्दियों में ये लगभग 0 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है | सिक्किम का उत्तरी भाग हर साल चार महीने बर्फ से ढके रहते हैं और यहाँ का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर जाता है। बर्फों से ढके पहाड़ों का तापमान तो गर्मियों में भी 0 से 2 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है | गर्मियों में भी गुरुदोङ्गमार, नाथुला और बाबा हरभजन मन्दिर जाने के लिए गर्म कपड़ों की ज़रूरत पड़ती है | लेकिन अगर गर्म कपड़ों का बोझ ज्यादा नहीं ढोना चाहते तो आप यहाँ भी किराए पर लॉन्ग जैकेट, बूट और दस्ताने, टोपी ले सकते हैं | पर छोटे बच्चे हैं साथ हैं तो उनके लिए गर्म कपड़ों में टोपी और मफलर पैक करना न भूले |
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