#सापूतारा
गुजरात के डांग जिले में 1000 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ सापूतारा गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन है| गुजरात टूरिज्म इसको " गुजरात की आखों का तारा सापूतारा " कह कर बुलाता है|चाहे सापूतारा की ऊंचाई 1000 मीटर के आसपास है फिर भी यहाँ का मौसम हर समय सुहावना रहता है| सापूतारा में आप झील के साथ हरी भरी पहाड़ियों के साथ खूबसूरत वियू पुवाईंट देख सकते हो| सापूतारा गुजरात के डांग जिले में महाराष्ट्र के बार्डर के पास है| सापूतारा गुजरात में है और इससे कुछ किलोमीटर बाद महाराष्ट्र शुरू हो जाता है| डांग जिले की कुल 2 लोग आबादी में 94 प्रतिशत लोग अलग अलग कबीलों से संबंधित है| सापूतारा का अर्थ सापों का घर | यहाँ के लोग सापों की पूजा भी करते हैं| सर्पगंगा नदी इस क्षेत्र में बहती है| सापूतारा के जंगलों और पहाड़ो में बहुत प्रजातियों के साप पाए जाते हैं| सापूतारा में महाराष्ट्र के पंचगनी की तरह टेबल लैंड भी है | सापूतारा में ईको पुवाईंट, सनराइज़ पुवाईंट और सनसैट पुवाईंट भी है| इसके अलावा आप मछली घर, टराईबल संग्रहालय और रोपवे का आनंद भी ले सकते हो सापूतारा में| मानसून में सापूतारा बहुत खूबसूरत लगता है| यहाँ रहने के लिए आपको गुजरात टूरिज्म के होटल के साथ और भी बहुत सारे होटल मिल जाऐगे| गुजरात टूरिज्म सापूतारा में मानसून फैसटीवल का भी आयोजन करवाता है| गुजरात में मेरी अधिकतर यात्राएँ हर बार की तरह राजकोट से शुरू होती है | गुजरात रोडवेज की एक बस हर रोज रात को गोंडल से नाशिक तक जाती है| इस बस को मैंने राजकोट से बुक कर लिया था | रात को यह बस चली और वडोदरा, सूरत होती हुई यह बस सुबह सापूतारा पहुँच गई| जब मैं सापूतारा में पहुंचा तो बहुत तेज़ बारिश हो रही थी | मैंने बस स्टैंड के पास ही एक होटल में कमरा लिया और तैयार होकर बाईक किराए पर लेकर सापूतारा घूमने के लिए निकल पड़ा |
सापूतारा झील - सापूतारा में घूमने के लिए यह झील सबसे महत्वपूर्ण टूरिस्ट सपाट है| इस झील के पास एक छोटे से बाजार में ही बाईक किराए पर मिलती है जहाँ से मैंने बाईक ली थी किराए पर| फिर मैं सापूतारा झील का आनंद लेने के लिए चल पड़ा| आसपास की हरी भरी पहाड़ियों के बीच यह झील बहुत खूबसूरत दृश्य पेश करती है| यह झील 70 फीट गहरी है| इस झील में पैडल बोट से भी बोटिंग कर सकते हो| मैंने भी इस झील में बोटिंग का आनंद लिया| झील देखने के बाद में अगली मंजिल की तरफ बढ़ गया|
मछली घर - सापूतारा में एक खूबसूरत मछली घर बना हुआ है| इस मछली घर में अलग अलग प्रजातियों की मछलियों को शीशे के फ्रेम में रखा गया है| मैंने भी इस मछली घर को देखा और कुछ तस्वीरें भी खींच ली मछलियों की | इसके साथ ही टराईबल संग्रहालय की बिलडिंग थी लेकिन यह संग्रहालय उस दिन बंद इसलिए मैं उसको देख नहीं सका |
सनराइज़ पुवाईंट - फिर मैं अपनी बाईक लेकर सापूतारा से थोड़ा बाहर सनराइज़ पुवाईंट की तरफ चल पड़ा | कुछ देर बाद मैं सनराइज़ पुवाईंट पहुँच गया| कुछ सीढ़ियों को चढ़कर मैं पुवाईंट पर आ गया| यहाँ से सापूतारा का दिलकश दृश्य दिखाई देता है| हरे भरे पहाड़ और दूर दिखाई देते खेत मंत्रमुग्ध कर रहे थे| काफी समय में कुदरत की गोद में बैठ कर इन खूबसूरत पलों का आनंद लेता रहा |
सापूतारा टेबल लैंड- फिर मैं सापूतारा के टेबल लैंड को देखने गया| उंची पहाड़ियों के बीच एक समतल मैदान को टैबल लैंड कहते हैं| इस जगह पर काफी रौनक थी | दोपहर का लंच भी मैंने इस जगह पर किया| यहाँ से सापूतारा झील का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है| मैंने यहाँ साई कलिंग भी की | आप यहाँ ऊंठ सवारी और घोड़ सवारी का आनंद भी ले सकते हो| इस जगह से मैंने दूर दिखाई देता महाराष्ट्र का ईलाका भी देखा |
सनसैट पुवाईंट - मैं जब सनसैट पुवाईंट जा रहा था तो रास्ते में ही बारिश शुरू हो गई| बारिश में सनसैट का तो कोई चांस नहीं था | रास्ते में एक जगह पर मैं काफी देर तक रुका रहा जब तक बारिश नहीं रुकी | बारिश रुकने के बाद मैं आगे बढ़ा और सनसैट पुवाईंट पहुँच गया| सूर्य की जगह बादलों ने मेरा सवागत किया| उड़ते हुए बादल बहुत खूबसूरत लग रहे थे| मैं सनसैट पुवाईंट पर बादलों की पहाड़ियों पर हो रही अठखेलियों को देखता रहा| इसके बाद में वापस सापूतारा अपने होटल में आ गया|
कैसे पहुंचे- सापूतारा आप नाशिक या सूरत से बस या कैब करके पहुँच सकते हो| नजदीकी रेलवे स्टेशन नाशिक और सूरत है | यहाँ रहने के लिए आपको हर बजट के होटल मिल जाऐगे|